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झारखंड विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने रजरप्पा मंदिर पहुंचे और...

News Pratyaksh | Updated : Fri 20th Oct 2023, 12:00 am
झारखंड विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने रजरप्पा मंदिर पहुंचे और यहां पूजा अर्चना की और मां छिन्नमस्तिका का आशीर्वाद पाया. गुरुवार को झारखंड विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी मां छिन्नमस्तिका के दरबार में पहुंचे थे. माता के मंदिर में पहुंचकर अमर कुमार बाउरी ने मां की पूजा अर्चना की. वहीं नेता प्रतिपक्ष के रजरप्पा पहुंचने पर बीजेपी रामगढ़ विधानसभा के युवा नेता राजीव जायसवाल के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया. मंदिर पहुंचने पर वरिष्ठ पुजारी सेतु पंडा एवं पोपेश पंडा के द्वारा नेता प्रतिपक्ष को पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करवाई गई. वहीं अमर बाउरी ने नारियल फोड़कर एवं रक्षा सूत्र बांधकर मां छिन्नमस्तिका से पूरे प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना की. वहीं पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट किया और कहा की पार्टी ने जिस उम्मीद से मुझपर भरोसा जताया ओर उसमें खरा उतरने का प्रयास करूंगा. साथ ही जिस तरह से विगत चार वर्षों से झारखंड की जनता का शोषण हो रहा है, स्थानीय युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आज यहां की जनता डर के साए में जीने को विवश है,राज्य में प्रतिदिन हत्या, लूट, महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं घट रही है. लेकिन, झारखंडियों के सबसे बड़े हितैषी बनने का दावा करने वाले हेमंत सोरेन की सरकार सिर्फ ओर सिर्फ झारखंड के खनीज संपदा को लूट कर अपनी तिजोरी भरने में व्यस्त है. अमर कुमार बेउरी ने आगे कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पे करोड़ों की उगाही की जा रही है. लोगों की सुनने वाला यहां कोई नहीं है. झारखंड के सभी ज्वलंत मुद्दों को लेकर पूरे प्रमुखता से विधानसभा के पटल पर रखने का काम करूंगा. हेमंत सोरेन ने जानबूझकर विगत चार वर्षों से नेता प्रतिपक्ष के मामले को लटकाकर अपनी निरंकुशता का परिचय दिया है. आने वाले समय में झारखंड की जनता इन्हे मुंहतोड़ जवाब देगी. #newspratyaksh #Jharkhand #Chinnmastika

ट्रेन दुर्घटनास्थल पर नहीं जाने को लेकर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना

News Pratyaksh | Updated : Fri 13th Oct 2023, 04:25 pm
ट्रेन दुर्घटनास्थल पर नहीं जाने को लेकर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना राजनीतिक रणनीतिकार से सामाजिक कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने बक्सर जिले में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटना होने के स्थल पर नहीं जाने जाने को लेकर बृहस्पतिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की।   दिल्ली से असम जा रही इस ट्रेन के 23 डिब्बे बुधवार रात नौ बजकर 53 मिनट पर रघुनाथपुर स्टेशन के पास पटरी से उतर गये। इस हादसे में चार लोगों की जान चली गयी जबकि कई अन्य घायल हो गये।   अपने जन सुराज अभियान के तहत बिहार की सीतामढ़ी में पहुंचे किशोर का कहना था कि यदि ऐसी घटना अमेरिका में हुई होती तो राष्ट्रपति उसमें बाल-बाल बचे लोगों का हाल-चाल जानने के लिए उनसे मिले होते।उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्घटनास्थल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नहीं जाना बिहार में राजनीतिक वर्ग के अहंकार की हद को बताता है। ’’किशोर से उनके गृह जिले बक्सर में हुई इस दुर्घटना के बारे में पत्रकारों ने सवाल पूछा था।आईपीएसी के संस्थापक किशोर ने कहा, ‘‘ चाहे नीतीश कुमार हो या लालू प्रसाद, उन्हें दंभ हो चला है कि लोग जाति और धर्म के आधार पर उन्हें ही वोट डालेंगे। इसलिए वे संकट के समय लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करने की जरूरत महसूस नहीं करते।’’ #newspratyaksh #Bihar #NitishKumar #prashantkishor #TrainAccident  

झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से झटका, धन शोधन मामले में खारिज

