भारतीय मछुआरे की कराची जेल में हुई मौत ने दोनों देशों के बीच कैदियों की रिहाई की समस्या को एक बार फिर से उजागर कर दिया है. 2022 में पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरे बाबू की गुरुवार को कराची जेल में मौत हो गई. बाबू की सजा तो पहले ही पूरी हो चुकी थी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया. भारत सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार जेल में बंद भारतीय मछुआरों की रिहाई की मांग उठती रही है. यह कोई पहली घटना नहीं है. बाबू से पहले पिछले दो वर्षों में सात अन्य भारतीय मछुआरों की भी पाकिस्तान में मौत हो चुकी है. बाबू जैसे 180 अन्य भारतीय मछुआरे भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं और वे अपने दिन गिन रहे हैं. भारत की सरकार लगातार पाकिस्तानी शासन से उनके शीघ्र रिहाई की अपील कर रही है.
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