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चतरा नाजरेथ विद्यालय हिंदी मीडियम के दर्जनों बच्चों को प्रधानाध्यापक के द्वारा इन दिनों थर्ड डिग्री से भी अधिक टॉर्चर किया जा रहा है

News Pratyaksh | Updated : Thu 12th Oct 2023, 05:13 pm
चतरा नाजरेथ विद्यालय हिंदी मीडियम के दर्जनों बच्चों को प्रधानाध्यापक के द्वारा इन दिनों थर्ड डिग्री से भी अधिक टॉर्चर किया जा रहा है. बच्चे स्कूल तो जरूर जा रहें हैं, परंतु उन्हें पढ़ाने के बजाय क्लास रूम से बाहर कर दिया जा रहा है. ऐसे में पूरे दिन स्कूल के बाहर बैठे- बैठे बच्चे मानसिक अवसाद के शिकार हो रहे हैं. प्रताड़ित होने वाले बच्चों की संख्या एक दो नहीं बल्कि 50 से भी अधिक है. यह प्रताड़ना उन्हें लगातार 3 दिनों से झेलनी पड़ रही और वो भी इसलिए कि उनके अभिभावकों ने उनकी फीस नहीं जमा की है. इस बाबत बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि प्रिंसिपल के द्वारा चंद रुपयों के खातिर बच्चों को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है जो काफी निंदनीय है. उन्होंने कहा कि अभिभावक ने मीडिया के पास जाकर अच्छा नहीं किया है. वहीं जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं थी. ऐसा हो रहा है तो बिल्कुल गलत है. बच्चों को ऐसे टॉर्चर करने का अधिकार विद्यालय को नहीं है. उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कहीं है.अगर बच्चों की फीस नहीं जमा किया गई है तो उन्हें अभिभावकों के साथ बात करनी चाहिए थी. ना कि बच्चों को क्लास से बाहर निकाल देना चाहिए था. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मेरी ग्रेस से जब इस बाबत पूछी गई तो उन्होंने कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. परंतु उसने कहा कि जब कोई बीमार होता है तो उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए ना कि ओझा के पास. #newspratyaksh #Jharkhand #schools  

IAS-IPS अधिकारियों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इस लिए 3 माह का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसमें अधिकारी इन भाषाओं को सीखेंगे. फिर परीक्षा भी देनी होगी !

News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:57 pm
IAS-IPS अधिकारियों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इस लिए 3 माह का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसमें अधिकारी इन भाषाओं को सीखेंगे. फिर परीक्षा भी देनी होगी : इसी साल 21 अप्रैल को रांची में जब सिविल सर्विस डे मनाया जा रहा था, तब एक कार्यक्रम के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने हॉल में मौजूद अफसरों से पूछ लिया कि यहां मौजूद सभी आईएएस व आईपीएस है में से कितनों को कुरुख, संथाली हो आदि स्थानीय भाषा आती है. सीएम के इस सवाल पर हॉल में सन्नाटा पसर गया. क्योंकि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ऐसी कोई भाषा नहीं जानता था, जिसको देख हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को स्थानीय भाषा न जानने के लिए फटकार भी लगाई.इसी को देखते हुए अब झारखंड सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में कार्यरत सभी आईएएस व आईपीएस अफसरों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इसके लिए 3 महीने का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसके माध्यम से अधिकारी कुरुख, मुंडारी, खड़िया, हो, संथाली और भूमिज भाषा के साथ जनजातीय समाज की संस्कृति और इतिहास को भी जान सकेंगे, ताकि गांव के आदिवासी या आम जनों के साथ अधिकारी उन्हीं की भाषा में बात कर पाएं.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग ने यह योजना बनाई है. जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) को पाठ्यक्रम बनाने को भी कहा गया है. कल्याण विभाग के अधिकारी मुकेश कुमार के मुताबिक 3 महीने का पाठ्यक्रम सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य होगा और इसके बाद एक ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी. परीक्षा में पास होने के बाद अधिकारी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा. वहीं फेल होने पर दोबारा परीक्षा देने का प्रावधान होगा.आगे बताया कि रांची विश्वविद्यालय के जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में इस विषय पर जल्द ही कार्यशाला आयोजित की जाएगी. इसमें पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा. वहीं, राज्य स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को यह पाठ्यक्रम आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा. #newspratyaksh #Jharkhand #cmhemantsoren  

स्कूल के खाने में मिली मरी हुई छिपकली, खाना खाकर 100 से अधिक बच्चे बीमार !

