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पहले पति ने बोला तीन बार तलाक, फिर बच्चों सहित महिला को घर से बाहर निकाला, एक महीने बाद भी दर्ज नहीं हुआ केस!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
पहले पति ने बोला तीन बार तलाक, फिर बच्चों सहित महिला को घर से बाहर निकाला, एक महीने बाद भी दर्ज नहीं हुआ केस! तीन तलाक पर भले ही सरकार ने कानून बनाया हो, पर ज़मीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है| बिहार के भागलपुर से तीन तलाक का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है पति ने एक महीने पहले तीन तलाक बोलने के बाद महिला को मार-पीटकर घर से निकाल दिया था। मामले को 1 महिना बीत गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। थाने का चक्कर लगा लगा कर पीड़ित महिला के चप्पल घिस गए पर उसकी समस्या को कोई सुनने को तैयार नहीं है। बिहार के कजरैली थानाक्षेत्र के सिमरिया निवासी हुस्न आरा को एक माह की लंबी दौड़ बाद भी अबतक न्याय नहीं मिला है। महिला थाने की चक्कर लगा-लगा थक गई लेकिन अब तक उसकी दी गई अर्जी पर केस दर्ज नहीं किया गया। वह मां के साथ महिला थाने की दौड़ लगा-लगा थक गई है और अब जखम पर जखम मिल रहे हैं| हुस्न आरा की हिम्मत अब जवाब देने लगी है। कजरैली थाने में उसे यह कहकर उसे महिला थाने भेज दिया गया था कि वह महिला थाने में ही केस दर्ज कराए। तीन तलाक का मामला महिला थाने में ही दर्ज होगा। बता दें कि उसकी अर्जी पर केस दर्ज करने के बजाय महिला थाने से उसके पति को कॉल करके यह जानकारी दे दी गई कि उसके विरुद्ध केस दर्ज करने की अर्जी दी गई है। वह थाने पहुंच कर अपना पक्ष रखे। फिर हुस्न आरा का पति महिला थाने पहुंचा। पति से क्या पूछताछ हुई यह हुस्न आरा को पता नहीं लेकिन हुस्न आरा को थाने में फटकार जरूर मिल गई कि उसका केस महिला थाने में नहीं कजरैली थाने में होगा या वह कोर्ट जाकर केस दर्ज कराए। हुस्न आरा के साथ हुई मारपीट और पति की तरफ से तीन तलाक बोल घर से निकाल बाहर करने मामले में केस के लिए दी गई अर्जी की जानकारी पर अब उसका पति रोज हुस्न आरा के मायके पहुंच नशे में गाली-गलौज और जान से मार डालने की धमकी देता है। हुस्न आरा ने कहा कि उस जैसी महिला का कजरैली थाने में केस नहीं लिया गया, उसका उसे मलाल नहीं है। लेकिन महिला थाने में महिला के साथ हो रही ज्यादती के बाद भी अबतक केस दर्ज नहीं करना बहुत पीड़ा दे रहा है। #newspratyaksh #Bihar #TEENTALAK  

