Bihar


झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का निधन, किन अदालतों में आज नहीं होगा काम?

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 05:10 pm
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का निधन, किन अदालतों में आज नहीं होगा काम? झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का निधन रांची के मेडिका अस्पताल में हो गया| बताया जा रहा है कि वे पिछले कई दिनों से वे बीमार थे| वर्ष 2018 में उन्होंने न्यायाधीश पद पर योगदान दिया था| इससे पहले बार काउंसिउंल के सदस्य के रूप में भी उन्होंने महत्वूपर्ण भूमिका निभाई थी| जानकारी के अनुसार दिवंगत न्यायमूर्ति कैलाश प्रसाद देव का पार्थिव शरीर मेडिका हॉस्पिटल से उनके डोरंडा नेपाल हाउस स्थित आवास पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया है. तीन बजे उनका पार्थिव शरीर उनके आवास से झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में लाये जाने की खबर आ रही है | जिसके बाद अंतिम यात्रा करीब 4:00 बजे मुक्तिधाम के लिए उच्च न्यायालय से प्रस्थान करेगा| 4:15 बजे उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी| #newspratyaksh #Jharkhand #JharkhandHighCourt #justice  

डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
डेंगू के मरीज ठीक होकर फिर से क्यों हो रहें बीमार? बिहार में चारों डेन मौजूद, समझिए पॉजिटिव-निगेटिव का माजरा! लोग डेंगू संक्रमण से ठीक होने के बाद फिर से पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार अगर आप एक बार डेंगू पॉजिटिव होकर निगेटिव हुए हैं और इसके बाद फिर से पॉजिटिव हो गए हैं तो आपको दूसरे वेरिएंट के मच्छर ने काटा है। डेंगू के वेरिएंट को डेन वन टू थ्री और चार कहा जाता है। यानि की अगर आप डेंगू संक्रमण से निगेटिव होकर यह मान रहे हैं कि आप के शरीर में एंटीबॉडी तैयार हो गई है और आप अब डेंगू के शिकार नहीं होंगे तो आप गलत हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पूर्व में डेंगू वायरस के डेन वन व टू का संक्रमण था। अब डेन चार अपना असर दिखा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार अगर किसीको पहले एक वैरिएंट वाले डेंगू के मच्छर ने संक्रमित किया और वह मरीज ठीक हो गए, फिर भी अगर किसी अन्य वैरिएंट के डेंगू वाले मच्छर उसे काट लेता है तो वह आदमी फिर से संक्रमित हो जाएगा| इसलिए सतर्कता बरतनी चाहिए! #newspratyaksh #dengue  

पहले पति ने बोला तीन बार तलाक, फिर बच्चों सहित महिला को घर से बाहर निकाला, एक महीने बाद भी दर्ज नहीं हुआ केस!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
पहले पति ने बोला तीन बार तलाक, फिर बच्चों सहित महिला को घर से बाहर निकाला, एक महीने बाद भी दर्ज नहीं हुआ केस! तीन तलाक पर भले ही सरकार ने कानून बनाया हो, पर ज़मीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है| बिहार के भागलपुर से तीन तलाक का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है पति ने एक महीने पहले तीन तलाक बोलने के बाद महिला को मार-पीटकर घर से निकाल दिया था। मामले को 1 महिना बीत गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। थाने का चक्कर लगा लगा कर पीड़ित महिला के चप्पल घिस गए पर उसकी समस्या को कोई सुनने को तैयार नहीं है। बिहार के कजरैली थानाक्षेत्र के सिमरिया निवासी हुस्न आरा को एक माह की लंबी दौड़ बाद भी अबतक न्याय नहीं मिला है। महिला थाने की चक्कर लगा-लगा थक गई लेकिन अब तक उसकी दी गई अर्जी पर केस दर्ज नहीं किया गया। वह मां के साथ महिला थाने की दौड़ लगा-लगा थक गई है और अब जखम पर जखम मिल रहे हैं| हुस्न आरा की हिम्मत अब जवाब देने लगी है। कजरैली थाने में उसे यह कहकर उसे महिला थाने भेज दिया गया था कि वह महिला थाने में ही केस दर्ज कराए। तीन तलाक का मामला महिला थाने में ही दर्ज होगा। बता दें कि उसकी अर्जी पर केस दर्ज करने के बजाय महिला थाने से उसके पति को कॉल करके यह जानकारी दे दी गई कि उसके विरुद्ध केस दर्ज करने की अर्जी दी गई है। वह थाने पहुंच कर अपना पक्ष रखे। फिर हुस्न आरा का पति महिला थाने पहुंचा। पति से क्या पूछताछ हुई यह हुस्न आरा को पता नहीं लेकिन हुस्न आरा को थाने में फटकार जरूर मिल गई कि उसका केस महिला थाने में नहीं कजरैली थाने में होगा या वह कोर्ट जाकर केस दर्ज कराए। हुस्न आरा के साथ हुई मारपीट और पति की तरफ से तीन तलाक बोल घर से निकाल बाहर करने मामले में केस के लिए दी गई अर्जी की जानकारी पर अब उसका पति रोज हुस्न आरा के मायके पहुंच नशे में गाली-गलौज और जान से मार डालने की धमकी देता है। हुस्न आरा ने कहा कि उस जैसी महिला का कजरैली थाने में केस नहीं लिया गया, उसका उसे मलाल नहीं है। लेकिन महिला थाने में महिला के साथ हो रही ज्यादती के बाद भी अबतक केस दर्ज नहीं करना बहुत पीड़ा दे रहा है। #newspratyaksh #Bihar #TEENTALAK  

