Jharkhand


ED समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे CM हेमंत सोरेन, चौथी बार भी पूछताछ के लिए नहीं हुए पेश !

News Pratyaksh | Updated : Sat 23rd Sep 2023, 12:00 am
ED समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे CM हेमंत सोरेन, चौथी बार भी पूछताछ के लिए नहीं हुए पेश : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चौथे समन के बाद भी शनिवार को ईडी कार्यालय नहीं पहुंचेंगे. दरअसल हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में हेमंत सोरेन ने कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने और पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया है. बता दें, ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए चौथा समन भी भेजा था. ईडी ने चौथी बार समन भेजकर हेमंत सोरेन को 23 सितंबर को पूछताछ के लिए फिर से रांची ईडी दफ्तर बुलाया था.दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट में ईडी के समन को चुनौती देने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एडिशनल साॅलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट से कहा था कि हेमंत सोरेन को मनी लांड्रिंग कानून की धारा 50 और 63 पर सवाल उठाने से रोकें. बता दें, ईडी ने अबतक सीएम हेमंत सोरेन को 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर और 23 सितंबर चार बार समन भेजा है.बता दें, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हेमंत सोरेन ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में 24 अगस्त को याचिका दाखिल की थी. जिसमें उन्होंने ED द्वारा समन किये जाने की प्रक्रिया को चुनौती दी थी. अपनी याचिका में हेमंत सोरेन ने कहा है कि ED द्वारा उन्हें समन कर बुलाया जाना गलत है. बता दें, अब ईडी ने हेमंत सोरने को पूछताछ के लिए 4 बार समन जारी किया है.जानकारी के मुताबिक, ED हेमंत सोरेन से लैंड स्कैम से जुड़े केस में पूछताछ करना चाहती है. बता दें, फर्जी कागजात के आधार पर जमीन खरीदने के मामले में ED द्वारा समन जारी करने पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. #newspratyaksh #Jharkhand #HemantSoren #ed #HighCourt  

झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का निधन, किन अदालतों में आज नहीं होगा काम?

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 05:10 pm
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का निधन, किन अदालतों में आज नहीं होगा काम? झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का निधन रांची के मेडिका अस्पताल में हो गया| बताया जा रहा है कि वे पिछले कई दिनों से वे बीमार थे| वर्ष 2018 में उन्होंने न्यायाधीश पद पर योगदान दिया था| इससे पहले बार काउंसिउंल के सदस्य के रूप में भी उन्होंने महत्वूपर्ण भूमिका निभाई थी| जानकारी के अनुसार दिवंगत न्यायमूर्ति कैलाश प्रसाद देव का पार्थिव शरीर मेडिका हॉस्पिटल से उनके डोरंडा नेपाल हाउस स्थित आवास पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया है. तीन बजे उनका पार्थिव शरीर उनके आवास से झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में लाये जाने की खबर आ रही है | जिसके बाद अंतिम यात्रा करीब 4:00 बजे मुक्तिधाम के लिए उच्च न्यायालय से प्रस्थान करेगा| 4:15 बजे उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी| #newspratyaksh #Jharkhand #JharkhandHighCourt #justice  

डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा! लोग डेंगू संक्रमण से ठीक होने के बाद फिर से पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार अगर आप एक बार डेंगू पॉजिटिव होकर निगेटिव हुए हैं और इसके बाद फिर से पॉजिटिव हो गए हैं तो आपको दूसरे वेरिएंट के मच्छर ने काटा है। डेंगू के वेरिएंट को डेन वन टू थ्री और चार कहा जाता है। यानि की अगर आप डेंगू संक्रमण से निगेटिव होकर यह मान रहे हैं कि आप के शरीर में एंटीबॉडी तैयार हो गई है और आप अब डेंगू के शिकार नहीं होंगे तो आप गलत हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पूर्व में डेंगू वायरस के डेन वन व टू का संक्रमण था। अब डेन चार अपना असर दिखा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार अगर किसीको पहले एक वैरिएंट वाले डेंगू के मच्छर ने संक्रमित किया और वह मरीज ठीक हो गए, फिर भी अगर किसी अन्य वैरिएंट के डेंगू वाले मच्छर उसे काट लेता है तो वह आदमी फिर से संक्रमित हो जाएगा| इसलिए सतर्कता बरतनी चाहिए! #newspratyaksh #dengue  

