Jharkhand


थावे डाइट में 18 वर्षीय राधिका का शव पंखे से लटका मिला :

News Pratyaksh | Updated : Fri 17th Jan 2025, 10:29 am
थावे डाइट में 18 वर्षीय राधिका का शव पंखे से लटका मिला :थावे डाइट में काम करने वाली रसोइया की पंखे से लटकता हुआ शव मिला है। शव के मिलने की सूचना जैसे ही डायट सेंटर में मौजूद लोगों को मिली, वैसे ही वहां सनसनी फैल गई। हालांकि पंखे से शव के लटकने की सूचना तत्काल थावे पुलिस को दी गई। इसके बाद थावे पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है।बताया जाता है कि 18 वर्षीय राधिका कुमारी थावे स्थित डायट सेंटर में रसोईया का काम करती थी। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को सुबह राधिका कुमारी के कमरे का दरवाजा नहीं खुला। तब दूसरे कर्मियों ने दरवाजे के बाहर से आवाज लगाई। लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई।इसके बाद इसकी सूचना डायल 112 को दी गई। डायल 112 के टीम जब मौके पर पहुंची तब पुलिस की मौजूदगी में दरवाजा तोड़ा गया। कमरे के अंदर का नजारा देखकर हर कोई हैरान हो गया। कमरे में युवती का शव पंखे से लटकता मिला। शव मिलने की सूचना कर्मियों ने मृतका के परिजनों को दी।मृतका के भाई गोविंद कुमार ने बताया कि उन्हें फोन कर बताया गया था कि उनकी बहन की तबीयत खराब है। जब वह थावे स्थित डायट सेंटर में पहुंचे तो वहां उसके कमरे में ताला लगा हुआ था। उन्हें बताया गया कि उनकी बहन को सदर अस्पताल में भेजा गया है। जब वह सदर अस्पताल पहुंचे तो वहां पर कोई नहीं था। फिर जब वह थावे डाइट में पहुंचे तो देखा कि यहां पर उसके बहन के कमरे का ताला टूटा हुआ था। उनकी बहन का शव जमीन पर पड़ा हुआ था।बहरहाल, थावे पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य इकट्ठा करने में लग गई है। गोपालगंज पुलिस हत्या या आत्महत्या दोनों पहलुओं को लेकर अन्य कर्मियों से पूछताछ कर रही है।

खिलाड़ी को बैडमिंटन रैकेट से पीटने वाले एडीएम निलंबित :

News Pratyaksh | Updated : Fri 17th Jan 2025, 09:42 am
खिलाड़ी को बैडमिंटन रैकेट से पीटने वाले एडीएम निलंबित :मधेपुरा के बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज करने के मामले में एडीएम (विभागीय जांच) शिशिर कुमार मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने डीएम के जांच रिपोर्ट के आधार पर एडीएम को निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में शिशिर कुमार मिश्रा का मुख्यालय भागलपुर आयुक्त कार्यालय निर्धारित किया गया है। इस संबंध में राज्यपाल के आदेश से सरकार के अवर सचिव उमेश प्रसाद ने अधिसूचना जारी कर दी है। 30 नवंबर 2024 को बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन खेलने के क्रम में स्थानीय खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन रैकेट फेंककर मारने एवं गाली-गलौज करने की घटना वायरल वीडियो के माध्यम से प्रकाश में आने के उपरांत मामले की जांच मधेपुरा डीएम तरनजोत सिंह द्वारा की कराई गई। डीएम द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि शिशिर कुमार मिश्र द्वारा खिलाड़ी का पीछा करते हुए बैडमिंटन फेंक कर मारा गया है। साथ ही जब एडीएम शिशिर कुमार मिश्रा खिलाड़ी का बाहरी परिसर तक पीछा करने के बाद इंडोर स्टेडियम में वापस आए तो उपस्थित खिलाड़ी राजकुमार से उलझ गए और उनका महंगा बैडमिंटन रैकेट भी तोड़ दिया गया। बयान में यह भी वर्णित है कि पिटाई के कारण खिलाड़ी राजकुमार के माथे एवं गले पर चोट आई है, जिसके इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया। पत्र के अनुसार शिशिर कुमार मिश्र द्वारा प्रदर्शित किया गया उक्त व्यवहार एवं आचरण किसी भी सरकारी सेवक से अपेक्षित नहीं है तथा यह कृत्य उनके पदीय गरिमा के विपरीत है।

