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झारखंड स्टेट योगसना स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 7 को :

News Pratyaksh | Updated : Wed 03rd Apr 2024, 10:31 am
र्ल्ड फिटनेस फेडरेशन (डब्ल्यूएफएफ) ऑफ योगासना स्पोर्टस इंडिया के झारखंड चैप्टर द्वारा आगामी 7 अप्रैल को बिष्टुपुर मिलानी हॉल में एक दिवसीय ”झारखंड स्टेट योगसना स्पोर्ट्स चैंपियनशिप” का आयोजन किया जाएगा. इसके लिये संस्था द्वारा लगातार बैठक कर इसकी तैयारी की समीक्षा की जा रही है. इसमें भाग लेने के लिये राज्यभर के स्कूल-कॉलेज व विभिन्न संस्थाओं से संपर्क साधा जा रहा है. संस्था को लोगों से बेहतर रिस्पांस भी मिल रहा है.वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन (डब्ल्यूएफएफ) ऑफ योगासना स्पोर्टस इंडिया के अध्यक्ष सह सरकार योगा एकेडमी के संस्थापक योगगुरु अंशु सरकार ने बताया कि दिनभर चलने वाले प्रतियोगिता में कई इवेंट आयोजित किये जाएंगे. सभी प्रतियोगिताएं अलग-अलग आयु वर्ग की श्रेणी (कुल 12) में होंगे. सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. प्रतियोगिता में सब जूनियर (सभी मे बॉयज एंड गर्ल्स) ग्रुप ए (5 से 9 वर्ष) और बी (10 से 14 वर्ष), जूनियर ग्रुप (15 से 18 वर्ष), सीनियर (सभी मे पुरुष व महिला) ग्रुप ए (19 से 22 वर्ष), बी (23 से 26 वर्ष) और सी (27 से 30 वर्ष), सुपर सीनियर ग्रुप (31 से 40 वर्ष पुरुष व महिला), मास्टर्स (सभी मे पुरुष व महिला) ग्रुप ए (41 से 50 वर्ष), बी (51 से 60 वर्ष) और सी (60 वर्ष से अधिक), मॉम्स कैटेगरी (सिर्फ महिला-ओपन ग्रुप) तथा स्टार कैटेगरी (सिर्फ दिव्यांग-ओपन ग्रुप) शामिल है.अंशु सरकार ने बताया कि चूंकि प्रतियोगिता में राज्य के अलग-अलग जिलों से प्रतिभागी शामिल होंगे. इसका शुभारंभ पूर्वान्ह 8 बजे होगा तथा शाम 6 बजे से पुरस्कार वितरण समारोह शुरु होगा. उन्होंने बताया कि उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डब्ल्यूएफएफ के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम भादुरिया उपस्थित होंगे. अन्य अतिथियों में जैपआईटी (झारखंड सरकार) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर राज कुमार गुप्ता तथा टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (शेयर्ड सर्विस) प्रोबाल घोष शामिल होंगे. वहीं पुरस्कार वितरण समारोह में जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल मुख्य अतिथि होंगे, जबकि अन्य अतिथियों में समय कंस्ट्रक्शन ग्रुप के निदेशक राजेश सिंह तथा संस्था डबल्यूएफएफ की रीतु रावत आदि शिरकत करेंगी.

देश को आज पांच पदक मिले; महिला कबड्डी टीम ने जीता स्वर्ण

News Pratyaksh | Updated : Sat 07th Oct 2023, 11:43 am
देश को आज पांच पदक मिले; महिला कबड्डी टीम ने जीता स्वर्ण : नमस्कार, अमर उजाला के लाइव ब्लॉग में आपका स्वागत है। एशियाई खेलों का आज 14वां दिन है। पिछले 13 दिन में भारत ने कुल 95 पदक जीते थे। यह एशियाई खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत को पहले दिन पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन, चौथे दिन आठ, पांचवें दिन तीन, छठे दिन आठ, सातवें दिन पांच, आठवें दिन 15, नौवें दिन सात, दसवें दिन नौ, 11वें दिन 12, 12वें दिन पांच और 13वें दिन नौ पदक मिले थे। आज भारत के पदकों की संख्या 100 के पार जाना तय है।महिला कबड्डी टीम ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। भारत ने फाइनल में चीनी ताइपे को हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह एशियाई खेल 2023 में भारत का 25वां स्वर्ण और कुल 100वां पदक है। भारत ने पहली बार एशियाई खेलों में 100 पदक जीते हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने अबकी बार 100 पारी का नारा सच कर दिखाया है।कंपाउंड तीरंदाजी में भारत को दो पदक मिले हैं। ओजस देवतले ने स्वर्ण और अभिषेक वर्मा ने रजत पदक जीता है। फाइनल में दोनों भारतीय तीरंदाजों के बीच मुकाबला था। ऐसे में देश को दोनों पदक मिलने तय थे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से दोनों को पदक का रंग तय करना था। ओजस ने 149 के स्कोर के साथ स्वर्ण और अभिषेक ने 147 का स्कोर कर रजत जीता। भारत के पास कितने पदक स्वर्णः 25 रजतः 35 कांस्यः 40 कुलः 100 #newspratyaksh #sports #mahilakabaddi #gold  

