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ओम बिरला ने सदन के अंदर घट रही बैठकों की संख्या पर चिंता जताते हुए इस पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता जतायी :

News Pratyaksh | Updated : Tue 21st Jan 2025, 10:46 am
ओम बिरला ने सदन के अंदर घट रही बैठकों की संख्या पर चिंता जताते हुए इस पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता जतायी :करीब 43 साल बाद बिहार एक बार फिर देशभर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का सोमवार को गवाह बना. लोकसभा के अध्यक्ष और राज्य सभा के उप सभापति साथ देश भर के विधानसभा अध्यक्षों की मौजूदगी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के अंदर घट रही बैठकों की संख्या पर चिंता जताते हुए इस पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता जतायी है. इसके साथ ही उन्होंने सदन के अंदर शब्दों की शुचिता व सदन की मर्यादा बनाये रखने के लिए राजनीतिक दलों को अपनी आदर्श आचार संहिता बनाने की सलाह दी है. लोकसभा अध्यक्ष सोमवार को बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. पीठासीन सम्मेलन के 104 साल के इतिहास में बिहार तीसरी बार इस दो दिवसीय आयोजन की मेजबानी कर रहा है.ओम बिरला ने कहा कि पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर सभी राजनीतिक दलों के लोग शामिल हैं. पिछली बैठकों में हमने सदन में व्यवधान कम करने, वेल में आने, गरिमा-शुचिता बढ़ाने, माननीयों के अभिभाषण के दौरान गरिमा बरकरार रखने सहित कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा की थी. इसके समाधान को लेकर आवश्यक है कि सभी दलों के अंदर आचार संहिता बनायी जाये. जनप्रतिनिधि जितना मर्यादापूर्ण आचरण करेंगे, उतनी सदन की गरिमा भी बढ़ेगी. उम्मीद है कि बिहार के इस ज्ञान की धरती से हम लोग इसका समाधान लेकर जायेंगे.उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय समितियों की भूमिका बढ़ाये जाने की भी वकालत की. उन्होंने सभी विधानसभा अध्यक्षों से आग्रह किया कि वे अपने सदन की समितियों की भूमिका को और बेहतर करें. उनकी भूमिका जितनी बढ़ेगी, शासन में उतनी ही जवाबदेही आयेगी और जनता के धन का सदुपयोग और निगरानी हो सकेगी. उन्होंने कहा कि 1993-1994 की बैठक में भी इससे संबंधित विचार आया था. गंभीर प्रयास हुए तो इसके परिणाम भी दिखेंगे.समारोह में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप सभापति डॉ रामवचन राय और विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव सहित देश के विभिन्न राज्यों से आये विधानसभा अध्यक्ष व सभापति उपस्थित रहे. इस मौके पर एमएन काॅल और एसएल शंकधर द्वारा लिखित पुस्तक ”संसदीय पद्धति और प्रक्रिया का पांचवां चरण” का लोकार्पण लोकसभा अध्यक्ष ने किया. दो दिवसीय 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी के पहले दिन उद्घाटन सत्र के बाद पुराने विधानसभा भवन में संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर ” संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाये रखने में संसद एवं राज्य विधानमंडलों का योगदान ” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में विभिन्न राज्यों की छह महिला समेत 54 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया.

मंईयां सम्मान योजना के फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ होगी कार्रवाई :

News Pratyaksh | Updated : Tue 21st Jan 2025, 10:44 am
मंईयां सम्मान योजना के फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ होगी कार्रवाई :झारखंड की हेमंत सरकार मंईयां सम्मान योजना तहत राज्य की लाभुक महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाते हैं. बता दें कि इस योजना की शुरूआत 2024 के अगस्त महीने में की गई थी. हालांकि तब इस योजना के तहत के पात्र महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे, जबकि अब इस बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है. कहा जाता है कि हेमंत सोरेन की सत्ता में वापसी के पीछे मंईयां सम्मान योजना का काफी योगदान रहा है. इस योजना को लेकर महिलाओं ने हेमंत सोरेन के पक्ष जबरदस्त वोटिंग की. नतीजा यह निकला की झारखंड में फिर से हेमंत सोरेन की सरकार बन गई. ऐसे में इस योजना को हेमंत सोरेन महत्वाकांक्षी योजना भी कहा जाता है.बता दें कि इस योजना के तहत सरकार काफी खर्च कर रही है. ऐसे में संबंधित विभाग फर्जीवाड़े पर नजर बनाए हुए है. अगर इस योजना का फर्जी तरीके से कोई लाभ उठाएगा, तो विभाग द्वारा उस पर एक्शन की तैयारी है. इसको लेकर सख्त निर्देश भी जारी किए गए हैं.बता दें कि फर्जी तरीके से मंईयां सम्मान योजना का लाभ लेने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई की तैयारी में है. इसको लेकर बकायदा जिले के डीसी ने चेतावनी दी है. कहा गया है कि जो मानक के अंतर्गत नहीं आते है, उनके खिलाफ सख्त करवाई होगी. इसके साथ ही रांची के डीसी मंजूनाथ भजन्त्री ने आम लोगों से अनुरोध भी किया है कि अगर वो मानक के तहत नहीं आते हैं, तो खुद लाभ लेना छोड़ दें.