News Pratyaksh | Updated : Fri 13th Oct 2023, 04:22 pm
झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से झटका, धन शोधन मामले में खारिज : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट के बाद हाईकोर्ट से भी झटका लगा है। दरअसल हाईकोर्ट ने ईडी के समन के खिलाफ दायर हेमंत सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि ईडी ने धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को समन भेजा था। अब हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद हेमंत सोरेन से ईडी द्वारा पूछताछ का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि धन शोधन के एक मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को समन भेजकर पूछताछ के लिए रांची स्थित ईडी कार्यालय आने का समन जारी किया था। समन में पीएमएलए एक्ट के तहत हेमंत सोरेन के बयान दर्ज कराने को कहा गया था। हालांकि हेमंत सोरेन समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने समन के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी लेकिन उन्हें हाईकोर्ट जाने की छूट दे दी थी। हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद बीती 23 सितंबर को झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया। हालांकि अब हाईकोर्ट ने भी सोरेन की याचिका खारिज कर उन्हें बड़ा झटका दिया है। #newspratyaksh #Jharkhand #HemantSoren #HighCourt  

गोपाल मंडल को पिस्तौल लहराना पड़ा भारी, लाइसेंस कैंसिल !

News Pratyaksh | Updated : Thu 12th Oct 2023, 05:19 pm
गोपाल मंडल को पिस्तौल लहराना पड़ा भारी, लाइसेंस कैंसिल ! सत्ताधारी दल जदयू के विधायक गोपाल मंडल के पिस्टल का लाइसेंस जिला प्रशासन ने निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई प्रशासन ने विधायक गोपाल मंडल की तरफ से अस्पताल में पिस्टल लेकर घूमने मामले में की गई है. रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. बीते दिनों विधायक हाथ मे पिस्टल लेकर जेएलएनएमसीएच पहुंच गए थे. वीडियो के आधार पर एसएसपी ने जांच किया और डीएम ने विधायक को नोटिस दिया था. नोटिस के जवाब में विधायक ने कहा था कि पोती अवनी का इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे थे. कुर्ता पायजामा पहने होने के कारण हाथ मे रखा था. पिस्टल लहराया नहीं था. दरअसल, जेडीयू विधायक गोपाल मंडल लगातार अपनी हरकतों को लेकर चर्चाओं में बने रहते हैं. 3 अक्टूबर, 203 को विधायक गोपाल मंडल लाइसेंसी हथियार लेकर अस्पताल पहुंच गए थए. गोपाल मंडल अपनी पोती का हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने हाथों में पिस्टल लेकर पूरे अस्पताल में घूमे थे. अस्पताल परिसर में हाथ में रिवॉल्वर लेकर घूमने के बारे में पूछे जाने पर मंडल ने अस्पताल प्रशासन के साथ किसी भी विवाद से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ सीटी स्कैन के लिए वहां आए थे. यह पहली बार नहीं है कि गोपाल मंडल अपनी हरकतों को लेकर सुर्खियों में हैं. एक बार उन्होंने गोपालपुर के एक मरीज के इलाज में देरी करने पर एक डॉक्टर को एके-47 से गोली मारने की धमकी दी थी और दूसरी बार उन्होंने अपने क्षेत्र के एक युवक की बेरहमी से पिटाई करने पर एक डीएसपी को गंगा नदी में फेंकने की चेतावनी दी थी. वह हाल ही में तेजस राजधानी एक्सप्रेस में अंडरवियर पहनकर घूमने और सह-यात्री के साथ बहस करने को लेकर खबरों में थे. #newspratyaksh #Bihar #JDUMLA #pistol

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य में ध्वस्त संवैधानिक व्यवस्था को उजागर करते हुए महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध किया है:

News Pratyaksh | Updated : Thu 12th Oct 2023, 05:10 pm
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य में ध्वस्त संवैधानिक व्यवस्था को उजागर करते हुए महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर राष्ट्रपति शासन लगाने का अनुरोध किया है: जिसके बाद राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है. एक तरफ जहां भाजपा राज्य में ध्वस्त व्यवस्थाओं को आधार बनाकर इसे सही मान रही है. दूसरी तरफ झारखंड के सत्ताधारी दल बाबूलाल मरांडी पर हमलावर हो गए हैं.भाजपा विधायक सीपी सिंह के मुताबिक राज्य में जो हालात उत्पन्न हुए हैं उसे वजह से झारखंड वासियों को ना ही योजनाएं मिल रही है ना ही योजनाओं का लाभ. इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी एक बड़े कद के नेता हैं और झारखंड के एक बड़े हितैषी हैं और अगर उन्हें ऐसा लगता है कि वर्तमान सरकार काम नहीं कर रही है और राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद ही राज्य में काम हो सकेंगे तो उन्होंने राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन का अनुरोध किया.भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की चिट्ठी पर चुटकी लेते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाबूलाल मरांडी पर हमला बोल दिया है. झामुमो महासचिव सुप्रीमो भट्टाचार्य ने चुटकी लेते हुए कहा कि हताशा जब अपने चरम पर होता है तो इस तरीके की चीज सामने आती हैं. जब राजनीतिक तौर पर आप संघर्ष नहीं कर पा रहे हो, इतना तक की बीजेपी में आपकी स्वीकार्यता नहीं है. लोग आपके साथ चलने को तैयार नहीं है उसे वक्त में ऐसी ही बातें होंगी. लेकिन इससे कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. बीजेपी अब पूरी तरीके से ढलान पर है और उसे ढलान में बाबूलाल मरांडी भी है. #newspratyaksh #Jharkhand #BabulalMarandi #rashtrapatisasan #BJPGovernment  

