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बिहार में गर्मी और उमस ने लोगों को हलकान कर रखा है। राजधानी पटना समेत कई जिलों में हाल बेहद खराब!

News Pratyaksh | Updated : Mon 18th Sep 2023, 05:25 pm
बिहार में गर्मी और उमस ने लोगों को हलकान कर रखा है। राजधानी पटना समेत कई जिलों में हाल बेहद खराब है। लेकिन वहीं औरंगाबाद समेत कुछ जिलों में मौसम ने पलटी मारी। इसके चलते ठनका गिरा और बड़ा हादसा हुआ। बिहार के औरंगाबाद में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। दूसरी ओर मृतकों का शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पहली घटना बंदेया थाना क्षेत्र के बक्सर गांव की है। यहां पर अचानक बारिश के दौरान ठनका की चपेट में आने से दो युवक बुरी तरह से झुलस गए। जिन्हे ग्रामीणों के सहयोग से गोह समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। #newspratyaksh #Bihar #weather  

झारखंड, बंगाल और ओडिशा में फिर सुलग रहा है कुड़मी को एसटी दर्जा देने का सवाल

News Pratyaksh | Updated : Mon 18th Sep 2023, 05:23 pm
झारखंड, बंगाल और ओडिशा में फिर सुलग रहा है कुड़मी को एसटी दर्जा देने का सवाल झारखंड, बंगाल और उड़ीसा में कुड़मी जाति को आदिवासी (एसटी) का दर्जा देने का सवाल एक बार फिर सुलग रहा है। इस जाति-समाज के संगठनों ने आगामी 20 सितंबर से “रेल टेका, डहर छेका” (रेल रोको-रास्ता रोको) आंदोलन का ऐलान किया है।इन संगठनों का दावा है कि इस बार आंदोलन में गांव-गांव से आने वाले हजारों लोग रेल पटरियों और सड़कों पर तब तक डटे रहेंगे, जब तक केंद्रीय गृह मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय कुड़मी को एसटी का दर्जा देने की बात लिखित तौर पर नहीं मान लेता।दूसरी तरफ आदिवासियों के संगठन कुड़मी जाति की इस मांग पर विरोध जता रहे हैं। आदिवासी संगठनों का कहना है कि कुड़मियों को एसटी का दर्जा देने की मांग आदिवासियों के अस्तित्व पर हमला है। #newspratyaksh #Jharkhand #bangal #udisha #kurmi #st  

संसद भवन के कर्मचारी नई ड्रेस में नजर आएंगे! राजनैतिक एंगल...

News Pratyaksh | Updated : Fri 15th Sep 2023, 06:45 pm
#newspratyaksh #sansad #KAMAL 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन, 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूजा करने के बाद नए संसद भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा। इस विशेष सत्र के दौरान संसद भवन के कर्मचारी भी नई ड्रेस में नजर आएंगे। संसद के सभी पुरुष और महिला कर्मचारी नई ड्रेस में नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारियों की ड्रेस यहां तक कि जूते को भी बदल दिया गया है। नई ड्रेस में कमल के फूल और खाकी रंग को भी तवज्जो दी गई है। संसद भवन के कर्मचारियों के लिए यह नई ड्रेस निफ्ट (NIFT) ने डिज़ाइन की है।कुछ दिन बाद नई संसद में शुरू होगा कामकाजपुरुष और महिला कर्मचारी नई ड्रेस में दिखेंगेजूते भी बदले गए, निफ्ट ने किया है डिजाइन

पटना में RJD और BJP के बीच पोस्टर वार!

