Health


स्कूल के खाने में मिली मरी हुई छिपकली, खाना खाकर 100 से अधिक बच्चे बीमार !

News Pratyaksh | Updated : Thu 28th Sep 2023, 04:25 pm
स्कूल के खाने में मिली मरी हुई छिपकली, खाना खाकर 100 से अधिक बच्चे बीमार! इस वक्त झारखंड के पाकुड़ जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल झारखंड के पाकुड़ के एक प्राइवेट स्कूल में बच्चों के लिए दिए गए खाने में मरी हुई छिपकली मिलने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह खाना खाने के बाद 100 से अधिक बच्चे बीमार हो गए, जिन्हें इलाज के लिए आननफानन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.इसके बाद आनन-फानन 60 से अधिक बच्चों को पश्चिम बंगाल के के निजी अस्पताल ले जाया गया. वहीं 40 से अधिक बच्चों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. साथ ही प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई. बताया जा रहा है कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है.वहीं इस मामले पर जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने बताया कि यह मामला पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र स्थित झरिया गांव का है, जहां सिद्धू कानू मुर्मू रेजिडेंशियल इंग्लिश स्कूल झरिया पाकुड़िया पाकुड़ में बीती रात छात्रावास के बच्चों को रात में जो खाना दिया गया था उसमें छिपकली मिली थी. इस खाना को खाने के बाद 100 से अधिक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. लेकिन, फिलहाल सभी बच्चे स्वस्थ हैं. लेकिन, किस कारण से इतनी बड़ी चूक हुई है, इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.मिली जानकारी के अनुसार पाकुड़ के पाकुड़िया प्रखंड स्थित एक प्राइवेट स्कूल सिद्धू कानू मुर्मू रेजिडेंशियल इंग्लिश स्कूल के खाने में छिपकली गिर गयी थी. बताया जाता है कि वही खाना खाने के बाद स्कूल के 100 से अधिक छात्र बीमार हो गए. सभी बच्चों को उल्टी और सिरदर्द होने लगा. #newspratyaksh #Jharkhand #school  

झारखंड में डेंगू के 39 और चिकनगुनिया के पांच नए मामले सामने आए!

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 03:21 pm
झारखंड में डेंगू के 39 और चिकनगुनिया के पांच नए मामले सामने आए हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में मच्छर जनित बीमारी में वृद्धि के मद्देनजर 442 लोगों के खून के नमूनों का परीक्षण किया गया और उनमें से 39 की रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई। पूर्वी सिंहभूम और साहिबगंज जिलों में सबसे अधिक आठ-आठ मामले दर्ज किए गए, जबकि खूंटी, पाकुड़ और रांची से चार-चार मामले सामने आए हैं। राज्य में चिकनगुनिया के मामले में भी वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चिकनगुनिया के लिए 39 लोगों के रक्त के नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसमें पांच लोगों की रिपोर्ट में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। सभी मरीज रांची से हैं। इससे पहले, 25 सितंबर को राज्य में डेंगू के 40 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 35 मरीज पूर्वी सिंहभूम जिले से थे। #newspratyaksh #Jharkhand #dengue  