करमा पूजा का रहस्य! कुंवारी लड़कियां ही उठाती हैं जावा, इसके पीछे है गूढ़ रहस्य!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
करमा पूजा का रहस्य! कुंवारी लड़कियां ही उठाती हैं जावा, इसके पीछे है गूढ़ रहस्य! करमा पूजा में डाली उठाने का कार्य कन्याएं ही करती हैं| इसके पीछे भी एक गूढ़ रहस्य निहित है| कन्याएं धरती का ही रूप मानी जाती हैं| बीज धारण करने की क्षमता धरती में होती है और वैसे ही सृष्टि को आगे बढ़ाने का सामर्थ्य नारी में है| महान प्रकृति पर्व 'करमा' में प्रधान रूप से चार महत्वपूर्ण और अनिवार्य तत्त्व हैं- जावा डाली, करम डाइर, अनगिनत जावा गीत और करमा-धरमा की धर्मकथा| समस्त पर्व में इन तत्त्वों की अपनी अपनी महत्ता है| जावा डाली इस पर्व के विदित है| जावा डाली झारखंड की बहनों द्वारा विधि विधान से नदी के बालू में एक उथरी टोकरी में सघन रूप से बुने गए बीजों के अंकुरण और प्रारंभिक पल्लवन का नाम है| कर् माएकादशी के नौ दिन, सात दिन या पांच दिन पूर्व जावा डाली के उठाने की प्रक्रिया होती है| इस महानतम पर्व के इस प्राण तत्त्व में गहरा दर्शन समाहित है| कन्याएं ही क्यों उठाती हैंडाली? वस्तुतः जावा डाली के द्वारा हम बीजों की पूजा करते हैं| बीज, सृष्टि का आधार हैं| जैव जगत की निरंतरता के लिए बीज की अनिवार्यता है| इसी परम सत्य को जावा डाली के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है| इस पर्व में डाली उठाने का कार्य कन्याएं ही करती हैं| इसके पीछे भी एक गूढ़गू रहस्य निहित है| कन्याएं धरतीस्वरूपा हैं| बीज धारण करनेकी क्षमता धरती में होती हैऔर इसी तरह सृष्टि को आगे बढ़ाने का सामर्थ्य नारी में है| इस परम सत्य को सांकेतिक तौर पर कन्याओं को बताया जाता है| जावा डाली इसी सत्य का प्रतीक है| अप्पकी जानकारी के लिए, जावा डाली में अधिकतम नौ प्रकार के बीजों के वपण का विधान है, और नौ सबसे बड़ी मूल संख्या होने के कारण पूर्णता का द्योतक है| अर्थात जावा डाली में समस्त बीजों की अभ्यर्थना की जाती है| बीजों में निहित शक्ति और उसकी महिमा का वंदन किया जाता है. करम पर्वका पहला गीत “इति- इति जावा किया-किया जावा...सेहो रेजावा एक पाता सइ रे..” बीज की महत्ता को निरूपित करता है| जानिए करमा-धरमा की कहानी! इस पर्वका दूसरा अनिवार्य तत्व है करम डाइर|उपवास की रात अखरा में 'करम' वृक्ष की डाली को स्थापित किया जाता है| इसका मतलब होता है की, भाइयों को, अर्थात्पुरुष वर्ग को अपने कर्मों दायित्वों के प्रति गड़े करम डाल की तरह अडिग रहना, जीवन के कर्मों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहना| उपवास की रात को करम अखरा में वाचन-श्रवण की जाने वाली 'करमा-धरमा' की लोक कथा इस महान पर्व की धर्मकथा है| इसमें निहित संदेश शाश्वत जीवन-दर्शन से युक्त है| इसमें बताया गया है कि मानव जीवन में कर्म के साथ धर्म का समन्वय आवश्यक है| केवल कर्म से हम भौतिक परिणाम तो पा सकते हैं, पर कर्मों को यदि नीति और आदर्श से हीन कर दें तो उसकी कोई महत्ता नहीं रह जाती है| धर्महीन व्यक्ति की उपयोगिता नष्ट हो जाती है, उसका जीवन विकृत-विद्रूपद्रू हो जाता है| कथा में करम गोसाईं के रूठ कर 'सात समुंदर टापुपार' चले जाने का प्रसंग भी हमें धर्म विहीन जीवन में खुशियों के रूठ जाने की प्रतीकात्मक सीख देता है| #newspratyaksh #KarmaPuja  

इस साल 6500 अमीर भारतीय भारत को छोड़ विदेश में करेंगे सेटल!