News Pratyaksh | Updated : Fri 15th Sep 2023, 06:39 pm
#newspratyaksh #Bihar #bjp #RJDदिल्ली में जहां एक तरफ I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक चल रही तो वहीं दूसरी तरफ पटना में RJD और BJP के बीच पोस्टर वार चल रहा है। लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों दलों ने एक दूसरे पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। दरअसल, RJD और BJP ने पटना के इनकम टैक्स गोलंबर से लेकर आर ब्लॉक चौराहे तक ऐसे ऐसे पोस्टर लगाए हैं जिसमें दोनों पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साधते हुए नजर आ रही हैं। RJD ने जहां-जहां अपने पोस्टर लगाए थे, वहां पर अब BJP वालों ने भी अपना पोस्टर लगा दिया है।जहां RJD ने अपने पोस्टर में लिखा है- मजदूर किसान पर रोज सितम, मोदी सरकार का खेल खत्म। इसके जवाब में BJP ने भी एक पोस्टर लगाया है जिस पर लिखा है- कभी हमारा तो कभी आपका यार है, असली बेवफा तो नीतीश कुमार है। वहीं, बीजेपी के दूसरे पोस्टर पर लिखा है- परिवारवाद से बनाना है दूरी, फिर एक बार मोदी है जरूरी। आगे एक और पोस्टर लगा है जिसपर बीजेपी ने लिखा है- दिया न शिक्षा, न रोजगार..पलटू कुमार को कब तक सहेगा बिहार। इन सबके जवाब में राजद का भी पोस्टर दिख रहा है जिसमें लिखा है- बहुत सह चुके महंगाई की मार, अबकी बार बदलेगी मोदी सरकार।ऐसे पोस्टरों के रिलीज होते ही पटना के राजनीतिक गलियारों में घमासान मच गया है। इस पोस्टर वार में जेडीयू के तरफ से कोई रिएक्शन देखने को नहीं मिल रहा है। जेडीयू के नेताओं का कहना है कि पार्टी पोस्टर विवाद से हमेशा दूर रही है जबकि BJP और RJD में दनादन एक के बाद एक पोस्टर रिलीज कर रही है।

बिहार में शिक्षा की हालत को बेहतर करने के लिए लगातार शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक प्रदेश के स्कूलों का दौरा और औचक निरिक्षण कर रहे हैं

News Pratyaksh | Updated : Fri 15th Sep 2023, 06:35 pm
#newspratyaksh #Bihar #governmentschools #KKPathakबिहार में शिक्षा की हालत को बेहतर करने के लिए लगातार शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक प्रदेश के स्कूलों का दौरा और औचक निरिक्षण कर रहे हैं: लेकिन, बिहार के कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां छात्रों के लिए सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं हैं. बिहार के सरकारी विद्यालयों का क्या हाल है बेतिया से आई इस खबर को पढ़कर आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं.जहां छोटे-छोटे बच्चे किस तरह से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इसे देखकर आपको एहसास होगा कि इन बच्चों के साथ एक तरह से अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. दरअसल बेतिया के इस स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा पा रहे हैं. शिक्षा विभाग का अमानवीय व्यवहार ऐसा कि इन नोनिहालों को तपती धूप में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.बेतिया जिले के मझौलिया का राजकीय उत्क्रमित मध्य विधायल वृति टोला के छात्र-छात्राओं की यह तस्वीर देखें छोटे-छोटे बच्चे तपती धूप हो या बरसात पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. इनके पास ना ही डेक्स है और ना ही बेंच है. बोरे पर बैठकर ये छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इस विद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. वर्ग एक से वर्ग आठ तक विद्यालय है. बच्चों की नमांकित संख्या करीब 265 है. प्रतिदिन 200 बच्चे विद्यालय आते हैं. स्कुल में 9 शिक्षक-शिक्षिकाएं भी है. लेकिन, बच्चे बुनियादी सुविधा से महरूम हैं. ये बिहार के ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे है जो पढ़ना चाहते हैं. कुछ बनना चाहते हैं लेकिन इनके पास अपना क्लास रूम तक नहीं है. यही बच्चे देश के भविष्य का निर्माण करेंगे. लेकिन, शिक्षा विभाग की नजर इस विद्यालय पर नहीं पड़ रही है. स्कुल के प्रधानाचार्य आदित्य नरायण बताते हैं 2018 से लगातार पत्राचार किया जा रहा है लेकिन, अभी तक विद्यालय का जीर्णोद्धार नहीं हुआ है. बच्चे बरसात में स्कूल नहीं आते हैं. धूप तेज हो जाती है तो भी बच्चे चले जाते हैं. छात्र-छात्राओं का कहना है की पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. सरकार हमें सुविधा दे ताकि हमलोग पढ़ लिखकर कुछ बन सकें.