दरभंगा में AIIMS बनने का रास्ता साफ़!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:18 pm
बिहार में पटना के बाद अब दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का रास्ता लगता है साफ हो गया है। केंद्र सरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात मान गई है। एम्स वहीं बनेगा, जहां बिहार सरकार ने जमीन देकर मिट्टी भराई का काम शुरू करा दिया था। मिट्टी भराई का काम शुरू कराने के बाद केंद्र की टीम ने इस जमीन को डुबाऊ बताते हुए दूसरी जमीन खोजने के लिए कहा था। जिसपर पूरे मिथिलांचल में राजनीति तेज हो गई थी। अब भाजपा सांसद गोपालजी ठाकुर ने 'अमर उजाला' से बातचीत में कहा कि बिहार सरकार सिर्फ एक काम करा दे और गारंटी दे कि वह अच्छा से किया है तो एम्स का निर्माण वहां कराने को केंद्र सरकार राजी है।भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा है कि बिहार सरकार ने जो जमीन दी है सही तरीके से समतल करवा कर केंद्र सरकार को दे। हमारी सरकार उसी शोभन की बाइपास वाली जमीन पर एम्स का निर्माण आरम्भ करवाएगी। बता दें कि पूर्व से सांसद ने घोषणा कर रखी है को वह गांधी जयंती के मौके पर एम्स निर्माण स्थल शोभन बाइपास वाली जमीन पर भाजपा के द्वारा धरना दिया जाएगा। इसबीच सांसद के इस बयान ने एक नई राजनीति की शुरुआत कर दी है। सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा दिए गए शोभन बाइपास के जमीन पर भारत सरकार तैयार दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए तैयार हो गई है।उन्होंने बिहार सरकार से कहा है कि शोभन वाली जमीन को मानक के अनुरूप समतल करवाकर केंद्र सरकार को हस्तगत करादे। हमारी सरकार शोभन की भूमि पर ही एम्स का निर्माण कराएगी। जहां बिहार सरकार एम्स बनाना चाहती है, उसी जगह केंद्र की मोदी सरकार भी अब निर्माण कराने के लिए तैयार हो गई है। यहां पर केंद्र सरकार एम्स के डायरेक्टर की भी बहाली कर दी है। लेकिन, पहले बिहार सरकार ने डीएमसीएच में 81 एकड़ जमीन दी थी, जिस जमीन पर झंडोतोलन भी किया गया था। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बिहार सरकार एम्स को लटकाने-भटकाने का काम कर रही है। हम इनको लटकाने नहीं देंगे। हम बिहार की सरकार से मांग करते है कि शोभन में ही इनको एम्स बनाना है तो ठीक उसी भूमि मानक के अनुरूप जमीन को ठीक करवा कर केंद्र सरकार को दे। केंद्र सरकार उसी जमीन पर एम्स का निर्माण कराएगी। बता दें कि इस भूमि को पूर्व में बिहार सरकार द्वारा शोभन बाइपास में एम्स निर्माण के 153 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को देने के लिए तैयार हुई थी, जिसे केंद्र से आई टीम ने जमीन को लो लैंड बताकर यहां एम्स निर्माण के लिए मानक होने से इनकार कर दिया था। #newspratyaksh #Bihar #darbhanga #AIMS  

मुजपफरपुर में फिर एक डेंगू मरीज की मौत हो गई. पिछले कुछ दिनों में मृतकों की संख्या दो हो गई!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:17 pm
मुजपफरपुर में फिर एक डेंगू मरीज की मौत हो गई. पिछले कुछ दिनों में मृतकों की संख्या दो हो गई: जिले में पांच-छह नए मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं. जबकि अब तो मौत भी होने लगी है.मुजफ्फरपुर में रविवार को डेंगू से पीड़ित एक और मरीज की मौत हो गई. मृतक डेंगू मरीज बैरिया शांति विहार कालोनी निवासी 43 वर्षीय एसएन चौधरी है,जो नागालैंड के दीमापुर में रहते थे और नागालैंड में ही बीमार पड़ गए थे. जहां से आने के बाद 15 सितंबर को उन्हें शहर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी तो पटना रेफर कर दिया गया और पटना में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.ब्रह्मपुरा के निजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को डेंगू मरीज की मौत होने की रिपोर्ट भेज है. सिविल सर्जन डॉ उमेशचंद्र शर्मा ने इसकी पुष्टि की है. बताया कि डेंगू से यह दूसरी मौत हुई है. इससे पहले सरैया के रहने वाले महताब आलम की मौत हुई थी. वह भी नागालैंड के दीमापुर से ही बीमार होकर लौटा था. इधर जांच के दौरान पांच और नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं एक मरीज में डेंगू और चिकनगुनिया दोनों के लक्षण पाये गये. अबतक जिले में 91 मरीज है और इन सभी का इलाज चल रहा है. प्रशासन के अनुसार बता दें कि 91 को मरीजों में से मात्र 27 मरीज ऐसा है जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. इसके अलावा कई ऐसे मरीज हैं,जो अपने काम से पटना गये थे. वहां से आने के बाद बुखार लगा और उसमें डेंगू की पुष्टि हुई. उन्होंने ने कहा कि मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री से पता चल रहा है कि वे जहां काम कर रहे थे,वहीं उन्हें डेंगू हुआ है और वैसे मरीज है जिनको घर पर ही रख कर ईलाज कराने की नौबत है वैसे मरीज को चिकित्सक के निगरानी में घर पर रख कर ईलाज कराया जा रहा है. इसके बावजूद उनके घर के आसपास जल जमाव वाले इलाके में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है,जिससे अगल बगल में बीमारी फैले नहीं #newspratyaksh #Bihar #Muzaffarpur #dengue  

एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:07 pm
एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट : एसकेएमसीएच में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। एनआईसीयू में भर्ती एक नवजात की मौत के बाद दो अलग-अलग डॉक्टरों ने उसे दो बार अलग-अलग समय पर मृत घोषित किया है। मामला संज्ञान में आने के बाद एसकेएमसीएच में हड़कंप मचा हुआ है। मधुबनी जिला के सहारघाट गांव निवासी श्रीनारायण राउत ने चार दिन के नवजात को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया था। गंभीर हालत होने की वजह से चिकित्सकों ने उस नवजात शिशु को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज शुरू कर दिया। रविवार की शाम 6:45 बजे एनआईसीयू के डॉ. विनय सागर ने इलाजरत उस बच्चे को मृत घोषित कर डेथ सर्टिफाइड करते हुए परिजनों को डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट दे दी। परिजन डेड बॉडी ले जाने के लिए शव वाहन की सुविधा लेने कंट्रोल रूम चले गये। परिजनों का कहना है कि वेलोग जैसे ही डेड बॉडी लाने वार्ड में पहुंचे तो बच्चे की सांस चलती हुई प्रतीत हो रही थी। परिजनों ने तुरंत इस बात की जानकारी नर्सिंग स्टाफ को दी। इसके बाद डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ में हड़कंप मच गया। बच्चे को एनआईसीयू में दोबारा भर्ती किया गया। चार घंटे तक इलाज चला और फिर 10:50 में डॉक्टर ने फिर बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉ. विनिता ने डेथ सर्टिफाइड की।मृतक बच्चे के पिता श्रीनारायण राउत का कहना है कि जब चिकित्सकों ने पहली बार उसके बेटा को मृत घोषित किया तो वह वेंटिलेटर पर था। डॉक्टर मृत घोषित करते वक्त वेंटिलेटर से हटाकर परिजन को बच्चा सौंप दिया था। वह शव वाहन लाने कंट्रोल रूम चले गये थे। 50 मिनट बाद वह शव वाहन लेकर पहुंचे। डेड बॉडी के लिए एनआईसीयू लाने गये तो बच्चे की सांस चल रही थी। हल्ला करने पर चिकित्सकों ने फिर बच्चे को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। इस बीच 50 मिनट से अधिक समय तक उसका इलाज ठप रहा। अगर सही तरीके से जांच पड़ताल कर डॉक्टर बच्चे को डेथ सर्टिफाइड करते तो बच्चे की जान बच सकती थी।शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष सह अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि दो बार डेथ सर्टिफाइड बनाना गलत है। डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी। डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वेंटिलेटर से हटने पर किसी -किसी केस में ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है। यह वैज्ञानिक तौर पर प्रूव्ड भी है। #newspratyaksh #SKMCH #DeathCertificate  

डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा! लोग डेंगू संक्रमण से ठीक होने के बाद फिर से पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार अगर आप एक बार डेंगू पॉजिटिव होकर निगेटिव हुए हैं और इसके बाद फिर से पॉजिटिव हो गए हैं तो आपको दूसरे वेरिएंट के मच्छर ने काटा है। डेंगू के वेरिएंट को डेन वन टू थ्री और चार कहा जाता है। यानि की अगर आप डेंगू संक्रमण से निगेटिव होकर यह मान रहे हैं कि आप के शरीर में एंटीबॉडी तैयार हो गई है और आप अब डेंगू के शिकार नहीं होंगे तो आप गलत हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पूर्व में डेंगू वायरस के डेन वन व टू का संक्रमण था। अब डेन चार अपना असर दिखा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार अगर किसीको पहले एक वैरिएंट वाले डेंगू के मच्छर ने संक्रमित किया और वह मरीज ठीक हो गए, फिर भी अगर किसी अन्य वैरिएंट के डेंगू वाले मच्छर उसे काट लेता है तो वह आदमी फिर से संक्रमित हो जाएगा| इसलिए सतर्कता बरतनी चाहिए! #newspratyaksh #dengue