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पिंडदान भी अब डिजिटल हो गया है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के द्वारा जारी ई-पिंडदान पैकेज की शुरूआत की गई!

News Pratyaksh | Updated : Wed 20th Sep 2023, 05:38 pm
पिंडदान भी अब डिजिटल हो गया है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के द्वारा जारी ई-पिंडदान पैकेज की शुरूआत की गई :
इसके तहत पंडा द्वारा विष्णु पद मंदिर, अक्षय वट एवं फल्गु नदी के किनारे पिंडदान किया जाएगा. फिर वीडियो रिकार्डिंग कराई जाएगी, जो पेन ड्राइव के माध्यम से संबंधित श्रद्धालु को पंडा द्वारा मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए श्रद्धालुओं को 20,476 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इसमें पूजन सामग्री एवं पंडित का दक्षिणा भी शामिल किया गया है. इसमें टैक्स सहित कुल मिलाकर ई- पिंडदान पर 23 हजार रुपए का पैकेज तैयार किया गया है.इस संबंध में जानकारी देते हुए गया के डीएम डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने बताया कि यह सुविधा मुख्य रूप से विदेश में रहने वाले तथा जो गयाजी आने में असमर्थ है उन श्रद्धालुओं के लिए है. इस सुविधा के लिए श्रद्धालुओं को बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम पर ऑनलाइन करने होंगे. हालांकि इन्होंने सभी श्रद्धालुओं से गया जी आकर पिंडदान करने के लिए अपील किए हैं. इन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को गया में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. यहां जिला प्रशासन के स्तर से हर तैयारी कर ली गई है.28 सितंबर से पितृपक्ष मास की शुरुआत हो रही है, जो 14 अक्टूबर तक रहेगी. पितृपक्ष के दौरान देश-विदेश के लोग गया जी में अपने पूर्वजों का पिंडदान करने पहुंचते हैं. वैसे तो गया जी में सालों भर पिंडदान का विधान है, लेकिन पितृपक्ष के दौरान पिंडदान करने से पितरों के द्वारा विशेष आशीर्वाद मिलता है. पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर किसी न किसी रूप में गयाजी आते हैं.अपने परिजनों द्वारा किए गये पिंड पाकर तृप्त हो जाते हैं.इस वर्ष पितृपक्ष मास के दौरान गयाजी में 15 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. जिला प्रशासन के स्तर से पितृपक्ष मास को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है. पितृपक्ष मास के दौरान गया जी में अधिक भीड़ होने के कारण कई लोग गयाजी नहीं पहुंच पाते. ऐसे में उनके लिए पर्यटन विभाग के द्वारा ई-पिंडदान की व्यवस्था की गई है.