मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत जिले के 105 केंद्रों पर महापरीक्षा का आयोजन किया गया!
News Pratyaksh | Updated : Mon 25th Sep 2023, 01:22 pm
मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत जिले के 105 केंद्रों पर महापरीक्षा का आयोजन किया गया:
सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक आयोजित इस महापरीक्षा में 11 हजार वे नवसाक्षर महिलाएं शामिल हो रही हैं जो बचपन में किसी न किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर सकीं। दरअसल, बिहारशरीफ के मध्य विद्यालय राणाबिगहा केंद्र पर इस महापरीक्षा में सास-बहू के अलावा एक परिवार की चार बहू एक साथ परीक्षा देने पहुंची, जो अपनेआप में एक अनूठा मामला सामने आया।बिहारशरीफ के कोसुक निवासी जमींदर मांझी की पत्नी इंद्राणी देवी ने सास पंभी देवी के साथ परीक्षा दी। इंद्राणी देवी ने बताया कि बचपन में ही शादी हो गई थी। इस कारण स्कूल नहीं जा सकीं। जबकि सास पंभी देवी ने बताया कि घर में पोता-पोती को पढ़ते देख पढ़ने-लिखने का शौक जागा। गांव के शिक्षा सेवक मुन्ना मांझी का सहयोग मिला और दोनों सास-बहू पढ़ने जाने लगीं। उन्होंने कहा कि पहले अंगूठा लगाते थे। आज उन्हीं हाथों में कलम पकड़ कर बहुत अच्छा लग रहा है। दोनों आज अपना और पति का नाम लिख लेती हैं और बच्चों को थोड़ा-बहुत पढ़ा भी लेती हैं। 55 साल बाद कलम पकड़कर और लोगों के बीच परीक्षा देना दोनों को अच्छा लगाइसी तरह तिउरी गांव की सुनैना देवी, रूबी देवी, बेबी देवी और सुनीता देवी एक ही परिवार की बहुएं हैं। उन्होंने बताया कि चारों को बचपन में स्कूल जाने का मौका नहीं मिला। अब दूसरों को पढ़ता-लिखता देख पढ़ाई का मन किया और उम्र की झिझक को छोड़ आज साक्षर बनने के लिए परीक्षा दी।केंद्र के वरीय प्रेरक भोला प्रसाद ने बताया कि शिक्षा सेवक मुन्ना प्रसाद, संजय और सरस्वती कुमारी के प्रयास से आसपास की महिलाओं को साक्षर किया जाता है। इस केंद्र पर 60 नव साक्षर महिलाएं शामिल हुईं।
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