Jharkhand


झारखंड के धनबाद और हजारीबाग जिले में मंगलवार को दो अलग-अलग घटनाओं में पांच बच्चे नदियों की तेज धार में बह गए!

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 03:23 pm
झारखंड के धनबाद और हजारीबाग जिले में मंगलवार को दो अलग-अलग घटनाओं में पांच बच्चे नदियों की तेज धार में बह गए. इनमें से तीन बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि दो अन्य का तीन घंटे बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है. दोनों घटनाएं झारखंड के स्थानीय लोक पर्व करम पूजा के बाद विसर्जन के दौरान हुईं. धनबाद में बाघमारा थाना क्षेत्र की जमुनिया नदी में करम पूजा की डाली के विसर्जन के दौरान पांच बच्चे नहाने के लिए नदी में उतरे और गहरी धार में चले गए.पांचो बच्चे बहने लगे तो कुछ लोगों की उन पर नजर पड़ी. उन्हें बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया. इसके बाद उन्हें बीसीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इनमें से दो सलोनी कुमारी (14 वर्ष) और देवराज कुमार (10 वर्ष) को मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद बाघमारा विधायक दुल्लू महतो भी मौके पर पहुंचे. दूसरी घटना हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र के ओबरा गांव की है. यहां भी सुबह-सुबह करीब 10 बच्चियां बराकर नदी में करम पूजा की डाली विसर्जित करने गई थीं. इस दौरान नदी की तेज धार में सभी बहने लगीं. इनमें से सात को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तीन अन्य बह गईं. बाद में स्थानीय गोताखोरों ने इनमें से एक बच्ची का शव निकाल लिया है. दो अन्य की तलाश जारी है. इन घटनाओं से इलाके में कोहराम मचा है. नदी के पास सैकड़ों लोग इकट्ठा हैं. #newspratyaksh #Jharkhand #dhanbad #Hazaribagh

झारखंड में डेंगू के 39 और चिकनगुनिया के पांच नए मामले सामने आए!

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 03:21 pm
झारखंड में डेंगू के 39 और चिकनगुनिया के पांच नए मामले सामने आए हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में मच्छर जनित बीमारी में वृद्धि के मद्देनजर 442 लोगों के खून के नमूनों का परीक्षण किया गया और उनमें से 39 की रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई। पूर्वी सिंहभूम और साहिबगंज जिलों में सबसे अधिक आठ-आठ मामले दर्ज किए गए, जबकि खूंटी, पाकुड़ और रांची से चार-चार मामले सामने आए हैं। राज्य में चिकनगुनिया के मामले में भी वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चिकनगुनिया के लिए 39 लोगों के रक्त के नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसमें पांच लोगों की रिपोर्ट में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई है। सभी मरीज रांची से हैं। इससे पहले, 25 सितंबर को राज्य में डेंगू के 40 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 35 मरीज पूर्वी सिंहभूम जिले से थे। #newspratyaksh #Jharkhand #dengue  

बेतिया में बिल्ली को लेकर हुआ विवाद, डॉक्टर पति ने पत्नी की कर दी पीट पीट कर हत्या!