बिहार के बेतिया जिले के लौरिया थाना क्षेत्र के मठिया गांव में 3 दिनों के अंदर 7 लोगों की संदिग्ध मौत हुई :

News Pratyaksh | Updated : Mon 20th Jan 2025, 11:39 am
बिहार के बेतिया जिले के लौरिया थाना क्षेत्र के मठिया गांव में 3 दिनों के अंदर 7 लोगों की संदिग्ध मौत हुई :बिहार के बेतिया जिले के लौरिया थाना क्षेत्र के मठिया गांव में 3 दिनों के अंदर 7 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गई है. एसपी डॉ शौर्य सुमन और प्रभारी जिला अधिकारी सुमित कुमार ने देर रात गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान प्रभारी डीएम सुमित कुमार ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए 10 सदस्यीय मेडिकल टीम को गांव में तैनात किया गया है.इस संदेहास्पद घटना के बाद आसपास के गांवों में भी जांच की जा रही है. डीएम ने ग्रामीणों से भी अपील की है कि अगर किसी में कोई भी संदिग्ध लक्षण दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें, ताकि समय पर इलाज किया जा सके. एसपी और डीएम के संयुक्त आदेश के बाद 4 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. जिसमें नरकटियागंज एसडीएम, एसडीपीओ, सिविल सर्जन और उत्पाद अधीक्षक शामिल है.एसपी डॉ शौर्य सुमन ने कहा कि फिलहाल जो जानकारी मिली है, उसमें यही पता चला है कि सभी लोगों की मौत अलग-अलग समय और अलग-अलग स्थानों पर हुई है. सभी मरने वालों की उम्र भी अलग-अलग है. शराब से जुड़े कनेक्शन की जांच के लिए भी उत्पाद अधीक्षक को टीम में शामिल किया गया है. जो क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री और निर्माण की जांच करेंगे. जांच टीम 24 घंटे बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद ही कुछ पता चल सकेगा.मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को मठिया गांव में स्व कपिल चौधरी के 42 वर्षीय बेटे सुरेश चौधरी और उमेश चौधरी के 22 वर्षीय बेटे मनीष चौधरी की मौत हुई. सुरेश और मनीष चाचा-भतीजा बताए जा रहे हैं. इसी दिन मिरुल आलम के 25 वर्षीय बेटे नेयाज अहमद और मोतीराम के 60 वर्षीय बेटे शिवराम की भी मौत हुई. इसके पहले शुक्रवार को रामेश्वर गुप्ता के 35 वर्षीय बेटे प्रदीप गुप्ता की मौत हो चुकी थी. परिजन शराब और गांजे से मौत की आशंका जता रहे हैं.

लाल आतंक से मुक्त हुई यह सड़क

News Pratyaksh | Updated : Sat 18th Jan 2025, 10:30 am
लाल आतंक से मुक्त हुई यह सड़क, कभी यहां से गुजरने में खौफ खाते थे नेता और अधिकारी ,पलामू: रेड कॉरिडोर का एक ऐसा रोड जो कई दशकों तक माओवादियों के कब्जे में रहा. इस सड़क से कोई भी अधिकारी या नेता नहीं गुजरते थे. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. इस रोड पर अब लोग बेखौफ लोग गुजर रहे हैं. यह सड़क है झारखंड को बिहार से जोड़ने वाली मनातू चक-सलैया इमामगंज रोड.2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पहली बार इस रोड से पुलिंग पार्टी और सुरक्षाबल गुजरे. 38 किलोमीटर के मनातू चक सलैया इमामगंज रोड कभी माओवादियों के निशाने पर रहता था. इस सड़क पर दर्जनों नक्सल हमले हुए हैं.माओवादियों का रेड कॉरिडोर बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा से लेकर आंध्रप्रदेश तक फैला हुआ है. इस कॉरिडोर में मनातू चक सलैया रोड की बड़ी भूमिका है. माओवादियों का दस्ता बिहार से छत्तीसगढ़ या आंध्रप्रदेश जाने के लिए इसी रोड से गुजरता था. यह माओवादियों के यूनिफाइड कमांड छकरबंधा, ट्रेनिंग सेंटर बूढापहाड़ और इस्टर्न रीजनल ब्यूरो का मुख्यालय सारंडा को जोड़ता भी है. 2000 के बाद माओवादियों ने इस रोड पर कब्जा जमा लिया लिया था. यह कब्जा 2018-19 तक रहा. लेकिन माओवादियों की गतिविधि 2022-23 तक रही. 2024 में चुनाव के दौरान जब पहली बार सुरक्षा बल और पोलिंग पार्टी गुजरी तो यह रोड नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुआ.मनातू रोड बनाने के लिए झारखंड की सरकार ने आठ बार टेंडर निकाला था. लेकिन माओवादियों के खौफ के कारण कोई भी ठेकेदार टेंडर नहीं डालता था. 2016-17 में पहली बार केंद्रीय सुरक्षा बल की मौजूदगी में रोड का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 2024 में निर्माण कार्य पूरा हुआ. इस रोड पर तीन पुल बनाए गए हैं. रोड निर्माण के दौरान माओवादी कई बार हमला भी कर चुके हैं. सीआरपीएफ की दो कंपनी रोड बनाने के दौरान तैनात रही.अब स्थिति बदल गई है रोड पर नक्सल खौफ खत्म हो गया है. 2023 के बाद कोई भी नक्सल हमला नहीं हुआ है. 2024 में पहली बार इस रोड पर पोलिंग पार्टी गुजारी थी जिसके बाद खत्म हो गया है. इस रोड पर लोग अभी खौफ यात्रा कर रहे हैं. मनातू के रहने वाले उदेश यादव ने बताया कि अब रोड पर खौफ नहीं है, रोड अच्छा बन गया है. मनातू के उरूर के रहने वाले इमामुद्दीन ने बताया कई बार रोड पर विस्फोट हुए हैं रोड पर चलने में डर लगता था लेकिन अब माहौल बदल गया है.

