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न्यायालय ने जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े प्रकाशित करने से बिहार सरकार को रोकने से किया इनकार

News Pratyaksh | Updated : Sat 07th Oct 2023, 11:45 am

न्यायालय ने जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े प्रकाशित करने से बिहार सरकार को रोकने से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को बिहार सरकार से सवाल किया कि उसने अपने जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े को क्यों प्रकाशित किया। इसने, हालांकि, राज्य सरकार को आगे के आंकड़े सार्वजनिक करने से रोकने से इनकार कर दिया और कहा कि वह इस बात की पड़ताल कर सकता है कि क्या राज्य सरकार के पास ऐसा करने की शक्ति है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी ने पटना उच्च न्यायालय के एक अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक औपचारिक नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी थी।उच्चतम न्यायालय ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए जनवरी 2024 की तारीख तय की।शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं की उन आपत्तियों को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार ने रोक की संभावना को भांपकर पहले ही कुछ आंकड़े प्रकाशित कर दिये। याचिकाकर्ताओं ने आंकड़ों को प्रकाशित किये जाने पर पूर्ण रोक के आदेश की मांग की।पीठ ने कहा, ‘‘हम अभी किसी चीज पर रोक नहीं लगा रहे हैं। हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को कोई नीतिगत निर्णय लेने से नहीं रोक सकते। यह गलत होगा...हम सर्वेक्षण कराने के राज्य सरकार के अधिकार से संबंधित अन्य मुद्दों पर विचार करेंगे।’’