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ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांचवीं बार जारी किया समन !

News Pratyaksh | Updated : Thu 28th Sep 2023, 04:56 pm
ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांचवीं बार जारी किया समन ! ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांचवीं बार समन जारी किया है। अब ईडी ने सोरेन को 4 अक्टूबर को पूछताछ के लिए रांची स्थित जोनल कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है। ईडी उनसे जमीन घोटाले से जुड़े मामलों में पूछताछ के साथ-साथ सीएम और उनके परिजनों की संपत्ति के बारे में उनका बयान दर्ज करना चाहती है। सोरेन इसके पहले ईडी की ओर से भेजे गए चार समन के बावजूद कभी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। ईडी ने इस मामले में जो पहला समन भेजा था, उसमें उनसे अपनी संपत्ति का विवरण दर्ज कराने के लिए जोनल कार्यालय में 14 अगस्त उपस्थित होने को कहा गया था। इसके जवाब में उन्होंने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर इस पर कड़ा प्रतिरोध जताया और कहा था कि वे ईडी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को बाध्य होंगे।सोरेन ने इस पत्र में लिखा था कि समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है, जिससे उनके खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो। जहां तक संपत्ति की बात है तो इससे जुड़ी तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है। सीएम ने यह भी कहा था कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं।इसके बाद भी ईडी ने उन्हें दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था। इस दिन भी सोरेन उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने अपने मेसेंजर से पत्र भिजवाकर सूचित किया कि उन्होंने ईडी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है। लेकिन, इसी बीच ईडी ने उन्हें तीसरी बार समन भेजकर 9 सितंबर और चौथी बार समन भेजकर 24 सितंबर को उपस्थित होने के कहा था। ईडी के खिलाफ सोरेन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने एंटरटेन नहीं किया, लेकिन 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा कि वे चाहें तो इस मामले पर सुनवाई के लिए पहले हाईकोर्ट जा सकते हैं। इसके बाद 24 सितंबर को सोरेन ने ईडी के अधिकारों को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में रिट दायर की है। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए कहा था कि हाईकोर्ट में जब तक सुनवाई नहीं हो जाती, वह समन को स्थगित रखे। #newspratyaksh #Jharkhand #HemantSoren #ed #notice

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना अंदाज बदलने की घोषणा पर अमल किया !

