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शिक्षिका के पर्स से 35 रुपये गायब हो गए जिसके बाद वह स्कूल के सारे बच्चों को लेकर कसम खिलाने के लिए मंदिर पहुंच गई :

News Pratyaksh | Updated : Fri 23rd Feb 2024, 11:56 am
रजौन प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय आसमानीचक (दक्षिण) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक शिक्षिका के पर्स से 35 रुपये गायब हो गए जिसके बाद वह स्कूल के सारे बच्चों को लेकर कसम खिलाने के लिए मंदिर पहुंच गई. किसी बच्चे से कसम खिलाने लगी तो किसी को डुबकी लगाने के लिए कहने लगी. स्कूल की शिक्षिका नीतू कुमारी पर यह आरोप लगा है. पूरा मामला बीते बुधवार (21 फरवरी) का है. गुरुवार (22 फरवरी) को इस मामले में परिजनों ने स्कूल में बवाल काटा.बुधवार को जब शिक्षिका नीतू कुमारी विद्यालय पहुंचीं तो पता चला कि उनके पर्स से 35 रुपये गायब हैं. शिक्षिका ने बच्चों से रुपये के बारे में पूछताछ करनी शुरू कर दी. पैसे का पता नहीं चला. स्कूल के पास ही एक दुर्गा मंदिर है. नीतू कुमार पर आरोप है कि वे सारे बच्चों को दुर्गा मंदिर ले गईं. बारी-बारी से सभी बच्चों को कसम खिलाने लगीं. हालांकि बुधवार को इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं चला.अगले दिन गुरुवार को सुबह काफी संख्या में बच्चों के अभिभावक और ग्रामीण स्कूल पहुंच गए. कसम खिलाने की बात को लेकर बवाल करने लगे. विद्यालय में तनाव जैसी स्थिति हो गई. घटना की सूचना मिलते ही रजौन बीआरसी से बीआरपी संजय झा, बीपीएम गौरव कुमार और केआरपी भूपाल पूर्वे विद्यालय पहुंचे. आक्रोशित ग्रामीणों को समझाया.हालांकि आक्रोशित ग्रामीण और बच्चों के परिजन शिक्षिका पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे. साथ ही विद्यालय प्रधान सुभाषिनी कुमारी और शिक्षिका नीतू कुमारी को स्कूल से हटाने की मांग करने लगे. हालांकि लोगों को समझाया गया कि हटाना उनके क्षेत्र का कार्य नहीं है. इसके लिए शिकायत की जाएगी. जांच करने पहुंची टीम को बच्चों ने बताया कि उनसे कसम खाने को कहा गया. डुबकी लगाने के लिए कहा गया है.इस संबंध में विद्यालय प्रधान सुभाषिनी कुमारी ने बताया कि मंगलवार और बुधवार को विशेष अवकाश (एसएल) पर थीं. विद्यालय के प्रभार में सहायक शिक्षिका नीतू कुमारी ही थीं. इस घटना के संबंध में उन्हें ज्यादा कुछ पता नहीं है. वहीं बीईओ कुमार पंकज ने बताया कि घटना की सूचना मिली है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बिहार में डीएलएड प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई !

News Pratyaksh | Updated : Tue 31st Oct 2023, 04:53 pm
बिहार में डीएलएड प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई ! बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने राज्य के प्रशिक्षण संस्थानों में डीएलएड प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो उम्मीदवार बिहार डीएलएड प्रवेश परीक्षा 2023 में उत्तीर्ण हुए हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट - deledbihar.com पर जाकर सामान्य आवेदन पत्र (CAF) भर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 नवंबर है। पहली मेरिट सूची 11 नवंबर को आएगी। प्रवेश कार्यक्रम 13 से 18 नवंबर तक चलेगा। संस्थानों द्वारा सीट अपडेशन 21 नवंबर तक किया जाएगा। प्रवेश के बाद अभ्यर्थियों द्वारा स्लाइड अप हेतु आवेदन 11 से 18 नवंबर तक किए जा सकेंगे। दूसरी मेरिट सूची के लिए नए विकल्प जोड़ने या मौजूदा विकल्पों को बदलने की अनुसूची (पहले में चयनित नहीं हुए उम्मीदवारों के लिए): 21 और 22 नवंबर, 2023 दूसरी मेरिट लिस्ट: 26 नवंबर, 2023 दूसरी मेरिट सूची के तहत प्रवेश: 27 और 28 नवंबर, 2023 तीसरी मेरिट सूची: 1 दिसंबर, 2023 तीसरी मेरिट सूची के तहत प्रवेश : 2 से 4 दिसंबर, 2023 आवेदन शुल्क सामान्य, ईडब्ल्यूएस, बीसी और ईबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपये है। एससी, एसटी और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए शुल्क 350 रुपये है।इस काउंसलिंग प्रक्रिया में बिहार के कुल 306 डीएलएड प्रशिक्षण संस्थान भाग ले रहे हैं। प्रत्येक संस्थान में उपलब्ध सीटों का उल्लेख करने वाली सूची के लिए, उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना देख सकते हैं।बिहार डीएलएड प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के अलावा, आवेदकों को 50 प्रतिशत (आरक्षित श्रेणियों के लिए 45 प्रतिशत) अंकों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। शास्त्री, पॉलिटेक्निक, आईटीआई योग्य उम्मीदवार डीएलएड प्रवेश के लिए पात्र नहीं हैं। हालांकि, कक्षा 12 व्यावसायिक, मध्यमा, फौक्वानिया परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवार पात्र हैं।डलएड पाठ्यक्रमों के लिए पात्र होने के लिए प्रवेश वर्ष के पहले महीने के पहले दिन (1 जनवरी, 2023) को उम्मीदवारों की आयु कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए। इस साल डीएलएड प्रवेश परीक्षा में कुल 1,39,141 उम्मीदवार उपस्थित हुए और 1,17,037 या 84.11 प्रतिशत उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए। परीक्षा 5 जून से 15 जून 2023 तक पूरे बिहार के परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। #newspratyaksh #Bihar #deled #exam  

झारखंड की सरकार राज्य में काम करने वाले आईएएस-आईपीएस और राज्य सेवा के अफसरों को छह जनजातीय भाषाएं सिखाने के लिए ऑनलाइन पाठशाला चलाएगी!

News Pratyaksh | Updated : Sun 29th Oct 2023, 12:01 pm
झारखंड की सरकार राज्य में काम करने वाले आईएएस-आईपीएस और राज्य सेवा के अफसरों को छह जनजातीय भाषाएं सिखाने के लिए ऑनलाइन पाठशाला चलाएगी: फील्ड में काम करने वाले हर अफसर के लिए यह अनिवार्य किया जाएगा कि वे राज्य में बोली जाने वाली जनजातीय भाषाएं सीखें. झारखंड सरकार का ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट इसके लिए कोर्स मॉड्यूल तैयार कर रहा है. 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर कोर्स मॉड्यूल लॉन्च कर दिया जाएगा. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य सरकार के कल्याण विभाग ने इसकी पूरी योजना तैयार की है.तय किया गया है कि छह जनजातीय भाषाओं संथाल, हो, खड़िया, कुड़ुख, मुंडारी और भूमिज के तीन-तीन महीने के ऑनलाइन कोर्स चलाए जाएंगे. कोर्स पूरा करने के बाद परीक्षाएं भी ली जाएंगी और उत्तीर्ण अफसरों को सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. अगर कोई अफसर परीक्षा में पास नहीं होता है तो उसे फिर से मौका दिया जाएगा. उद्देश्य यह है कि अफसर झारखंड की वृहद जनजातीय आबादी से उसकी भाषा में संवाद कर सकें. अफसरों को जनजातीय इतिहास और संस्कृति की भी जानकारी दी जाएगी. ऑनलाइन क्लास के सफल संचालन के लिए जनजातीय भाषा के व्याख्याताओं, शिक्षकों और जानकारों की सेवाएं ली जाएंगी. झारखंड में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली जनजातीय भाषा संथाली है. करीब 20 लाख लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं. यह संविधान की आठवीं अनुसूची में भी शामिल है.इसी तरह लगभग 15 लाख लोग मुंडारी, दस लाख से ज्यादा लोग कुड़ुख और आठ लाख से ज्यादा लोग “हो” भाषा का उपयोग करते हैं. भूमिज भाषा बोलने वालों की संख्या भी पांच लाख से ज्यादा है. जनजातीय बहुल इलाकों में रहने वाले गैर जनजातीय लोग भी इन भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं.बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन बीते 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे पर रांची में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित आईएएस-आईपीएस अफसरों से पूछा था कि आपमें से कितने लोग झारखंड की जनजातीय भाषाएं जानते हैं? किसी भी अफसर ने इस पर जवाब नहीं दिया था.तब, सीएम ने कहा था कि आप झारखंड के लोगों को एक ईमानदार और कुशल प्रशासन देना चाहते हैं तो उनकी भाषा को समझना और उसमें संवाद करना आवश्यक है. सीएम ने इसके बाद कल्याण विभाग को निर्देश दिया था कि अफसरों के लिए छह प्रमुख जनजातीय भाषाओं के पाठ्यक्रम की संरचना तैयार की जाए| #newspratyaksh #Jharkhand #GovernmentOfJharkhand #triballanguage  

