दरभंगा में AIIMS बनने का रास्ता साफ़!
News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:18 pm
बिहार में पटना के बाद अब दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का रास्ता लगता है साफ हो गया है। केंद्र सरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात मान गई है। एम्स वहीं बनेगा, जहां बिहार सरकार ने जमीन देकर मिट्टी भराई का काम शुरू करा दिया था। मिट्टी भराई का काम शुरू कराने के बाद केंद्र की टीम ने इस जमीन को डुबाऊ बताते हुए दूसरी जमीन खोजने के लिए कहा था। जिसपर पूरे मिथिलांचल में राजनीति तेज हो गई थी। अब भाजपा सांसद गोपालजी ठाकुर ने 'अमर उजाला' से बातचीत में कहा कि बिहार सरकार सिर्फ एक काम करा दे और गारंटी दे कि वह अच्छा से किया है तो एम्स का निर्माण वहां कराने को केंद्र सरकार राजी है।भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा है कि बिहार सरकार ने जो जमीन दी है सही तरीके से समतल करवा कर केंद्र सरकार को दे। हमारी सरकार उसी शोभन की बाइपास वाली जमीन पर एम्स का निर्माण आरम्भ करवाएगी। बता दें कि पूर्व से सांसद ने घोषणा कर रखी है को वह गांधी जयंती के मौके पर एम्स निर्माण स्थल शोभन बाइपास वाली जमीन पर भाजपा के द्वारा धरना दिया जाएगा। इसबीच सांसद के इस बयान ने एक नई राजनीति की शुरुआत कर दी है। सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा दिए गए शोभन बाइपास के जमीन पर भारत सरकार तैयार दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए तैयार हो गई है।उन्होंने बिहार सरकार से कहा है कि शोभन वाली जमीन को मानक के अनुरूप समतल करवाकर केंद्र सरकार को हस्तगत करादे। हमारी सरकार शोभन की भूमि पर ही एम्स का निर्माण कराएगी। जहां बिहार सरकार एम्स बनाना चाहती है, उसी जगह केंद्र की मोदी सरकार भी अब निर्माण कराने के लिए तैयार हो गई है। यहां पर केंद्र सरकार एम्स के डायरेक्टर की भी बहाली कर दी है। लेकिन, पहले बिहार सरकार ने डीएमसीएच में 81 एकड़ जमीन दी थी, जिस जमीन पर झंडोतोलन भी किया गया था। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बिहार सरकार एम्स को लटकाने-भटकाने का काम कर रही है। हम इनको लटकाने नहीं देंगे। हम बिहार की सरकार से मांग करते है कि शोभन में ही इनको एम्स बनाना है तो ठीक उसी भूमि मानक के अनुरूप जमीन को ठीक करवा कर केंद्र सरकार को दे। केंद्र सरकार उसी जमीन पर एम्स का निर्माण कराएगी। बता दें कि इस भूमि को पूर्व में बिहार सरकार द्वारा शोभन बाइपास में एम्स निर्माण के 153 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को देने के लिए तैयार हुई थी, जिसे केंद्र से आई टीम ने जमीन को लो लैंड बताकर यहां एम्स निर्माण के लिए मानक होने से इनकार कर दिया था।