15 लाख में नौकरी, 1 लाख एडवांस, सिपाही भर्ती परीक्षा को पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दिया गया,, दूसरे राज्यों से भी जुड़े पेपर लीक
News Pratyaksh | Updated : Fri 06th Oct 2023, 11:51 am
15 लाख में नौकरी, 1 लाख एडवांस, सिपाही भर्ती परीक्षा को पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दिया गया,, दूसरे राज्यों से भी जुड़े पेपर लीक :
बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड के तार दूसरे राज्यों से जुड़ने लगे हैं. इस केस में जहां लखीसराय में मास्टरमाइंड के खाते से 16 लाख रुपए मिले हैं तो वहीं जांच का दायरा लगातार बढ़ने लगा है. 1 अक्टूबर को बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है. 21391 सिपाहियों की बहाली के लिए केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन परीक्षा के दौरान पेपर लीक, अनियमितता और कदाचार का मामला सामने आया, जिसके बाद एक अक्टूबर की परीक्षा रद्द की गई, वहीं 7 और 15 अक्टूबर की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है.इस बहाली में परीक्षा माफियाओं ने करोड़ों का वारा न्यारा किया है. सिपाही की बहाली के लिए अभ्यर्थियों को तमाम तरह के प्रलोभन देते हुए प्रति उम्मीदवार 10 से 15 लाख की उगाही का प्लान था. एडवांस में एक से लेकर 2 लाख रुपये तक लिए गए थे. माफियाओं ने गलत तरीके से परीक्षा में सफलता दिलाने के लिए अभ्यर्थियों से उनके प्रमाण पत्र तक ले लिए थे. लखीसराय में सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस ने एक मास्टर माइंड चंदन कुमार को गिरफ्तार किया है. पुलिस को चंदन के बैंक अकाउंट में 16 लख रुपए मिले हैं.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिपाही भर्ती परीक्षा में पटना से लेकर हरियाणा, यूपी और दूसरे राज्यों के 10 बड़े परीक्षा माफिया पेपर लीक से लेकर आंसर की भेजने में जुटे हुए थे. इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई के अधिककारी जांच में जुट गए हैं. पटना में रामकृष्ण नगर, दानापुर, शाहपुर, कंकड़बाग में चार केस दर्ज किए गए हैं. कुल मिलाकर सबसे अधिक केस छपरा में दर्ज हुए हैं जबकि सबसे ज्यादा गिरफ्तारी आरा में की गई है. अब तक की जानकारी में ये बात सामने आई है कि पटना के कंकड़बाग में स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज परीक्षा केंद्र और नवादा के एक सेंटर से अभ्यर्थियों के पास जो चिट पुर्जा मिला है और मोबाइल में आंसर की मिले थे यह सब के सब प्रश्न पत्र से मैच कर रहे थे.यही कारण है कि बोर्ड ने दो दिनों के बाद परीक्षा रद्द करने का फैसला ले लिया. सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड की जांच का दायरा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. आर्थिक अपराध इकाई के पास एक और जिले में इस परीक्षा से जुड़ी अनियमितता की जानकारी मिली है. इओयू सूत्रों की मानें तो आलाधिकारियों के नेतृत्व में इस मामले को लेकर राज्य में दर्ज किए गए 67 से अधिक केसों का अध्ययन किया गया और इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि केवल 20 नहीं बल्कि 30 और इससे ऊपर भी अधिक केस को आर्थिक अपराध इकाई टेकअप कर सकती है.
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