IAS-IPS अधिकारियों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इस लिए 3 माह का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसमें अधिकारी इन भाषाओं को सीखेंगे. फिर परीक्षा भी देनी होगी !
News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:57 pm
IAS-IPS अधिकारियों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इस लिए 3 माह का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसमें अधिकारी इन भाषाओं को सीखेंगे. फिर परीक्षा भी देनी होगी :
इसी साल 21 अप्रैल को रांची में जब सिविल सर्विस डे मनाया जा रहा था, तब एक कार्यक्रम के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने हॉल में मौजूद अफसरों से पूछ लिया कि यहां मौजूद सभी आईएएस व आईपीएस है में से कितनों को कुरुख, संथाली हो आदि स्थानीय भाषा आती है. सीएम के इस सवाल पर हॉल में सन्नाटा पसर गया. क्योंकि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ऐसी कोई भाषा नहीं जानता था, जिसको देख हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को स्थानीय भाषा न जानने के लिए फटकार भी लगाई.इसी को देखते हुए अब झारखंड सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में कार्यरत सभी आईएएस व आईपीएस अफसरों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इसके लिए 3 महीने का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसके माध्यम से अधिकारी कुरुख, मुंडारी, खड़िया, हो, संथाली और भूमिज भाषा के साथ जनजातीय समाज की संस्कृति और इतिहास को भी जान सकेंगे, ताकि गांव के आदिवासी या आम जनों के साथ अधिकारी उन्हीं की भाषा में बात कर पाएं.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग ने यह योजना बनाई है. जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) को पाठ्यक्रम बनाने को भी कहा गया है. कल्याण विभाग के अधिकारी मुकेश कुमार के मुताबिक 3 महीने का पाठ्यक्रम सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य होगा और इसके बाद एक ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी. परीक्षा में पास होने के बाद अधिकारी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा. वहीं फेल होने पर दोबारा परीक्षा देने का प्रावधान होगा.आगे बताया कि रांची विश्वविद्यालय के जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में इस विषय पर जल्द ही कार्यशाला आयोजित की जाएगी. इसमें पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा. वहीं, राज्य स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को यह पाठ्यक्रम आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा.
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