Lifestyle


ऐसे तो बिहार में शराबबंदी है नहीं। इसके नाम पर गरीबों की हत्या हो रही है - जीतन राम मांझी

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:11 pm
बिहार के मुजफ्फरपुर में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत और दो लोगों के आंख की रोशनी जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है।गया में पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुजफ्फरपुर की घटना के विषय में पूछे गए सवाल पर मांझी ने कहा कि ऐसे तो बिहार में शराबबंदी है नहीं। इसके नाम पर गरीबों की हत्या हो रही है, गरीबों को जेल भेजा जा रहा है।उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार अपने अहंकार में हैं। इन्हें समझ ही नहीं आता है कि क्या करें। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने कहा कि जब हमलोग इनके साथ थे तब भी मैंने खुद इन्हें कहा था कि आपकी शराब नीति गलत है।उन्होंने कहा कि मैंने गुजरात की तरह शराब नीति बनाने की वकालत की थी। इससे राज्य को आर्थिक लाभ भी होता और गरीब जो जहरीली शराब पीने से मर जा रहे हैं, वे भी नहीं मरेंगे।उन्होंने आगे कहा कि लोग चोरी छिपे जल्दबाजी में शराब बनाते हैं और नशा के लिए कई तरह की चीजें अधिक मात्रा में डाल देते है, जिससे शराब जहरीली हो जाती है और यही गरीब पीकर मरते हैं। बड़े लोग तो महंगी शराब पीते हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी लागू है और लोगों की शराब पीने से मौत भी होती रहती है। #newspratyaksh #Bihar #sarabbandi #JitanRamManjhi  

माओवादियों ने रांची सीमा से सटे चंदवा में एक रेलवे निर्माण स्थल को निशाना बनाया!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:10 pm
झारखंड के लातेहार जिले में सोमवार की शाम माओवादियों ने रांची सीमा से सटे चंदवा में एक रेलवे निर्माण स्थल को निशाना बनाया। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के उग्रवादियों ने पास के पुल पर खड़े कम से कम चार वाहनों में आग लगा दी। साथ ही एक निजी कंपनी के कर्मचारियों पर हमला भी किया और उनके साथ मारपीट की गई।पुलिस ने बताया कि घटना चंदवा थाना क्षेत्र के चट्टी नदी पुल के पास हुई। उन्होंने कहा कि माओवादियों का एक समूह घटनास्थल पर पहुंचा और तीन भारी वाहनों और एक एसयूवी को आग लगा दी और कर्मचारियों पर हमला किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। यह घटना पलामू जिले में माओवादियों द्वारा छह वाहनों को आग लगाने और एक निजी सड़क निर्माण कंपनी के दो कर्मचारियों पर हमला करने के ठीक एक महीने बाद हुई। #newspratyaksh #Jharkhand #nuxals  

झारखंड के आदिवासी समुदाय के लोगों ने सोमवार (25 सितंबर) को पारंपरिक उत्साह के साथ करम पर्व मनाया!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:08 pm
झारखंड के आदिवासी समुदाय के लोगों ने सोमवार (25 सितंबर) को पारंपरिक उत्साह के साथ करम पर्व मनाया, जिसे करमा त्योहार भी कहा जाता है. सरहुल के बाद सबसे बड़े त्योहारों में से एक, करम के इस अवसर पर आदिवासी करम पेड़ की पूजा करते हैं और प्रकृति मां से प्रार्थना करते हैं कि खरीफ सीजन के बाद समृद्ध फसल सुनिश्चित हो. इसके अलावा बहनें इस अवसर पर अपने भाइयों की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं.झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग द्वारा आयोजित करम महोत्सव में भाग लिया.इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि, करम, जिसे करमा उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, देश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है. राधाकृष्णन ने कहा कि यह त्योहार प्रकृति और मानव के बीच गहरे और अटूट रिश्ते को दर्शाता है.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी करम पर्व पर लोगों को शुभकामनाएं दीं. हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘करम पर्व हमारी उस समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है, जो सदियों से चली आ रही है. प्रकृति के साथ मानव जीवन की एकता तथा भाई-बहन के बीच असीम प्रेम व सम्मान को दर्शाता यह पावन पर्व आप सभी के जीवन में खुशियां लेकर आये. मैं कामना करता हूं कि आप सभी स्वस्थ, प्रसन्न एवं समृद्ध रहें.’आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम साही मुंडा ने कहा कि इस अवसर पर आदिवासी अपने घरों की सफाई करते हैं और उन्हें फूलों और पत्तियों से सजाते हैं तथा शाम को वे करम पेड़ की पूजा करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे आदिवासी भाई-बहन प्रकृति के सच्चे संरक्षक हैं. वे प्रकृति का आदर और सम्मान करते हैं तथा दुनिया को उसकी सुरक्षा का संदेश देते हैं.’ उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व 'ग्लोबल वार्मिंग' के कारण विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है और ऐसे में करमा पूजा पूरे विश्व के लिए एक बेहतर उदाहरण है. #newspratyaksh #karampuja #KaramParab #Jharkhand  

एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:07 pm
एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट : एसकेएमसीएच में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। एनआईसीयू में भर्ती एक नवजात की मौत के बाद दो अलग-अलग डॉक्टरों ने उसे दो बार अलग-अलग समय पर मृत घोषित किया है। मामला संज्ञान में आने के बाद एसकेएमसीएच में हड़कंप मचा हुआ है। मधुबनी जिला के सहारघाट गांव निवासी श्रीनारायण राउत ने चार दिन के नवजात को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया था। गंभीर हालत होने की वजह से चिकित्सकों ने उस नवजात शिशु को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज शुरू कर दिया। रविवार की शाम 6:45 बजे एनआईसीयू के डॉ. विनय सागर ने इलाजरत उस बच्चे को मृत घोषित कर डेथ सर्टिफाइड करते हुए परिजनों को डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट दे दी। परिजन डेड बॉडी ले जाने के लिए शव वाहन की सुविधा लेने कंट्रोल रूम चले गये। परिजनों का कहना है कि वेलोग जैसे ही डेड बॉडी लाने वार्ड में पहुंचे तो बच्चे की सांस चलती हुई प्रतीत हो रही थी। परिजनों ने तुरंत इस बात की जानकारी नर्सिंग स्टाफ को दी। इसके बाद डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ में हड़कंप मच गया। बच्चे को एनआईसीयू में दोबारा भर्ती किया गया। चार घंटे तक इलाज चला और फिर 10:50 में डॉक्टर ने फिर बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉ. विनिता ने डेथ सर्टिफाइड की।मृतक बच्चे के पिता श्रीनारायण राउत का कहना है कि जब चिकित्सकों ने पहली बार उसके बेटा को मृत घोषित किया तो वह वेंटिलेटर पर था। डॉक्टर मृत घोषित करते वक्त वेंटिलेटर से हटाकर परिजन को बच्चा सौंप दिया था। वह शव वाहन लाने कंट्रोल रूम चले गये थे। 50 मिनट बाद वह शव वाहन लेकर पहुंचे। डेड बॉडी के लिए एनआईसीयू लाने गये तो बच्चे की सांस चल रही थी। हल्ला करने पर चिकित्सकों ने फिर बच्चे को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। इस बीच 50 मिनट से अधिक समय तक उसका इलाज ठप रहा। अगर सही तरीके से जांच पड़ताल कर डॉक्टर बच्चे को डेथ सर्टिफाइड करते तो बच्चे की जान बच सकती थी।शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष सह अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि दो बार डेथ सर्टिफाइड बनाना गलत है। डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी। डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वेंटिलेटर से हटने पर किसी -किसी केस में ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है। यह वैज्ञानिक तौर पर प्रूव्ड भी है। #newspratyaksh #SKMCH #DeathCertificate  

बिहार में बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:05 pm
बिहार के अधिकांश इलाकों में पिछले एक सप्ताह में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी है। बारिश से पानी की कमी के कारण मर रही धान की फसलों में हरियाली छा गई है, जिससे किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट देखी जा रही है। धान किसानों का कहना है कि पिछले नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी धान की फसल पीले पड़ने लगे थे। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ एसके सिंह भी कहते हैं कि इस बारिश से धान की फसल को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे खेत में नमी भी लंबे समय तक बनी रहेगी, जिसका रबी के फसल में भी लाभ मिलने की संभावना है। आंकड़ों की बात करें तो राज्यभर में 938.6 एमएम बारिश की आवश्यकता थी, इसमें शनिवार शाम तक 671.4 एमएम ही वर्षा हुई है। पूर्णिया छोड़कर शेष अन्य प्रमंडल में राज्य औसत से कम बारिश हुई है। पटना प्रमंडल के सभी छह जिले पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास तथा कैमूर को मिलाकर 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है, इसमें भोजपुर में 46 तथा पटना में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मगध प्रमंडल में 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है। #newspratyaksh #Bihar #kisan #weather  

आरा में मिट्टी का चूल्हा तोड़ने के विवाद में जमकर हुई मारपीट!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:04 pm
आरा में मिट्टी का चूल्हा तोड़ने के विवाद में जमकर हुई मारपीट भोजपुर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धुधुआ गांव में देर शाम बकरी के द्वारा मिट्टी का चूल्हा तोड़ने के विवाद को लेकर देवर ने लाठी डंडे और लात घुसे से अपने परिवारों के साथ मिलकर अपनी भाभी–भतीजा, बहू और पोते की पिटाई कर दी। इस दौरान देवर ने दस महीना के पोते को उठाकर पटक दिया। जिसके बाद अन्य पाटीदारों की मदद से मामले को शांत कराया गया और इलाज के लिए आनन–फानन में आरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जख्मियों में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धुधुआ गांव निवासी स्व. उमेश गोंड के 40 वर्षीय पत्नी सुनैना कुंवर, बहू चंदन गोंड के 21 वर्षीय पत्नी अनीता देवी, 13 वर्षीय बेटा गोलु कुमार और चंदन गोंड का दस महीना का बेटा अनीश कुमार शामिल है। #newspratyaksh #Bihar #arah