क्रिकेट में भारत की बेटियों ने जीता स्वर्ण, फाइनल में श्रीलंका को 19 रनों से हराया!

News Pratyaksh | Updated : Mon 25th Sep 2023, 01:01 pm
क्रिकेट में भारत की बेटियों ने जीता स्वर्ण, फाइनल में श्रीलंका को 19 रनों से हराया: एशियन गेम्स के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने श्रीलंका को 19 रन से हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है. एशियन गेम्स में शूटिंग के बाद भारत को यह दूसरा गोल्ड मेडल मिला है. बता दें कि पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय महिला ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 116 रन बनाए थे, जिसके बाद श्रीलंका को 117 रनों का टारगेट मिला था. श्रीलंकाई महिला टीम 20 ओवर में 8 विकेट पर 97 रन ही बना सकी. भारतीय टीम 19 रन से मैच जीतने में सफल रही. स्मृति मंधाना और जेमिमा रोड्रिग्स ने मैच में क्रमशः 46 और 42 रन बनाए जबकि टिटास साधु ने तीन विकेट लेकर भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने की कहानी लिखी. पहली बार भारतीय महिला टीम ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने का कमाल कर दिखाया है. इससे पहले श्रीलंका के खिलाफ टॉस जीतकर भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. भारतीय महिला टीम XI: स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), ऋचा घोष (विकेटकीपर), दीप्ति शर्मा, देविका वैद्य, अमनजोत कौर, पूजा वस्त्राकर, तितास साधु, राजेश्वरी गायकवाड़ श्रीलंका महिला टीम XI: चमारी अथापथु (कप्तान), अनुष्का संजीवनी (विकेटकीपर), विशमी गुणरत्ने, नीलाक्षी डी सिल्वा, हासिनी परेरा, ओशादी रणसिंघे, इनोका रणवीरा, कविशा दिलहारी, उदेशिका प्रबोधनी, सुगंधिका कुमारी, इनोशी प्रियदर्शनी #newspratyaksh #womencricket #gold #victory

एम्बप्पे ने पीएसजी और अल्वारेज ने सिटी को जिताया! फुटबॉल का रोमांच बरक़रार !