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 03:05 pm
बेतिया में बिल्ली को लेकर हुआ विवाद, डॉक्टर पति ने पत्नी की कर दी : घर में बिल्ली को लेकर बात ऐसी बढ़ी की एक महिला की जान चली गई. पूरा मामला बेतिया जिले के नगर थाना क्षेत्र के बसवरिया नया टोला का है. मंगलवार (26 सितंबर) की देर रात को एक डॉक्टर पति ने अपनी पत्नी की पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने पति समेत दो लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.इस पूरे मामले में मृतक महिला अंकिता कुमारी के पिता कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि सोमवार को उनकी बेटी ने फोन किया था. कहा था कि पापा घर आइए, पति ने बहुत पिटाई की है. यह सुनकर वह बेटी के यहां पहुंचे. उनकी बेटी ने बताया कि पति एक बिल्ली को लेकर घर आया था. बिल्ली को घर से बाहर रखने के लिए उसने कहा तो इस बात पर उसकी पिटाई कर दी गई. पति-पत्नी के बीच हुई इस घटना के बाद वे समझाए और फिर वापस घर लौट आए. अगले दिन मंगलवार को पति ने पत्नी को फिर पीटा. बेहोश हो गई तो जीएमसीएच लाया गया जहां उसकी मौत हो गई.घटना के बदा जीएमसीएच में पहुंचे मृतका के परिजनों ने आरोपित पति को पकड़ लिया. दोनों तरफ से जमकर मारपीट हुई. घंटों जीएमसीएच रणक्षेत्र बना रहा. मौके पर मौजूद जीएमसीएच के गार्ड ने मामले को शांत कराया और इसकी सूचना नगर थाना को दी. सूचना पर पहुंचे नगर थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने आरोपी पति समेत दो लोगों को हिरासत में ले लिया.कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होंने बेटी की शादी दो साल पहले बड़े धूमधाम के साथ दांत के डॉक्टर से की थी. शादी के कुछ दिन बाद से एक कट्ठा जमीन मांगी जा रही थी. शादी में 40 लाख रुपये खर्च किए गए थे. फोर व्हीलर गाड़ी तक दी गई थी लेकिन दहेज लोभियों ने अंकिता को मौत के घाट उतार दिया.नगर थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि मृतक महिला अंकिता कुमारी के पिता कमलेश कुमार वर्मा ने आवेदन दिया है. आरोप लगाया है कि उनके दामाद डॉक्टर अश्विनी कुमार ने अपनी पत्नी की पीट-पीट कर हत्या कर दी है. पति अश्विनी कुमार और एक महिला को हिरासत में लिया गया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. #newspratyaksh #Bihar #Betiya

माओवादियों ने रांची सीमा से सटे चंदवा में एक रेलवे निर्माण स्थल को निशाना बनाया!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:10 pm
झारखंड के लातेहार जिले में सोमवार की शाम माओवादियों ने रांची सीमा से सटे चंदवा में एक रेलवे निर्माण स्थल को निशाना बनाया। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के उग्रवादियों ने पास के पुल पर खड़े कम से कम चार वाहनों में आग लगा दी। साथ ही एक निजी कंपनी के कर्मचारियों पर हमला भी किया और उनके साथ मारपीट की गई।पुलिस ने बताया कि घटना चंदवा थाना क्षेत्र के चट्टी नदी पुल के पास हुई। उन्होंने कहा कि माओवादियों का एक समूह घटनास्थल पर पहुंचा और तीन भारी वाहनों और एक एसयूवी को आग लगा दी और कर्मचारियों पर हमला किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। यह घटना पलामू जिले में माओवादियों द्वारा छह वाहनों को आग लगाने और एक निजी सड़क निर्माण कंपनी के दो कर्मचारियों पर हमला करने के ठीक एक महीने बाद हुई। #newspratyaksh #Jharkhand #nuxals  