ढेंगा गोलीकांड की जांच नहीं कर रही सीआइडी :

News Pratyaksh | Updated : Fri 17th Jan 2025, 09:41 am
ढेंगा गोलीकांड की जांच नहीं कर रही सीआइडी : हजारीबाग जिला के बड़कागांव क्षेत्र में चर्चित ढेंगा गोलीकांड की जांच के लिए झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने ढेंगा गोलीकांड से जुड़े बड़कागांव थाना कांड संख्या 167/15 व 214/16 की सीअइडी जांच का आदेश जुलाई 2022 में दिया था. लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हाेने पर मामले के पीड़ित शनिकांत ने डीजीपी अनुराग गुप्ता से इसकी शिकायत की है. शिकायत में इन्होंने कहा है कि दोनों कांडों के अनुसंधानकर्ता सीआइडी के इंस्पेक्टर बिपिन कुमार द्वारा तथ्यों व सबूतों को दरकिनार कर एक पक्षीय जांच की जांच रही है. यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस काउंटर से संबंधित पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज एंड बनाम महाराष्ट्र राज्य के मामले में आदेश के दिशा-निर्देशों व झारखंड हाइकोर्ट के डब्ल्यूपी (सीआर) संख्या 127/2021 के आदेश की अवहेलना है. जबकि पूर्व में हुई जांच और चार्जशीट के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट ने जांच का आदेश दिया था. शिकायत पर डीजीपी ने अग्रेतर कार्रवाई का आदेश सीआइडी के एएसपी दीपक कुमार को दिया है. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से एएसपी को पत्र भी भेजा है. फिर मामला पहुंचा हाइकोर्ट, सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय, निचली अदालत के आदेश पारित करने पर रोक : यह मामला फिर से झारखंड हाइकोर्ट पहुंच गया है. प्रार्थी शनिकांत ने अधिवक्ता हेमंत सिकरवार के माध्यम से हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि सीआइडी मामले की जांच पूरी नहीं कर रही है. वहीं रांची सिविल कोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट के नत्थी लाल बनाम यूपी सरकार के आदेश का उल्लंघन कर पूर्व की चार्जशीट पर ट्रायल भी चला रहा है. याचिका पर 15 जनवरी 2025 को हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल चौधरी के कोर्ट में सुनवाई हुई. अधिवक्ता हेमंत सिकरवार द्वारा पक्ष रखने के बाद राज्य सरकार से जवाब देने का समय कोर्ट से मांगा गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. वहीं मामले में रांची सिविल कोर्ट द्वारा आदेश पारित करने पर रोक लगा दिया है.

डबल मर्डर के एक वर्ष बाद भी नहीं हुआ खुलासा, मृतका के पुत्र ने पीएम मोदी को लिखा पत्र :