News Pratyaksh | Updated : Thu 21st Sep 2023, 12:00 am
यह 2002-03 के बाद पहली बार था कि चैंपियंस लीग के गु्रप दौर की शुरुआत लियोनल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बिना हुई। दोनों फुटबालर यूरोप को छोड़ चुके हैं। बावजूद इसके स्टार फुटबालरों ने अपना जलवा बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पेरिस सेंट जर्मेन की बोरसिया डॉर्टमुंड पर 2-0 से जीत में किलियन एम्बाप्पे और गत विजेता मैनचेस्टर सिटी की रेड स्टार बेलग्रेड पर 3-1 से जीत में जूलियन अल्वारेज ने दो गोल किया। वहीं बार्सिलोना ने भी एंटवर्प पर 5-0 से जीत हासिल की। इटली फुटबाल क्लब लाजियो ने एटलेटिको मैड्रिड को अंतिम क्षणों में गोलकीपर इवान प्रोवोडेल के गोल की बदौलत 1-1 से बराबरी पर रोक दिया।मैनचेस्टर सिटी की रेडस्टार बेलग्रेड के खिलाफ शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहले हाफ के इंजरी टाइम में घाना के विंगर ओस्मान बुखारी ने मिर्को इवानिच के पास पर गोल कर रेडस्टार को बढ़त दिला दी। हालांकि लाइंसमैन ने बुखारी को ऑफसाइड करार दिया, लेकिन वीडियो रिव्यू में गोल को मान्य माना गया। दूसरे हाफ में सिटी ने पलटवार किया। 47वें मिनट में ही हालैंड के पास पर जूलियन अल्वारेज ने गोल किया। 60वें मिनट में अल्वारेज ने ही सिटी को 2-1 की बढ़त दिलाई। 73वें मिनट में स्पेनिश मिडफील्डर रोड्री ने फिल फोडेन के पास पर गोल किया।एटलेटिको और लाजियो का मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। निर्धारित समय समाप्त होने के बाद इंजुरी टाइम के भी पांच मिनट निकल गई। एटलेटिको पाब्लो बैरियस के गोल की बदौलत 1-0 से आगे था। अपने घरेलू दर्शकों के अपार समर्थन के बीच लाजियो के गोलकीपर प्रोवोडेल इंजुरी टाइम में खुद आक्रमण पर आ गए। उन्होंने लुइस अल्बर्टो के क्रास पर हेडर के जरिए गोलकर लाजियो को 1-1 की बराबरी दिला दी।बार्सिलोना की डच क्लब एंटवर्प पर 5-0 से जीत में पुर्तगाल के जोआओ फेलिक्स ने मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने 11वें मिनट में बार्सिलोना को बढ़त दिलाई। इसके बाद 19वें मिनट में उनकी बदौलत राबर्टो लेवांडोवस्की ने गोल किया। 22वें मिनट में जेले ने आत्मघाती गोल किया। 54वें मिनट में गावी ने और 66वें मिनट फेलिक्स ने एक और गोल किया। #newspratyaksh #sports #Football  

35 किलोमीटर रेस वॉकिग प्रतियोगिता में पंजाब की रहनेवाली मंजू रानी ने रचा इतिहास!

News Pratyaksh | Updated : Thu 21st Sep 2023, 12:00 am
हाल ही में झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित 10वीं नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप आयोजित की गई थी. इस प्रतियोगिता में 35 किलोमीटर रेस वॉकिग प्रतियोगिता में पंजाब की रहनेवाली मंजू रानी ने इतिहास रच दिया. 23 साल की इस एथलिट ने 35 किलोमीटर का सफर तीन घंटे से भी कम समय में पूरा कर यह इतिहास रचा है. आपको बता दें कि मंजू रानी ने यह 35 किलोमीटर की दूरी महज 2 घंटे 57 मिनट और 54 सेकंड में तय कर इतिहास तो रचा ही ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला बन गयी है. मंजू रानी ने 2021 में स्थापित किए गए नेशनल रिकॉर्ड होल्डर रमनदीप कौर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके लिए मंजू ने काफी मेहनत की और इसके बाद ही उसे यह कामयाबी हासिल हुई है. मंजू रानी की यह कामयाबी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई हैं. मंजू रानी का बचपन से ही परेशानियों से सामना होता रहा. दो साल की उम्र में ही उनके सिर से मां का साया उठ गया. वह पंजाब एक गांव में पैदा हुई हैं. सामान्य परिवार में पैदा हुई मंजू रानी को बचपन से ही खेलकूद में गहरी रूची थी. पिता खेती-किसानी करते थे इसलिए मंजू रानी के लिए खेलकूद में अपने आपको आगे बढ़ाना मुश्किल था. मां की मौत के बाद मंजू के पिता पर लोगों ने दबाब बनाया कि वह शादी कर लें लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. मां के जाने के बाद पिता ने दोनों बच्चों की परवरिश की, दोनों भाई बहनों को पढ़ाया लिखा और उनके सपने को साकार करने में हरसंभव मदद की. मंजू ने अपने सपने को जीने के लिए खूब काम किया और वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ निकली. रेस वॉकिग को उसने अपनाया और 15 साल की उम्र में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया. इसमें उन्होंने पदक भी जीता. लगातार मंजी पदक जीत रही थीं और उनके परिवार वाले और रिश्तेदार उनके समर्थन में आ गए थे. साल 2016 में नेशनल गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता. फिर तो यह सिलसिला चल निकला और वह कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीतक इतिहास रचती गईं. उन्हें स्पोर्ट्स कोटे से एसएसबी में नौकरी मिली. मंजू रानी ने बताया कि वह लगातार अपने पिता के सपोर्ट की बदौलत यहां तक पहुंच पाईं. #newspratyaksh #Jharkhand #racewalkingchampionship