जब मैं सांसद था, तभी से महिलाओं के आरक्षण के लिए मुखर रहा हूं -बिहार के सीएम नीतीश कुमार
News Pratyaksh | Updated : Thu 21st Sep 2023, 02:31 pm
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण पर कहा कि जब मैं सांसद था, तभी से महिलाओं के आरक्षण के लिए मुखर रहा हूं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि वह संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के आरक्षण के समर्थन में हैं, पर इसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ी जाति (OBC) और आर्थिक रूप से पिछड़ी जाति (EBC) के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व के प्रावधान होने चाहिए. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र से जनगणना कराकर महिला आरक्षण विधेयक के प्रस्तावों को लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने और जाति जनगणना की उनकी लंबे समय से जारी मांग पर विचार करने का आग्रह कियानीतीश ने कहा, ‘मैं महिला आरक्षण के समर्थन में रहा हूं. उन्हें प्रतिनिधित्व का आश्वासन क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? जब मैं संसद का सदस्य था तब मेरे भाषण इसको लेकर मेरे रुख की गवाही देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘जहां भी संभव हो सका, हमने महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है. पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों, पुलिस बल सहित सरकारी नौकरियों में, बिहार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व देश के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे अधिक है.’ नीतीश ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी की महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले, इसका प्रावधान हो. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, यह अफसोसजनक है कि अगर विधेयक पारित भी हो गया, तो वास्तविक कार्यान्वयन जनगणना और उसके बाद परिसीमन तक लटका रहेगा.’ केंद्र ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने को लेकर मंगलवार को संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. सरकार ने कहा कि इससे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी हो सकेगी और 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद महिला आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा. प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में बदलाव किया जाएगा.
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