मास्टर जी बायोमेट्रिक नहीं तो सैलरी नहीं !

News Pratyaksh | Updated : Fri 20th Oct 2023, 11:27 am
सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक से बढ़कर एक योजना चलाई जा रही है. वहीं शिक्षको द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देने पर समय समय कर कारवाई की जाती है. इसी कड़ी में पलामू जिला प्रशासन शिक्षकों के द्वारा लापरवाही बरतने पर वेतन काटने का निर्देश दिया गया है.उपायुक्त शशि रंजन ने सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक उपस्थिति बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जो शिक्षक ऐसा नहीं करेंगे, उनका वेतन काटा जायेगा. जिसे लेकर समाहरणालयसभागार में गुरुवार को बैठक आयोजित की गई.गुरुवार आयोजित इस बैठक में बगैर सूचने के अनुपस्थित रहने पर मनातू के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी व नौडीहा बाजार के बीपीओ का भी वेतन रोकने के निर्देश दिया गया.उपायुक्त गुरुवार को समाहरणालय सभागार में शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया.इसी क्रम में उन्होंने बच्चों का खाता खोलने, कक्षा 1 से 12 के बच्चों के बीच पुस्तक वितरण,पोशाक वितरण, छात्रवृत्ति, मध्यान भोजन, स्कूलों में रंगरोगन, खेल सामग्री वितरण, आदि की भी समीक्षा की. इस बैठक में उपायुक्त रंजन ने दो टूक शब्दों में कहा कि जिले में बच्चों के शिक्षा से खिलवाड़ किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी.आज के बैठक में उपायुक्त के अलावा उप विकास आयुक्त रवि आनंद ने भी विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए कई निर्देश दिये.बैठक में उपरोक्त के अलावे जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बीपीओ, समेत अन्य उपस्थित थे. #newspratyaksh #Jharkhand #JharkhandEducation

बीपीएससी से स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति से पहले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का रास्ता खोल दिया गया!

