Bihar


बिहार जातीय सर्वे मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया!

News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:53 pm
बिहार जातीय सर्वे मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया! कोर्ट ने 6 अक्टूबर को सुनवाई की बात कही. मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने सर्वे के आंकड़े जारी करने पर कोई रोक नहीं लगाई थी. कोर्ट का कहना था कि वह रोक का आदेश विस्तृत सुनवाई के बाद ही देगा. दरअसल, इस मामले की सुनवाई आज मंगलवार (03 अक्टूबर) को होनी थी और याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने जातीय सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं. अब कोर्ट शुक्रवार (06 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करेगा. बिहार की कास्ट सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में ओबीसी 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 प्रतिशत है. भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, ब्राह्माणों की आबादी 3.66 प्रतिशत, राजपूतों की आबादी 3.45 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी और यादवों की आबादी 14 फीसदी है.रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य में हिंदू आबादी 81.99 फीसदी, मुसलमानों की 17.70 फीसदी, ईसाई की 0.05 फीसदी, सिखों की 0.011 फीसदी, जैन समुदाय की 0.0096 फीसदी , बौद्ध की 0.0851 फीसदी और अन्य धर्मों की जनसंख्या 0.1274 फीसदी है. वहीं, 2146 वह लोग हैं, जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं.बता दें कि जातीय गणना के आंकड़ों को जारी करने पर रोक लगाने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी. मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में इसका फैसला सुनाया था और सरकार के इस कदम को कानूनी रूप से वैध बताया था. इसके बाद बिहार सरकार ने जातीय सर्वे का काम शुरू कर दिया था. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और रिपोर्ट को फिलहाल जारी नहीं करने का अनुरोध किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. #newspratyaksh #Bihar #BiharGovernment #SupremeCourt  

सीतामढ़ी में महिला मरीज की मौत पर परिजन का हंगामा, हॉस्पिटल छोड़कर गायब हुए चिकित्सक और कर्मी

News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:51 pm
सीतामढ़ी में महिला मरीज की मौत पर परिजन का हंगामा, हॉस्पिटल छोड़कर गायब हुए चिकित्सक और कर्मी सीतामढ़ी शहर स्थित निजी नर्सिंग होम/क्लीनिक में मरीज की मौत पर परिजन का हंगामा और तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ती जा रही है। बराबर ऐसी घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है। कुछ घटनाओं में खुद मरीज के परिजन की लापरवाही सामने आती है, तो कई घटनाओं में नर्सिंग होम के चिकित्सक एवं कर्मी की गलती उजागर होती है। सोमवार की देर रात एक बार फिर एक नर्सिंग होम में एक मरीज की मौत पर परिजन के हंगामें और तोड़फोड़ की खबर सामने आई है। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। तब तक काफी देर हो चुकी थी। परिजन नर्सिंग होम में काफी तोड़फोड़ करने के साथ ही हंगामा कर चुके थे। यह घटना मेहसौल ओपी क्षेत्र अंतर्गत आईबी के ठीक सामने वाली गली स्थित एक निजी हॉस्पिटल की है। इलाज के दौरान महिला की मौत को लेकर परिजनों ने उक्त हॉस्पिटल में हंगामा खड़ा कर दिया। तोड़फोड़ भी की। लोगों के गुस्से को देख चिकित्सक और कर्मी बिना देर किए गायब हो गए। सूचना मिलने पर ओपी प्रभारी इम्तियाज खां सशस्त्र बलों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और गुस्साए लोगों को शांत कराया। मृतिका की पहचान बाजपट्टी थाना क्षेत्र के वनगांव निवासी स्व सुरेन्द्र कुंवर की 40 वर्षीय पत्नी शिला देवी के रूप में की गयी है। #newspratyaksh #Sitamarhi #BiharMedical  

नकली सोने का कारोबार करने वाले बिहार के तीन लोग असम से गिरफ्तार!

News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:49 pm
नकली सोने का कारोबार करने वाले बिहार के तीन लोग असम से गिरफ्तार! नकली सोने का कारोबार करने के आरोप में असम के हैलाकांडी जिले से बिहार के रहने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि बिहार के गया के रहने वाले तीन लोग जिनमें रामू प्रजापति, सुदामा प्रजापति और यमुना यादव शामिल हैं, गिरजेश विश्वकर्मा को कथित तौर पर नकली सोना बेचने के लिए हैलाकांडी आए थे। हैलाकांडी शहर में एक सरकारी कार्यालय में काम करने वाले विश्वकर्मा भी बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने गिरफ्तार किए गए लोगों के कब्जे से कम से कम 2 किलो नकली सोना जब्त किया है। #newspratyaksh #Bihar #gold  

ट्रांसजेंडर समुदाय ने बिहार के जाति-आधारित सर्वेक्षण सर्वे रिपोर्ट को बताया फर्ज़ी!

News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:44 pm
ट्रांसजेंडर समुदाय ने बिहार के जाति-आधारित सर्वेक्षण सर्वे रिपोर्ट को बताया फर्ज़ी! बिहार सोमवार को जाति-आधारित सर्वेक्षण का आंकड़ा जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया, लेकिन राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय ने सर्वे रिपोर्ट पर नाराजगी जताई है. ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रेशमा प्रसाद ने बिहार सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट को फर्जी करार दिया और दावा किया कि गणना प्रक्रिया के दौरान उनसे ब्‍योरा नहीं लिया गया.इससे पहले राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी दावा किया था कि मतगणना के दौरान उनकी जाति और अन्य विवरण पूछने के लिए कोई भी उनके पास नहीं पहुंचा.रेशमा ने कहा, रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार सरकार का दावा है कि ट्रांसजेंडर लोगों की आबादी केवल 825 है, जबकि 2011 की जनगणना में हमारी आबादी 42,000 से अधिक थी. सर्वेक्षण अधिकारियों ने बिहार में सभी ट्रांसजेंडरों की पहचान नहीं की. मेरी तो गिनती भी नहीं हुई, किसी ने मुझसे मेरी जाति के बारे में नहीं पूछा.उन्‍होंने कहा, तीसरे लिंग का उल्लेख कॉलम संख्या 22 में किया गया है, जो कहता है कि कुल जनसंख्या सिर्फ 825 है और प्रतिशत 0.0006 है. ये बिल्कुल फर्जी है. यदि वे वास्तविक संख्या जानना चाहते हैं, तो उन्हें पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन और टोल प्लाजा पर जाना चाहिए.रेशमा ने कहा, चूंकि उन्होंने मेरा सर्वेक्षण नहीं किया है, इसलिए मैंने पहले ही पटनाउच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दी है. बिहार सरकार ने हमारे साथ अन्याय किया है. उन्‍होंने आगे कहा, ट्रांसजेंडर लोग शुभ अवसरों पर लोगों को आशीर्वाद देते हैं, लेकिन अगर उनके साथ अन्याय होता है, तो वे शाप देते हैं. #newspratyaksh #Bihar #transgender