जमीन विवाद में कातिल बन गया सगा! भाई की चाकू गोदकर हत्या :-

News Pratyaksh | Updated : Sat 18th Jan 2025, 10:25 am
जमीन विवाद में कातिल बन गया सगा! भाई की चाकू गोदकर हत्या :-  बिहार के सिवान में भाई की हत्या उसका अपना सगा ही कर दी. घटना दरौंदा थाना क्षेत्र के चकरी मठिया गांव की है. जहां पुरानी जमीन को लेकर पहले तो दोनों सगे भाइयों में कहा सुनी हुई. फिर गाली गलौज हुई. देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गयी कि एक भाई ने दूसरे भाई पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. तब तक हमला करता रहा जब तक वह बुरी तरह जख्मी ना हो गया.जख्मी के शरीर और पेट में चाकू लग गए. कुछ ही देर में वह खून से लथपथ हो गया.  परिजनों ने इलाज के लिए आनन-फानन में घायल को महराजगंज अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मृतक की पहचान राम ईश्वर भारती के पुत्र जयनाथ भारती के रूप में हुई है.छानबीन में जुटी पुलिस, इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस ने मृतक के परिजन राजेश भारती की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है. दो नामजद और दो अज्ञात कुल 4 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. घटना के बाद से ये सभी आरोपी फरार हैं.घटना के संबंध में जयनाथ भारती की पत्नी ने बताया कि मृतक परिवार का इकलौता कमाऊ शख्स था. जयनाथ भारती के एक पुत्र एवं 4 पुत्रियां हैं. परिजनों को अब इंसाफ का इंतजार है. परिवार कैसे चलेगी इसकी चिंता भी सता रही है. इन चार बच्चियों की पढ़ाई और शादी विवाह को लेकर बड़ी चिंता बढ़ गयी है.

मार्च 2025 को हो रहे 38वें दीक्षांत समारोह की तैयारी को लेकर गुरुवार को कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में अधिकारियों की पहली बैठक मुख्यालय में हुई :

News Pratyaksh | Updated : Fri 17th Jan 2025, 10:40 am
मार्च 2025 को हो रहे 38वें दीक्षांत समारोह की तैयारी को लेकर गुरुवार को कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में अधिकारियों की पहली बैठक मुख्यालय में हुई :रांची विवि के सात मार्च 2025 को हो रहे 38वें दीक्षांत समारोह की तैयारी को लेकर गुरुवार को कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में अधिकारियों की पहली बैठक मुख्यालय में हुई. इसमें मुख्य रूप से समारोह में खर्च के लिए बजट तैयार करने का निर्णय लिया गया. 37वें दीक्षांत समारोह से इस बार 10 प्रतिशत अधिक राशि खर्च होने का अनुमान रखा गया. 37वें दीक्षांत समारोह में 45 लाख रुपये से अधिक का खर्च हुआ था. इस आधार पर 38वें दीक्षांत समारोह में 50 से 52 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान रखा गया है. बजट बना कर इसे पहले वित्त समिति व सिंडिकेट से पास कराना होगा.इस समारोह में लगभग आठ हजार विद्यार्थी की डिग्री स्वीकृत की जायेगी. जबकि विवि द्वारा आवेदन मंगाने के बाद ही तय हो सकेगा कि कितने विद्यार्थी समारोह में शामिल होंगे. इस समारोह में पिछले एक वर्ष में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को डिग्री दी जायेगी. कुल लगभग 75 गोल्ड मेडल बंटने की संभावना है. इसमें लगभग 15 गोल्ड मेडल स्पांसर होंगे. बैठक में वित्त परामर्शी अजय कुमार, नवनियुक्त प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ जीसी साहु, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू, सीसीडीसी डॉ पीके झा, वित्त पदाधिकारी डॉ प्रीतम कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ विकास कुमार, डीआर अजय लकड़ा, डॉ रोहित कुमार, डॉ स्मृति सिंह, अरूण कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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