बिहार म्यूजियम के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि पुस्तकों को सुरक्षित रखने के लिए इसे डिजिटलीकरण किया जायेगा :
बिहार की राजधानी पटना के बेली रोड स्थित बिहार म्यूजियम जितना खास है, उतना ही वर्ल्ड क्लास यहां की लाइब्रेरी है. इस म्यूजियम में पुस्तकों का विशाल भंडार है. जिसमें नये एडिशन के कला, साहित्य, शोध से संबंधित पुस्तकें तो हैं ही, यहां करीब 4000 से अधिक दुर्लभ किताबें भी हैं, जो करीब 100-150 वर्ष पुरानी है. इसके अलावा यहां चित्रमय राम कथा, मत्स्य पुराण और विभिन्न धार्मिक मान्यताओं से संबंधित पुस्तकें भी हैं. सिक्का के इतिहास से लेकर बिहार के कला शिल्प का इतिहास और पौराणिक शासन व्यवस्था से संबंधित भी कई दुर्लभ किताबें हैं. इसके अलावा देश-दुनिया के कला संस्कृति और शिल्प से जुड़ी इतिहास को समझने के लिए वर्षों पुरानी पुस्तकें भी मौजूद हैं, जो अब कहीं भी नहीं मिलती.संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि यहां धर्म संस्कृति के विकास और भाषा के विकास के साथ-साथ कई ऐसी पुस्तक हैं, जिसे पढ़कर बिहार को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है. अब इन पुस्तकों को सुरक्षित रखने के लिए इसे डिजिटलीकरण किया जायेगा, ताकि इन सभी पुस्तकों का कंटेंट ऑनलाइन उपलब्ध हो सकें. अभी इसके लिए वेबसाइट डेवलप किया जा रहा है. उम्मीद है कि मार्च तक इसे पूरा कर लिया जायेगा. जिसके बाद पुस्तकों के डिजिटलीकरण का काम शुरू होगा.
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