Jharkhand


खनन क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर हो सकते हैं गम्भीर बीमारी के शिकार

News Pratyaksh | Updated : Wed 19th Mar 2025, 11:08 am
 जिले में दर्जनों पत्थर खदानें और क्रशर संचालित हैं. इन खदानों में काम करने वाले मजदूर पत्थर के डस्ट के कारण गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें. इसी के मद्देनजर मंगलवार को दुमका में खान सुरक्षा महानिदेशालय की ओर से स्वास्थ्य सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया.खान सुरक्षा निदेशक, धनबाद साजेश कुमार, उपनिदेशक मिथलेश कुमार और दुमका उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे की उपस्थित में जिले में चल रहे पत्थर खदानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए एक स्वास्थ्य सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उपायुक्त ने कहा कि दुमका जिले में स्टोन चिप्स का कारोबार इकलौता उद्योग है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, ताकि इस क्षेत्र से मजदूरों के पलायन को कम किया जा सके.उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखा जाता है कि खनन क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पूरी एहतियात नहीं बरती जाती है. जिस वजह से श्रमिक बीमार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या खनन क्षेत्र में धूल से होती है. धूल के कारण श्रमिकों को सिलिकोसिस, बहरापन, फेफड़े में इनफैक्शन की समस्या होती है. आप इससे बचाव से संबंधित सभी मापदंडों का पालन करें. उन्होंने कहा कि किसी भी श्रमिक को खान कार्यों में लगाने से पूर्व उसकी मेडिकल जांच करवा लें ताकि यह मालूम हो कि वह पहले से किसी बीमारी में ग्रसित तो नहीं है. अगर ऐसा है तो उससे डस्ट फ्री क्षेत्र में ही कार्य करवाएं.इसी क्रम में खान सुरक्षा निदेशक मध्य अंचल, धनबाद सागेश कुमार ने जांच शिविर में उपस्थित लोगों को महत्वपूर्ण बातों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि अब तक झारखंड में लगभग 50 सिलिकोसिस के मरीज मिल चुके हैं. हमें इस बीमारी को फैलने से रोकने का कार्य करना है. इसके लिए खनन क्षेत्र में पानी के छिड़काव की व्यवसाय रखें. पूरे खनन क्षेत्र में पानी के छिड़काव मात्र से ही 80% डस्ट को रोका जा सकता है. कैप, मास्क का उपयोग अवश्य करें.दुमका के सिविल सर्जन डाॅ बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि दुमका के गोपीकांदर और शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के माइंस एरिया में लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति काफी खराब है. यह डस्ट की वजह से होता है. डस्ट में कार्य कर रहे लोगों को खांसी होना, छाती भारी होना, कान से सुनाई कम देना जैसी कई बीमारियां होती हैं. खनन कार्य में श्रमिकों को फुल बॉडी कवर करवा कर ही काम कराएं. सिविल सर्जन ने कहा कि प्रति तीन महीने में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे और सभी श्रमिकों एवं ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी.

झारखंड निकाय चुनाव में ओबीसी को कितना आरक्षण :

News Pratyaksh | Updated : Thu 06th Mar 2025, 12:11 pm
झारखंड निकाय चुनाव में ओबीसी को कितना आरक्षण : आगामी झारखंड निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया जारी है. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ संजय सिंह और सांख्यिकी विशेषज्ञ ने बुधवार को गढ़वा एवं पलामू के इलाके का दौरा किया है.आयोग की टीम ने गढ़वा नगर परिषद के इलाके में ओबीसी की स्थिति का जायजा लिया. वहीं, गुरुवार को टीम पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र का जायजा लेगी. आयोग की टीम यह पता लग रही है कि निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी वन और ओबीसी 2 को को लेकर जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसकी सच्चाई क्या है. रिपोर्ट में दर्ज प्रतिशत की जमीनी हकीकत क्या है. आयोग की टीम इसकी जांच कर रही है. आयोग की टीम ने गढ़वा से पलामू पहुंचने से पहले विश्रामपुर नगर परिषद का निरीक्षण किया था.आयोग के नोडल ऑफिसर डॉ संजय सिंह ने बताया कि लगभग 70 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा हुआ है. पांच जिलों का दौरा हो चुका है. तीन महीने पहले से ही सभी जगह से रिपोर्ट मांगी गई है. टीम जमीनी हकीकत का पता लगा रहे हैं और इसमें पाई गई त्रुटियों में सुधारने की पहल की जा रही है. पलामू के पांच अलग-अलग इलाकों में निकाय चुनाव होना है. उन्होंने बताया कि निकाय चुनाव में ओबीसी के बारे में जानकारी ली जा रही है. जमीनी हकीकत जांच के बाद ही ओबीसी आरक्षण की स्थिति का पता चल पाएगा.