सुप्रीम कोर्ट ने जातीय गणना के आंकड़े प्रकाशित करने पर किसी प्रकार की रोक लगाने से इनकार किया है : सुशील मोदी

News Pratyaksh | Updated : Sat 07th Oct 2023, 12:04 pm
सुशील मोदी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने जातीय गणना के आंकड़े प्रकाशित करने पर किसी प्रकार की रोक लगाने से इनकार किया है : बिहार में जातीय जनगणना के और आंकड़े प्रकाशित करने के नीतीश सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार को कोई नीतिगत निर्णय लेने से नहीं रोक सकता. सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की उस आपत्ति को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार ने कुछ आंकड़े प्रकाशित कर स्थगन आदेश की अवहेलना की. इसपर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्वागत करते हैं. लेकिन भाजपा नेता ने बिहार सरकार पर पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं.सुशील मोदी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने जातीय गणना के आंकड़े प्रकाशित करने पर किसी प्रकार की रोक लगाने से इनकार किया है, ऐसे में अब कोर्ट की कोई भूमिका नहीं बची है. लेकिन, जो आंकड़े सार्वजनिक किए गए दो-तीन जातियों को छोड़कर अधिकांश जातियां ठगी हुई महसूस कर रही हैं. लग रहा है उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. साजिश के तहत उनकी संख्या कम कर दिखाया गया है. सुशील मोदी ने कहा कि अब तो जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने सवाल उठा दिया है और 8 अक्टूबर को तेली-साहू समाज की बैठक बुलाई है.भाजपा सांसद ने कहा, सत्ता से जुड़ी हुई जातियों की संख्या बढ़ा चढ़ा कर दिखाई गई है और बाकी जातियों को उपजातियों में तोड़ दिया गया है. लगता है कहीं बैठकर फॉर्म भर दिया गया है. सुशील मोदी ने कहा कि कई जातियां सर्वे से ठगा महसूस कर रहीं हैं ऐसे में राज्य सरकार इसकी समीक्षा कराए. सुशील मोदी ने कहा कि वैश्य, निषाद सहित कई जातियों को उपजातियों में बांटकर दिखाया गया है और सत्ता समर्थक खास जातियों के आंकड़े बढ़ा चढ़ाकर पेश किए गए हैं. जातीय गणना सर्वे पर कोई कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि विश्वसनीयता पर संदेह है.सुशील मोदी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और जदयू के एक सांसद सहित अनेक लोग जब सर्वे के आंकड़ों को विश्वसनीय नहीं मान रहे हैं, तब सर्वे प्रक्रिया की समीक्षा करायी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने के सरकार के नीतिगत निर्णय पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अब कानूनी रूप से सर्वे को लेकर कोई कानूनी मुद्दा नहीं है. लेकिन, दूसरी तरफ सर्वे की विश्वसनीयता जनता का मुद्दा बन गया है. ऐसी शिकायतें मिलीं कि प्रगणकों ने अनेक इलाकों के आंकड़े घर बैठे तैयार कर लिए.सुशील मोदी ने कहा कि वैश्य, निषाद जैसी कुछ जातियों के आंकड़े 8-10 उपजातियों में तोड़ कर दिखाए गए, ताकि उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास नहीं हो. मोदी ने सवाल पूछा कि आखिर यह यह किसके इशारे पर हुआ ? मोदी ने कहा कि राज्य में वैश्य समाज की आबादी 9.5 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन यह सर्वे में दर्ज नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिस जाति-धर्म के लोग वर्तमान सत्ता के साथ हैं, उनकी संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए उपजातियों के आंकड़े छिपाए गए. ऐसे में जातीय सर्वे पर जो संदेह-सवाल उठ रहे हैं, उनका उत्तर राज्य सरकार को देना चाहिए, पार्टी प्रवक्ताओं को नहीं. #newspratyaksh #Bihar #SupremeCourt #castcensusbihar #SushilModi