झारखंड के आदिवासी समुदाय के लोगों ने सोमवार (25 सितंबर) को पारंपरिक उत्साह के साथ करम पर्व मनाया!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:08 pm
झारखंड के आदिवासी समुदाय के लोगों ने सोमवार (25 सितंबर) को पारंपरिक उत्साह के साथ करम पर्व मनाया, जिसे करमा त्योहार भी कहा जाता है. सरहुल के बाद सबसे बड़े त्योहारों में से एक, करम के इस अवसर पर आदिवासी करम पेड़ की पूजा करते हैं और प्रकृति मां से प्रार्थना करते हैं कि खरीफ सीजन के बाद समृद्ध फसल सुनिश्चित हो. इसके अलावा बहनें इस अवसर पर अपने भाइयों की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं.झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग द्वारा आयोजित करम महोत्सव में भाग लिया.इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि, करम, जिसे करमा उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, देश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है. राधाकृष्णन ने कहा कि यह त्योहार प्रकृति और मानव के बीच गहरे और अटूट रिश्ते को दर्शाता है.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी करम पर्व पर लोगों को शुभकामनाएं दीं. हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘करम पर्व हमारी उस समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है, जो सदियों से चली आ रही है. प्रकृति के साथ मानव जीवन की एकता तथा भाई-बहन के बीच असीम प्रेम व सम्मान को दर्शाता यह पावन पर्व आप सभी के जीवन में खुशियां लेकर आये. मैं कामना करता हूं कि आप सभी स्वस्थ, प्रसन्न एवं समृद्ध रहें.’आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम साही मुंडा ने कहा कि इस अवसर पर आदिवासी अपने घरों की सफाई करते हैं और उन्हें फूलों और पत्तियों से सजाते हैं तथा शाम को वे करम पेड़ की पूजा करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे आदिवासी भाई-बहन प्रकृति के सच्चे संरक्षक हैं. वे प्रकृति का आदर और सम्मान करते हैं तथा दुनिया को उसकी सुरक्षा का संदेश देते हैं.’ उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व 'ग्लोबल वार्मिंग' के कारण विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है और ऐसे में करमा पूजा पूरे विश्व के लिए एक बेहतर उदाहरण है. #newspratyaksh #karampuja #KaramParab #Jharkhand  

एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:07 pm
एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट : एसकेएमसीएच में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। एनआईसीयू में भर्ती एक नवजात की मौत के बाद दो अलग-अलग डॉक्टरों ने उसे दो बार अलग-अलग समय पर मृत घोषित किया है। मामला संज्ञान में आने के बाद एसकेएमसीएच में हड़कंप मचा हुआ है। मधुबनी जिला के सहारघाट गांव निवासी श्रीनारायण राउत ने चार दिन के नवजात को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया था। गंभीर हालत होने की वजह से चिकित्सकों ने उस नवजात शिशु को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज शुरू कर दिया। रविवार की शाम 6:45 बजे एनआईसीयू के डॉ. विनय सागर ने इलाजरत उस बच्चे को मृत घोषित कर डेथ सर्टिफाइड करते हुए परिजनों को डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट दे दी। परिजन डेड बॉडी ले जाने के लिए शव वाहन की सुविधा लेने कंट्रोल रूम चले गये। परिजनों का कहना है कि वेलोग जैसे ही डेड बॉडी लाने वार्ड में पहुंचे तो बच्चे की सांस चलती हुई प्रतीत हो रही थी। परिजनों ने तुरंत इस बात की जानकारी नर्सिंग स्टाफ को दी। इसके बाद डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ में हड़कंप मच गया। बच्चे को एनआईसीयू में दोबारा भर्ती किया गया। चार घंटे तक इलाज चला और फिर 10:50 में डॉक्टर ने फिर बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉ. विनिता ने डेथ सर्टिफाइड की।मृतक बच्चे के पिता श्रीनारायण राउत का कहना है कि जब चिकित्सकों ने पहली बार उसके बेटा को मृत घोषित किया तो वह वेंटिलेटर पर था। डॉक्टर मृत घोषित करते वक्त वेंटिलेटर से हटाकर परिजन को बच्चा सौंप दिया था। वह शव वाहन लाने कंट्रोल रूम चले गये थे। 50 मिनट बाद वह शव वाहन लेकर पहुंचे। डेड बॉडी के लिए एनआईसीयू लाने गये तो बच्चे की सांस चल रही थी। हल्ला करने पर चिकित्सकों ने फिर बच्चे को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। इस बीच 50 मिनट से अधिक समय तक उसका इलाज ठप रहा। अगर सही तरीके से जांच पड़ताल कर डॉक्टर बच्चे को डेथ सर्टिफाइड करते तो बच्चे की जान बच सकती थी।शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष सह अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि दो बार डेथ सर्टिफाइड बनाना गलत है। डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी। डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वेंटिलेटर से हटने पर किसी -किसी केस में ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है। यह वैज्ञानिक तौर पर प्रूव्ड भी है। #newspratyaksh #SKMCH #DeathCertificate