सड़क दुघर्टना में छात्रा की मौत के बाद जमकर बवाल :

News Pratyaksh | Updated : Wed 05th Mar 2025, 12:22 pm
सड़क दुघर्टना में छात्रा की मौत के बाद जमकर बवाल :हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग के धोघट्टी में कोचिंग जा रही एक छात्रा को बस ने रौंद दिया, जिससे छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।मृतक छात्रा की पहचान काजीपुर थाना क्षेत्र के निवासी नरेश शर्मा की 13 वर्षीय पुत्री अंजू कुमारी के रूप में हुई है। बताया गया है कि अंजू आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी और वह कोचिंग जाने के लिए घर से निकली थी। जैसे ही वह काजीपुर थाना क्षेत्र के धोघट्टी स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर पहुंची, तेज रफ्तार और अनियंत्रित बस ने उसे कुचल दिया। इसके बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने सड़क पर आगजनी की और जमकर नारेबाजी की, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन गुस्साए लोगों के बीच चार घंटे से अधिक समय तक हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग जाम रहा। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटना भी सामने आई, और कुछ ड्राइवरों के साथ मारपीट की गई। पुलिस द्वारा समझाने के बावजूद लोग सड़क को नहीं खोलने को तैयार थे।स्थानीय पुलिस ने बताया कि छात्रा की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। वहीं, स्थिति को शांत करने के लिए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

मिलावटी घी मामले में CBI SIT ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया :

News Pratyaksh | Updated : Mon 10th Feb 2025, 11:26 am
मिलावटी घी मामले में CBI SIT ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया :सीबीआई के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू में कथित मिलावट के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चावड़ा और एआर डेयरी के राजू राजशेखरन के रूप में हुई है.एक अधिकारी ने रविवार देर रात पीटीआई को बताया, 'चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दो लोग (बिपिन जैन और पोमी जैन) भोले बाबा डेयरी के हैं, अपूर्व चावड़ा वैष्णवी डेयरी के और (राजू) राजशेखरन एआर डेयरी के हैं.'सूत्रों के अनुसार एसआईटी जांच में घी आपूर्ति के हर चरण में गंभीर उल्लंघन का पता चला है. इसके कारण गिरफ्तारियां हुई. उन्होंने दावा किया कि वैष्णवी डेयरी के अधिकारियों ने मंदिर को घी की आपूर्ति के लिए एआर डेयरी के नाम से टेंडर हासिल किए और टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए फर्जी रिकॉर्ड बनाने में भी शामिल थे.सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने खुलासा किया कि वैष्णवी डेयरी ने झूठा दावा किया था कि वह भोले बाबा डेयरी से घी प्राप्त करती है, जबकि अधिकारियों ने पाया कि डेयरी के पास मंदिर बोर्ड तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की मांग को पूरा करने की क्षमता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने पिछले वर्ष नवंबर में तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था.उन्होंने बताया कि टीम में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल था. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 4 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा था कि लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोप की जांच एसआईटी करेगी.इसकी निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में दावा किया था कि राज्य में पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू तैयार करने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था.वर्ष 2024 में दक्षिणी राज्य में एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान नायडू ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु वसा का इस्तेमाल किया. इन आरोपों ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया.

पलामू में लगेगा आदिवासी विकास महाकुंभ मेला :

News Pratyaksh | Updated : Mon 10th Feb 2025, 11:25 am
पलामू में लगेगा आदिवासी विकास महाकुंभ मेला : जिले में 11 और 12 फरवरी को आदिवासी विकास महाकुंभ मेला का आयोजन किया जाएगा. झारखंड सरकार ने 2024 में आदिवासी विकास महाकुंभ मेला को राजकीय मेला घोषित किया है. यह मेला पलामू के सदर प्रखंड के दुबियाखाड़ में आयोजित किया जाता है.पलामू जिला प्रशासन ने मेले की तैयारी पूरी कर ली है, इस बार झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर समेत राज्य के अन्य मंत्रियों को भी अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है. आदिवासी विकास महाकुंभ मेले में करोड़ों की परिसंपत्तियों का वितरण किया जाएगा. साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को विकास योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी.पलामू के उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद ने बताया कि मेले की तैयारी पूरी कर ली गई है. मेले में विभिन्न सरकारी योजनाओं के स्टॉल लगाए जाएंगे और ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.यह मेला 90 के दशक से आयोजित होता आ रहा है.. लंबे समय से इस मेले को राजकीय मेला घोषित करने की आवाज उठ रही थी. 2024 में हेमंत सोरेन सरकार ने मेले को राजकीय मेला घोषित कर दिया. यह मेला चेरो वंश के महान राजा मेदिनीराय की याद में हर साल आयोजित किया जाता है. आदिवासी विकास कुंभ मेला झारखंड के पहले विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह रामधारी की पहल पर शुरू किया गया था. अविभाजित बिहार में मेले के शुरुआती दौर में तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव भी शामिल हुए थे.