News Pratyaksh | Updated : Thu 28th Sep 2023, 04:25 pm
स्कूल के खाने में मिली मरी हुई छिपकली, खाना खाकर 100 से अधिक बच्चे बीमार! इस वक्त झारखंड के पाकुड़ जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल झारखंड के पाकुड़ के एक प्राइवेट स्कूल में बच्चों के लिए दिए गए खाने में मरी हुई छिपकली मिलने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह खाना खाने के बाद 100 से अधिक बच्चे बीमार हो गए, जिन्हें इलाज के लिए आननफानन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.इसके बाद आनन-फानन 60 से अधिक बच्चों को पश्चिम बंगाल के के निजी अस्पताल ले जाया गया. वहीं 40 से अधिक बच्चों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. साथ ही प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई. बताया जा रहा है कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं. सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है.वहीं इस मामले पर जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने बताया कि यह मामला पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र स्थित झरिया गांव का है, जहां सिद्धू कानू मुर्मू रेजिडेंशियल इंग्लिश स्कूल झरिया पाकुड़िया पाकुड़ में बीती रात छात्रावास के बच्चों को रात में जो खाना दिया गया था उसमें छिपकली मिली थी. इस खाना को खाने के बाद 100 से अधिक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. लेकिन, फिलहाल सभी बच्चे स्वस्थ हैं. लेकिन, किस कारण से इतनी बड़ी चूक हुई है, इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.मिली जानकारी के अनुसार पाकुड़ के पाकुड़िया प्रखंड स्थित एक प्राइवेट स्कूल सिद्धू कानू मुर्मू रेजिडेंशियल इंग्लिश स्कूल के खाने में छिपकली गिर गयी थी. बताया जाता है कि वही खाना खाने के बाद स्कूल के 100 से अधिक छात्र बीमार हो गए. सभी बच्चों को उल्टी और सिरदर्द होने लगा. #newspratyaksh #Jharkhand #school  

मास्टर साहब ने स्टूडेंट को पीट पीट कर किया अधमरा, फिलहाल फ़रार चल रहे हैं!

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 02:58 pm
मास्टर साहब ने स्टूडेंट को पीट पीट कर किया अधमरा, फिलहाल फ़रार चल रहे हैं! औरंगाबाद सदर प्रखंड के बेला गांव में एक निजी कोचिंग में पढाई के दौरान बच्चे को समझ नहीं आने पर छात्र ने शिक्षक से सवाल पूछा तो शिक्षक ने छात्र की जमकर पिटाई कर दी। छात्र ने बताया कि सवाल पूछते ही शिक्षक उल्टा मुझसे ही सवाल दागने लगे, जिसका जवाब मैं नहीं दे पाया। फिर क्या था, शिक्षक ने मुझे जमकर पीट दिया। छात्र के पीठ पर छड़ी से बेरहमी से पिटाई के लाल निशान साफ दिखाई दिख रहे हैं। छात्र का इलाज औरंगाबाद सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।पीड़ित छात्र पुरुषोत्तम कुमार(12) विशंभर बिगहा निवासी मनोज कुमार यादव का पुत्र हैं। पिता ने बताया कि वह ऑटो चालक हैं। ऑटो चलाकर अपने बाल बच्चों की परवरिश करते हैं। शाम में उन्हे सूचना मिली कि मेरे बेटे पुरुषोत्तम को उसके कोचिंग के शिक्षक अभिनंदन सर ने काफी पिटाई की है जिस वजह से वह बेहोश है। जानकारी मिलते ही वह दौड़ते भागते भागते जब घर पहुंचे, तो वहां देखा कि मेरा बेटा बेहोश है और उसके पूरे पीठ पर पिटाई के लाल लाल गहरे निशान हैं। उसे स्थानीय चिकित्सक को बुलाकर किसी तरह होश में लाया गया और वह औरंगाबाद मुफस्सिल थाना पहुंचे।   मनोज यादव पुलिस को टीचर द्वारा की गई हैवानियत की जानकारी दी। बच्चे की हालत देखकर थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने सबसे पहले बच्चे का इलाज कराने की सलाह दी। उनके सलाह पर बच्चे को औरंगाबाद सदर अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद बच्चें को घर लाया लेकिन पिटाई से पीठ पर उभरे गहरे जख्म के कारण उनका पुत्र दर्द से कराह रहा है। पिता ने बताया कि शिक्षक अभिनंदन बेला गांव के ही निवासी हैं। वह प्रतिदिन शाम 4 बजे से कोचिंग चलाते हैं। पीड़ित स्टूडेंट पुरुषोत्तम ने बताया कि सर जो पढ़ा रहे थे वह उसे समझ में नहीं आ रहा था। इसको लेकर उसने सर ने कुछ प्रश्न पूछ दिया, जिसका वह जवाब नही दे पाए। इसी गुस्से में सर ने तांबे के तार से बेरहमी से बच्चे की पिटाई कर दी।उसके रोने की आवाज सुनकर मां ने आकर बचाया। मामले में औरंगाबाद मुफ्फसिल थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि टीचर द्वारा बच्चे की पिटाई किये जाने की शिकायत संबंधी आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की जांच की जिम्मेवारी एसआई प्रणव कुमार को दी गई है। जांच के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। #newspratyaksh #aurangabad

अगर इरादे बुलंद हों तो सिमित साधन भी सफलता में रुकावट नहीं बन सकते!