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 03:24 pm
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना अंदाज बदलने की घोषणा की तो भी किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह किसी एक दिन में इतने मंत्रियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों की हाजिरी देखने पहुंच जाएंगे: वह एक झटके में मंत्री से लेकर विभागीय प्रमुख के चैंबर में पहुंचने लगे। यहां तक कि राष्ट्रीय जनता दल कोटे के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर अपने कक्ष में नजर नहीं आए तो मुख्यमंत्री ने तत्काल कॉल लगवा कर पूछ लिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद से मुख्मयंत्री नीतीश कुमार ने कभी एक दिन में इस तरह कई विभागों का निरीक्षण नहीं किया था। इस औचक निरीक्षण में जो मंत्री या अफसर जगह पर थे, वह सीएम को सामने पाकर हाथ जोड़े खड़े नजर आए तो जो अफसर-मंत्री नहीं थे, खबर पाकर परेशान हो गए।इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह एक्टिव नजर आ रहे हैं। कभी सचिवालय तो कभी कभी जदयू कार्यालय का औचक निरीक्षण कर सबको चौंकाने वाले सीएम नीतीश कुमार आज अचानक कई कार्यालय पहुंचे। बैक टू बैक कई विभाग पहुंचे तो कर्मचारी, अधिकारी और मंत्रियों में हड़कंप मच गया। कुछ अधिकारी और मंत्री दफ्तर में मिले तो कुछ गायब भी दिखे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने की सूचना पर यह लोग अधिकारी दौड़ते आए। सबसे पहले सीएम सुबह साढ़े नौ बजे विकास भवन पहुंचे और वहां का औचक निरीक्षण किया। इसके बाद सीएम विश्वेश्वरैया भवन पहुंचे और वहां भी औचक निरीक्षण किया। बता दें कि 2013 के बाद वापस 20 सितंबर से नीतीश कुमार सरकारी विभाग के कार्यालय का निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान वो लापरवाह अधिकारियों की क्लास लगाते भी दिखे। सीएम नीतीश कुमार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह सप्ताह में तीन दिन साढ़े 9 बजे सरकारी विभाग के कार्यालयों का निरीक्षण करेंगे। सीएम नीतीश कुमार के इस कदम के बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने एक साथ इतने विभागों का निरीक्षण कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।सीएम नीतीश कुमार ने विकास भवन तथा विश्वेश्वरैया भवन स्थित विभिन्न विभागों के कार्यालयों का निरीक्षण किया निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर, गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के कार्यालय पहुंचे, लेकिन वे सभी मंत्री अपने कार्यालय कक्ष में उपस्थित नहीं थे। मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार अपने कार्यालय कक्ष में उपस्थित थे। भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे लेकिन जब मुख्यमंत्री उनके कक्ष में खड़े थे तो उसी समय भवन निर्माण मंत्री अपने कार्यालय पहुंचे और देर से पहुंचने की सफाई दी। मुख्यमंत्री जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के कार्यालय कक्ष पहुंचे और वहां वे उपस्थित नहीं थे तो मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को फोन लगवाया और पूछा कि अभी तक कार्यालय क्यों नहीं पहुंचे हैं, सभी को साढ़े नौ बजे तक कार्यालय पहुंचना है। मंत्रियों के समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और निर्धारित समय पर कार्यालय आने के लिये निर्देशित किया। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, कृषि एवं परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह अपने कक्ष में उपस्थित नहीं थे। शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव भी कार्यालय में उपस्थित नहीं थे। इन सभी की अनुपस्थिति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संदीप पौण्ड्रिक, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि अपने कार्यालय में उपस्थित थे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी अपने कक्ष में नहीं थे लेकिन जानकारी मिली कि वे आधिकारिक तौर पर दिल्ली गए हुए है। मुख्यमंत्री ने विकास भवन स्थित शिक्षा विभाग के कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम का जायजा लिया। #NitishKumar #Bihar #NitishKumar

बिहार में चल रहा है जंगलराज, मांझी, पशुपति और चिराग अकारण नहीं हैं भाजपा के साथ : संबित पात्रा

News Pratyaksh | Updated : Wed 27th Sep 2023, 03:17 pm
बिहार में चल रहा है जंगलराज, मांझी, पशुपति और चिराग अकारण नहीं हैं भाजपा के साथ : संबित पात्रा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने बिहार में एक महादलित महिला के साथ हुई दरिंदगी को संगीन मामला बताते हुए कहा है कि बिहार में जंगलराज चल रहा है। भाजपा मुख्यालय में मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पात्रा ने कहा कि जब जंगलराज होगा तो ऐसा ही (अपराध) होगा। भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि जब-जब बिहार में जंगलराज आया है तब-तब महादलितों, दलितों और पिछड़ों के साथ यही हुआ है। यह अकारण नहीं है कि आज चाहे जीतनराम मांझी हो चाहे पशुपति पारस हो या चाहे चिराग पासवान हो, ये सारे भाजपा के साथ एनडीए में हैं, कारण है कि इन सभी ने इस खून के घूंट को झेला है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का जंगलराज बिहार में चल रहा है, यह केवल निंदा का विषय नहीं है बल्कि उठकर घोर संघर्ष करने का विषय है। कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पात्रा ने कहा कि घमंडिया गठबंधन आपस में ही लड़ रही है, इंतजार कीजिए, जब जोरदार धमाका होगा तब सब सुनेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि यह सब आपस में लड़ेंगे क्योंकि ये सब देश का कल्याण करने या देश को बचाने कर लिए नहीं, बल्कि लूटखसोट के लिए और अपने परिवार को बचाने के लिए एक साथ आए हैं और इनके बीच खेल शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि बाजवा और मान के बीच चल रही बयानबाज़ी का सवाल तो रेफरी राहुल गांधी से पूछा जाना चाहिए। #newspratyaksh #bihar #SambitPatra