News Pratyaksh | Updated : Fri 17th Jan 2025, 09:40 am
डबल मर्डर के एक वर्ष बाद भी नहीं हुआ खुलासा, मृतका के पुत्र ने पीएम मोदी को लिखा पत्र :बगहा में मां-बेटी डबल हत्याकांड का मामला एक साल पूरा हो गया, लेकिन अब तक हत्या मामले का गुथी सुलझाने में पुलिस विफल साबित हो रही है. पुलिस ने हत्या मामले में दो दो बार एसडीपीओ कुमार देवेन्द्र के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित कर जांच की थी. इस घटना की जांच-पड़ताल के बाद भी अब तक खुलासा नहीं हो सका. मृतका के पुत्र ने एसपी समेत पुलिस के आला पदाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है. इसके साथ ही पीएम मोदी को पत्र भेजकर न्याय मांगा है. बतादें कि पिछले साल 16 जनवरी की सुबह पठखौली थाना क्षेत्र स्थित बगीचा टोला में शोभा तिवारी (45) और उनकी शादीशुदा बेटी खुशबू तिवारी (25) की बेरहमी से हत्या कर दी गई और साक्ष्य छुपाने की नियत से शवों को जला दिया गया था. हालांकि अपराधियों ने शव को जलाने के लिए लकड़ी का प्रयोग नहीं किया था, बल्कि केमिकल का प्रयोग किया था. जैसे ही इस मामले की जानकारी पुलिस को मिली घटनास्थल पर पहुंच कर जांच की . एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड और वैज्ञानिक अनुसंधान का सहारा लिया गया, लेकिन एक साल बाद भी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं .खुशबू का जन्मदिन 2 जनवरी को था . परिवार ने इस दिन पार्टी मनाई थी . लेकिन जन्मदिन के 13 दिन बाद ही उसकी और उसकी मां की हत्या कर दी गई. बगहा पुलिस ने कई संदिग्धों से पूछताछ की, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला. एसआईटी ने वैज्ञानिक अनुसंधान और सभी संभावित दृष्टिकोणों से जांच की, लेकिन अपराधियों की पहचान अब तक नहीं हो पाई. हालांकि इसे लेकर शोभा तिवारी का भाई संतोष तिवारी ने न्याय की गुहार लगाते हुए 3 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र भी लिखा.एसपी सुशांत कुमार सरोज ने कहा, “यह मामला बहुत चुनौतीपूर्ण है. पुलिस की टीमें दिन-रात जुटी हैं. हालांकि, अपराधी अब तक हमारी पकड़ से बाहर हैं. हम जल्द ही इस मामले का खुलासा करेंगे. इधर संतोष तिवारी का कहना है कि वे कई बार पुलिस और जनप्रतिनिधियों से मिले, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई

खिलाड़ी को बैडमिंटन रैकेट से पीटने वाले एडीएम निलंबित :

News Pratyaksh | Updated : Fri 17th Jan 2025, 09:37 am
खिलाड़ी को बैडमिंटन रैकेट से पीटने वाले एडीएम निलंबित :मधेपुरा के बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के साथ मारपीट एवं गाली-गलौज करने के मामले में एडीएम (विभागीय जांच) शिशिर कुमार मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने डीएम के जांच रिपोर्ट के आधार पर एडीएम को निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में शिशिर कुमार मिश्रा का मुख्यालय भागलपुर आयुक्त कार्यालय निर्धारित किया गया है। इस संबंध में राज्यपाल के आदेश से सरकार के अवर सचिव उमेश प्रसाद ने अधिसूचना जारी कर दी है। 30 नवंबर 2024 को बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन खेलने के क्रम में स्थानीय खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन रैकेट फेंककर मारने एवं गाली-गलौज करने की घटना वायरल वीडियो के माध्यम से प्रकाश में आने के उपरांत मामले की जांच मधेपुरा डीएम तरनजोत सिंह द्वारा की कराई गई। डीएम द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में पाया गया कि शिशिर कुमार मिश्र द्वारा खिलाड़ी का पीछा करते हुए बैडमिंटन फेंक कर मारा गया है। साथ ही जब एडीएम शिशिर कुमार मिश्रा खिलाड़ी का बाहरी परिसर तक पीछा करने के बाद इंडोर स्टेडियम में वापस आए तो उपस्थित खिलाड़ी राजकुमार से उलझ गए और उनका महंगा बैडमिंटन रैकेट भी तोड़ दिया गया। बयान में यह भी वर्णित है कि पिटाई के कारण खिलाड़ी राजकुमार के माथे एवं गले पर चोट आई है, जिसके इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया। पत्र के अनुसार शिशिर कुमार मिश्र द्वारा प्रदर्शित किया गया उक्त व्यवहार एवं आचरण किसी भी सरकारी सेवक से अपेक्षित नहीं है तथा यह कृत्य उनके पदीय गरिमा के विपरीत है।