News Pratyaksh | Updated : Mon 25th Sep 2023, 01:30 pm
गांव में रहकर यूट्यूब से पढ़ाई! अब झारखंड पारा मेडिकल परीक्षा में लहराया परचम : नेहा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने की वजह से इलाके में परीक्षा की तैयारी को लेकर कोई शिक्षण संस्थान भी उपलब्ध नहीं था.परिवार की आर्थिक स्थिति भी इतनी मजबूत नहीं थी कि परिजन उसे परीक्षा की तैयारी के लिए शहर भेज सके. इसके बाद नेहा ने यूट्यूब के माध्यम से परीक्षा की तैयारी शुरू की.नेहा ने बताया कि यूट्यूब पर परीक्षा से संबंधित उपलब्ध अलग-अलग वीडियो लेक्चर को देखने के साथ ऑनलाइन सेट प्रैक्टिस भी किया. नेहा ने बताया कि उसके पिता सदानंद यादव रांची में ड्राइवर का काम करते हैं. शुरू से ही नेहा की इच्छा मेडिकल क्षेत्र में जाने की थी. तो वह झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित की जाने वाली झारखंड पारा मेडिकल प्रवेश प्रतियोगिता की तैयारी में जुट गई. जिससे परीक्षा की तैयारी में उन्हें काफी मदद मिली.हाल ही के दिनों में जारी परीक्षा के परिणाम में नेहा ने पारा मेडिकल में सफलता प्राप्त की. नेहा ने बताया कि नामांकन के लिए उसका चयन राज्य के सबसे बड़े मेडिकल संस्था रिम्स में हुआ है. जिसमें उसे एनेस्थीसिया विभाग मिला है. नेहा की सफलता से पूरा परिवार काफी खुश है. #newspratyaksh #Jharkhand #ParamedicalExam

मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत जिले के 105 केंद्रों पर महापरीक्षा का आयोजन किया गया!

News Pratyaksh | Updated : Mon 25th Sep 2023, 01:22 pm
मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत जिले के 105 केंद्रों पर महापरीक्षा का आयोजन किया गया: सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक आयोजित इस महापरीक्षा में 11 हजार वे नवसाक्षर महिलाएं शामिल हो रही हैं जो बचपन में किसी न किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर सकीं। दरअसल, बिहारशरीफ के मध्य विद्यालय राणाबिगहा केंद्र पर इस महापरीक्षा में सास-बहू के अलावा एक परिवार की चार बहू एक साथ परीक्षा देने पहुंची, जो अपनेआप में एक अनूठा मामला सामने आया।बिहारशरीफ के कोसुक निवासी जमींदर मांझी की पत्नी इंद्राणी देवी ने सास पंभी देवी के साथ परीक्षा दी। इंद्राणी देवी ने बताया कि बचपन में ही शादी हो गई थी। इस कारण स्कूल नहीं जा सकीं। जबकि सास पंभी देवी ने बताया कि घर में पोता-पोती को पढ़ते देख पढ़ने-लिखने का शौक जागा। गांव के शिक्षा सेवक मुन्ना मांझी का सहयोग मिला और दोनों सास-बहू पढ़ने जाने लगीं। उन्होंने कहा कि पहले अंगूठा लगाते थे। आज उन्हीं हाथों में कलम पकड़ कर बहुत अच्छा लग रहा है। दोनों आज अपना और पति का नाम लिख लेती हैं और बच्चों को थोड़ा-बहुत पढ़ा भी लेती हैं। 55 साल बाद कलम पकड़कर और लोगों के बीच परीक्षा देना दोनों को अच्छा लगाइसी तरह तिउरी गांव की सुनैना देवी, रूबी देवी, बेबी देवी और सुनीता देवी एक ही परिवार की बहुएं हैं। उन्होंने बताया कि चारों को बचपन में स्कूल जाने का मौका नहीं मिला। अब दूसरों को पढ़ता-लिखता देख पढ़ाई का मन किया और उम्र की झिझक को छोड़ आज साक्षर बनने के लिए परीक्षा दी।केंद्र के वरीय प्रेरक भोला प्रसाद ने बताया कि शिक्षा सेवक मुन्ना प्रसाद, संजय और सरस्वती कुमारी के प्रयास से आसपास की महिलाओं को साक्षर किया जाता है। इस केंद्र पर 60 नव साक्षर महिलाएं शामिल हुईं। #newspratyaksh #Bihar #YOJNA