पहले पति ने बोला तीन बार तलाक, फिर बच्चों सहित महिला को घर से बाहर निकाला, एक महीने बाद भी दर्ज नहीं हुआ केस!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
पहले पति ने बोला तीन बार तलाक, फिर बच्चों सहित महिला को घर से बाहर निकाला, एक महीने बाद भी दर्ज नहीं हुआ केस! तीन तलाक पर भले ही सरकार ने कानून बनाया हो, पर ज़मीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है| बिहार के भागलपुर से तीन तलाक का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है पति ने एक महीने पहले तीन तलाक बोलने के बाद महिला को मार-पीटकर घर से निकाल दिया था। मामले को 1 महिना बीत गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। थाने का चक्कर लगा लगा कर पीड़ित महिला के चप्पल घिस गए पर उसकी समस्या को कोई सुनने को तैयार नहीं है। बिहार के कजरैली थानाक्षेत्र के सिमरिया निवासी हुस्न आरा को एक माह की लंबी दौड़ बाद भी अबतक न्याय नहीं मिला है। महिला थाने की चक्कर लगा-लगा थक गई लेकिन अब तक उसकी दी गई अर्जी पर केस दर्ज नहीं किया गया। वह मां के साथ महिला थाने की दौड़ लगा-लगा थक गई है और अब जखम पर जखम मिल रहे हैं| हुस्न आरा की हिम्मत अब जवाब देने लगी है। कजरैली थाने में उसे यह कहकर उसे महिला थाने भेज दिया गया था कि वह महिला थाने में ही केस दर्ज कराए। तीन तलाक का मामला महिला थाने में ही दर्ज होगा। बता दें कि उसकी अर्जी पर केस दर्ज करने के बजाय महिला थाने से उसके पति को कॉल करके यह जानकारी दे दी गई कि उसके विरुद्ध केस दर्ज करने की अर्जी दी गई है। वह थाने पहुंच कर अपना पक्ष रखे। फिर हुस्न आरा का पति महिला थाने पहुंचा। पति से क्या पूछताछ हुई यह हुस्न आरा को पता नहीं लेकिन हुस्न आरा को थाने में फटकार जरूर मिल गई कि उसका केस महिला थाने में नहीं कजरैली थाने में होगा या वह कोर्ट जाकर केस दर्ज कराए। हुस्न आरा के साथ हुई मारपीट और पति की तरफ से तीन तलाक बोल घर से निकाल बाहर करने मामले में केस के लिए दी गई अर्जी की जानकारी पर अब उसका पति रोज हुस्न आरा के मायके पहुंच नशे में गाली-गलौज और जान से मार डालने की धमकी देता है। हुस्न आरा ने कहा कि उस जैसी महिला का कजरैली थाने में केस नहीं लिया गया, उसका उसे मलाल नहीं है। लेकिन महिला थाने में महिला के साथ हो रही ज्यादती के बाद भी अबतक केस दर्ज नहीं करना बहुत पीड़ा दे रहा है। #newspratyaksh #Bihar #TEENTALAK  

HEC की बदहाली को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं और कर्मियों ने फूंका बिगुल, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
HEC की बदहाली को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं और कर्मियों ने फूंका बिगुल, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी! इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सभी सार्वजनिक कल-कारखानों को अडानी-अंबानी के हवाले कर रही है| खनिज संपदा, कल-कारखानेऔर हवाई जहाज भी अडानी को दे दिया है| एचइसी को बंद होने से बचाने और कर्मियों को 18 माह के बकाये वेतन का भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुगुवार को इंडिया गठबंधन के नेताओं और एचइसी कर्मियों ने मुख्यालय से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर महाधरना दिया| दिल्ली में इंडिया गठबंधन व श्रमिक संगठनों की ओर दिये गये महाधरना की अध्यक्षता झामुमो के मुश्ताक अहमद ने की| महाधरना में सैकड़ों लोग शामिल हुए| इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सभी सार्वजनिक कल-कारखानों को अडानी-अंबानी के हवाले कर रही है| खनिज संपदा, कल-कारखाने और हवाई जहाज भी अडानी को दे दिया है| इसी तरह झारखंड के कोयला, आयरन और गैस सहित कई खनिज संपदा अडानी को सौंपने जा रही है| किसानों की हजारों एकड़ जमीन कौड़ी के दाम पर लुटायी जा रही है| नेताओं ने कहा कि चंद्रयान के लिए लांचिंग पैड बनाने वाले एचइसी को बचाया नहीं गया, तो केंद्र सरकार के विरुद्ध बड़ी लड़ाई लड़ी जायेगी| जरूरत पड़ी तो आर्थिक नाकेबंदी कर राज्य से खनिज संपदाओं को बाहर नहीं जाने दिया जायेगा और मोदी सरकार के झारखंड आगमन पर राज्य की जनता काला झंडा दिखायेगी| #newspratyaksh #Jharkhand #HEC #indiagathbandhan