HEC की बदहाली को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं और कर्मियों ने फूंका बिगुल, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
HEC की बदहाली को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं और कर्मियों ने फूंका बिगुल, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी! इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सभी सार्वजनिक कल-कारखानों को अडानी-अंबानी के हवाले कर रही है| खनिज संपदा, कल-कारखानेऔर हवाई जहाज भी अडानी को दे दिया है| एचइसी को बंद होने से बचाने और कर्मियों को 18 माह के बकाये वेतन का भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुगुवार को इंडिया गठबंधन के नेताओं और एचइसी कर्मियों ने मुख्यालय से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर महाधरना दिया| दिल्ली में इंडिया गठबंधन व श्रमिक संगठनों की ओर दिये गये महाधरना की अध्यक्षता झामुमो के मुश्ताक अहमद ने की| महाधरना में सैकड़ों लोग शामिल हुए| इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सभी सार्वजनिक कल-कारखानों को अडानी-अंबानी के हवाले कर रही है| खनिज संपदा, कल-कारखाने और हवाई जहाज भी अडानी को दे दिया है| इसी तरह झारखंड के कोयला, आयरन और गैस सहित कई खनिज संपदा अडानी को सौंपने जा रही है| किसानों की हजारों एकड़ जमीन कौड़ी के दाम पर लुटायी जा रही है| नेताओं ने कहा कि चंद्रयान के लिए लांचिंग पैड बनाने वाले एचइसी को बचाया नहीं गया, तो केंद्र सरकार के विरुद्ध बड़ी लड़ाई लड़ी जायेगी| जरूरत पड़ी तो आर्थिक नाकेबंदी कर राज्य से खनिज संपदाओं को बाहर नहीं जाने दिया जायेगा और मोदी सरकार के झारखंड आगमन पर राज्य की जनता काला झंडा दिखायेगी| #newspratyaksh #Jharkhand #HEC #indiagathbandhan

बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अब PhD के लिए होगी BET की परीक्षा!

News Pratyaksh | Updated : Thu 21st Sep 2023, 02:51 pm
बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अब PhD के लिए होगी BET की परीक्षा : बिहार में अब पीएचडी करना पहले से आसान होने जा रहा है. विद्यार्थियों को अब अलग-अलग विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी परीक्षा नहीं देना पड़ेगा. अगले सत्र से सभी विश्वविद्यालयों में पीएचडी में नामांकन के लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसको लेकर बिहार सरकार द्वारा राजभवन को प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की अध्यक्षता पर पहले ही मुहर लग गई है. बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है.एक ही परीक्षा के माध्यम से विषय विशेष में सीट उपलब्धता एवं आरक्षण के रोस्टर के हिसाब से उनका एडमिशन पीएचडी में लिया जाएगा. इससे एक तरफ जहां शोधार्थी बार-बार अलग-अलग विश्वविद्यालयों में परीक्षा की परेशानी से बचेंगे. वहीं, उन्हें फॉर्म के नाम पर आर्थिक नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेग. #newspratyaksh #Bihar #BiharGovernment