News Pratyaksh | Updated : Fri 22nd Sep 2023, 12:00 am
इस साल 6500 अमीर भारतीय भारत को छोड़ विदेश में करेंगे सेटल! हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 जारी किया गया है| इस रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 6500 हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स यानी HNI देश छोड़कर जा सकते हैं| हालांकि ये संख्या पिछले साल से कम है, जब साढ़े 7 हजार HNI भारत छोड़कर गए थे| पर सोचने वाली बात है क्यूंकि आर्थिक रूप से मजबूत लोग अगर देश से बाहर जा रहे हैं| इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस साल भी बड़े पैमाने पर अमीर भारतीय देश छोड़ सकते हैं. वैसे सबसे ज्यादा इस साल चीन से करोड़पति दूसरे देश में जाकर बसेंगे| भारत इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है| इसकी पूरी जानकारी आप "https://www.henleyglobal.com/.../henley.../inflows-outflows" पर चेक कर सकते हैं| #migration #HNI #indianHNI  

महिला आरक्षण विधेयक में एससी, एसटी के साथ ओबीसी के लिए कोटा हो: चिराग पासवान

News Pratyaksh | Updated : Thu 21st Sep 2023, 02:44 pm
महिला आरक्षण विधेयक में एससी, एसटी के साथ ओबीसी के लिए कोटा हो: चिराग पासवान भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का समर्थन किया और सरकार से यह आग्रह भी किया कि इस विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए कोटे का प्रावधान किया जाए। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में जारी चर्चा में भाग लेते हुए पासवान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूरा विश्वास है कि ओबीसी वर्ग की महिलाओं को अधिकार मिलेगा। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि राजनीतिक दलों ने इस कानून को बेहतर बनाने की आड़ में विधेयक को लटकाया। यही कारण है कि 27 वर्षों से यह कानून धरातल पर नहीं उतर पाया। हम चाहते हैं कि एससी, एसटी और ओबीसी का इसमें प्रतिनिधित्व होना चाहिए। प्रधानमंत्री पर मेरा विश्वास है कि यह होगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि विधेयक में यह प्रावधान जोड़ा जाए कि एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण हो। #newspratyaksh #Bihar #WomenReservationBill #ChiragPaswan  

कुर्मियों ने प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन वापस लिया, एक फैसले से झारखंड समेत तीन राज्यों को राहत!

News Pratyaksh | Updated : Thu 21st Sep 2023, 12:00 am
कुर्मियों ने प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन वापस लिया, एक फैसले से झारखंड समेत तीन राज्यों को राहत रांची/भुवनेश्वर/झारग्राम: कुर्मियों ने अपना रेल रोको आंदोलन वापस ले लिया है। इससे दक्षिण-पूर्व रेलवे और पूर्व तटीय रेलवे के अधिकार क्षेत्रों में परिचालित होने वाली ट्रेनें प्रभावित नहीं होंगी। पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में ट्रेनें अपने सामान्य समय और मार्ग पर चलेंगी। कुर्मी संगठनों ने बुधवार से प्रस्तावित अपना अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन वापस ले लिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेल पटरियों को अवरुद्ध करने के कुर्मी संगठनों के आह्वान के मद्देनजर झारखंड और ओडिशा में क्रमश: एसईआर और ईसीओआर के अंतर्गत चलने वाली कम से कम 11 ट्रेन को एहतियाती तौर पर रद्द कर दिया गया था और 12 अन्य का मार्ग बदल दिया गया था। ईसीओआर ने कहा कि उसने तत्काल प्रभाव से सामान्य मार्गों पर ट्रेन चलाने का फैसला किया है, क्योंकि कुर्मी समाज का आंदोलन वापस ले लिया गया है। रांची रेल मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी निशांत कुमार ने कहा, ‘जिन ट्रेन को पहले रद्द किया गया था या जिनका मार्ग बदला गया था, वे अब मुख्यालय के निर्देशानुसार अपने सामान्य मार्ग एवं समय पर परिचालित की जाएंगी।’ #newspratyaksh #kurmiandolan