करमा पूजा का रहस्य! कुंवारी लड़कियां ही उठाती हैं जावा, इसके पीछे है गूढ़ रहस्य!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
करमा पूजा का रहस्य! कुंवारी लड़कियां ही उठाती हैं जावा, इसके पीछे है गूढ़ रहस्य! करमा पूजा में डाली उठाने का कार्य कन्याएं ही करती हैं| इसके पीछे भी एक गूढ़ रहस्य निहित है| कन्याएं धरती का ही रूप मानी जाती हैं| बीज धारण करने की क्षमता धरती में होती है और वैसे ही सृष्टि को आगे बढ़ाने का सामर्थ्य नारी में है| महान प्रकृति पर्व 'करमा' में प्रधान रूप से चार महत्वपूर्ण और अनिवार्य तत्त्व हैं- जावा डाली, करम डाइर, अनगिनत जावा गीत और करमा-धरमा की धर्मकथा| समस्त पर्व में इन तत्त्वों की अपनी अपनी महत्ता है| जावा डाली इस पर्व के विदित है| जावा डाली झारखंड की बहनों द्वारा विधि विधान से नदी के बालू में एक उथरी टोकरी में सघन रूप से बुने गए बीजों के अंकुरण और प्रारंभिक पल्लवन का नाम है| कर् माएकादशी के नौ दिन, सात दिन या पांच दिन पूर्व जावा डाली के उठाने की प्रक्रिया होती है| इस महानतम पर्व के इस प्राण तत्त्व में गहरा दर्शन समाहित है| कन्याएं ही क्यों उठाती हैंडाली? वस्तुतः जावा डाली के द्वारा हम बीजों की पूजा करते हैं| बीज, सृष्टि का आधार हैं| जैव जगत की निरंतरता के लिए बीज की अनिवार्यता है| इसी परम सत्य को जावा डाली के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है| इस पर्व में डाली उठाने का कार्य कन्याएं ही करती हैं| इसके पीछे भी एक गूढ़गू रहस्य निहित है| कन्याएं धरतीस्वरूपा हैं| बीज धारण करनेकी क्षमता धरती में होती हैऔर इसी तरह सृष्टि को आगे बढ़ाने का सामर्थ्य नारी में है| इस परम सत्य को सांकेतिक तौर पर कन्याओं को बताया जाता है| जावा डाली इसी सत्य का प्रतीक है| अप्पकी जानकारी के लिए, जावा डाली में अधिकतम नौ प्रकार के बीजों के वपण का विधान है, और नौ सबसे बड़ी मूल संख्या होने के कारण पूर्णता का द्योतक है| अर्थात जावा डाली में समस्त बीजों की अभ्यर्थना की जाती है| बीजों में निहित शक्ति और उसकी महिमा का वंदन किया जाता है. करम पर्वका पहला गीत “इति- इति जावा किया-किया जावा...सेहो रेजावा एक पाता सइ रे..” बीज की महत्ता को निरूपित करता है| जानिए करमा-धरमा की कहानी! इस पर्वका दूसरा अनिवार्य तत्व है करम डाइर|उपवास की रात अखरा में 'करम' वृक्ष की डाली को स्थापित किया जाता है| इसका मतलब होता है की, भाइयों को, अर्थात्पुरुष वर्ग को अपने कर्मों दायित्वों के प्रति गड़े करम डाल की तरह अडिग रहना, जीवन के कर्मों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहना| उपवास की रात को करम अखरा में वाचन-श्रवण की जाने वाली 'करमा-धरमा' की लोक कथा इस महान पर्व की धर्मकथा है| इसमें निहित संदेश शाश्वत जीवन-दर्शन से युक्त है| इसमें बताया गया है कि मानव जीवन में कर्म के साथ धर्म का समन्वय आवश्यक है| केवल कर्म से हम भौतिक परिणाम तो पा सकते हैं, पर कर्मों को यदि नीति और आदर्श से हीन कर दें तो उसकी कोई महत्ता नहीं रह जाती है| धर्महीन व्यक्ति की उपयोगिता नष्ट हो जाती है, उसका जीवन विकृत-विद्रूपद्रू हो जाता है| कथा में करम गोसाईं के रूठ कर 'सात समुंदर टापुपार' चले जाने का प्रसंग भी हमें धर्म विहीन जीवन में खुशियों के रूठ जाने की प्रतीकात्मक सीख देता है| #newspratyaksh #KarmaPuja