News Pratyaksh | Updated : Thu 12th Oct 2023, 05:15 pm
बीपीएससी से स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति से पहले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का रास्ता खोल दिया गया : बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा देकर जो स्थायी शिक्षक बनेंगे, नियोजित शिक्षकों को भी उन्हीं की तरह राज्यकर्मी का दर्जा और बाकी लाभ दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन सरकार ने नियोजित शिक्षकों के स्थायीकरण की नियमावली तैयार कर ली है। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 का प्रारूप शिक्षा विभाग ने जारी किया है। अगर एक सप्ताह के अंदर इसपर कोई महत्वपूर्ण आपत्ति नहीं आयी तो यह लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद नियोजित शिक्षकों को एक विशेष तरह की परीक्षा देनी होगी और पास करते ही बीपीएससी से बनने जा रहे स्थायी शिक्षकों की तरह सबकुछ मिलने लगेगा।नियमावली के प्रस्तावना में बताया गया है कि स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 के तहत नियुक्त किए गए शिक्षकों के बराबर लाने के लिए यह नियमावली बनाई गई है। नियमावली का नाम बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 रखा गया है। नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट शिक्षक का मतलब ऐसे सभी शिक्षक जिन्हें स्थानीय निकायों द्वारा नियोजित किया गया है और जो संबंधित स्थानीय निकाय शिक्षक नियमावली 2020 के अंतर्गत आते हैं। इनमें पुस्तकालयाध्यक्ष और शारीरिक शिक्षक भी शामिल हैं। स्थानीय निकाय के विभिन्न स्तरों पर नियुक्त सभी शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे। विशिष्ट परीक्षा जिसका नाम सक्षमता परीक्षा रखा गया है, में उत्तीर्ण होने के बाद जिला स्तर पर इनका एकल संवर्ग होगा। आज की तारीख तक किसी नियोजित शिक्षक के खिलाफ अगर कोई अनुशासनिक कार्रवाई, सतर्कता जांच या कोई अन्य अन्वेषण चल रहा है तो वह नियमावली के तहत भी जारी रहेगा। इसके साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि विशिष्ट शिक्षक सेवा के सेवा निवृत्त या इस्तीफा या बर्खास्त होने के बाद स्थानीय निकाय उसे खाली पद पर नियोजन नहीं कर सकेगा। मध्य विद्यालय के शिक्षक यानी कक्षा एक से पांचवी तक के विशिष्ट शिक्षक शिक्षकों का मूल वेतन ₹25000 निर्धारित किया गया है। कक्षा 6 से आठवीं तक के विशिष्ट शिक्षकों को 28000 रुपए का मूल वेतन तय किया गया है। कक्षा 9 से दसवीं तक के विशिष्ट शिक्षकों का मूल वेतन 31000 निर्धारित किया गया है। कक्षा 11 एवं 12 के लिए विशिष्ट शिक्षकों का मूल वेतन ₹32000 रखा गया है। मूल वेतन से इतर, राज्य सरकार की प्रचलित दरों के अनुसार महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, और शहरी परिवहन भत्ता भी दिया जाएगा। नियमावली के तहत विभाग अपनी नीति को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर विशिष्ट शिक्षकों के वेतन भत्तों को संशोधित भी कर सकता हैविशिष्ट शिक्षक जिला शिक्षा पदाधिकारी के जरिए स्थानांतरित होंगे। एक तय अवधि पूरा होने के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक या माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अनुरोध कर जिला के बाहर भी स्थानांतरण ले सकते हैं। इस तरह का अनुरोध स्थानांतरण पूरे सेवा काल में दो बार लिया जा सकेगा। पूरे सेवाकाल के दौरान अगर प्राथमिक शिक्षा निदेशक या माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जरूरत महसूस हुई तो प्रशासनिक आधार पर कभी भी जिले के बाहर इनका स्थानांतरण किया जा सकेगा। #newspratyaksh #Bihar #teachersvacancy #bpscteacher

चतरा नाजरेथ विद्यालय हिंदी मीडियम के दर्जनों बच्चों को प्रधानाध्यापक के द्वारा इन दिनों थर्ड डिग्री से भी अधिक टॉर्चर किया जा रहा है

News Pratyaksh | Updated : Thu 12th Oct 2023, 05:13 pm
चतरा नाजरेथ विद्यालय हिंदी मीडियम के दर्जनों बच्चों को प्रधानाध्यापक के द्वारा इन दिनों थर्ड डिग्री से भी अधिक टॉर्चर किया जा रहा है. बच्चे स्कूल तो जरूर जा रहें हैं, परंतु उन्हें पढ़ाने के बजाय क्लास रूम से बाहर कर दिया जा रहा है. ऐसे में पूरे दिन स्कूल के बाहर बैठे- बैठे बच्चे मानसिक अवसाद के शिकार हो रहे हैं. प्रताड़ित होने वाले बच्चों की संख्या एक दो नहीं बल्कि 50 से भी अधिक है. यह प्रताड़ना उन्हें लगातार 3 दिनों से झेलनी पड़ रही और वो भी इसलिए कि उनके अभिभावकों ने उनकी फीस नहीं जमा की है. इस बाबत बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि प्रिंसिपल के द्वारा चंद रुपयों के खातिर बच्चों को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है जो काफी निंदनीय है. उन्होंने कहा कि अभिभावक ने मीडिया के पास जाकर अच्छा नहीं किया है. वहीं जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं थी. ऐसा हो रहा है तो बिल्कुल गलत है. बच्चों को ऐसे टॉर्चर करने का अधिकार विद्यालय को नहीं है. उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कहीं है.अगर बच्चों की फीस नहीं जमा किया गई है तो उन्हें अभिभावकों के साथ बात करनी चाहिए थी. ना कि बच्चों को क्लास से बाहर निकाल देना चाहिए था. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मेरी ग्रेस से जब इस बाबत पूछी गई तो उन्होंने कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. परंतु उसने कहा कि जब कोई बीमार होता है तो उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए ना कि ओझा के पास. #newspratyaksh #Jharkhand #schools