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पेसा नियमावली का मामला अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई :

News Pratyaksh | Updated : Fri 21st Mar 2025, 05:46 am
पेसा नियमावली का मामला अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई : झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आदेश के अनुपालन के लिए अतिरिक्त आठ सप्ताह का समय देने का आग्रह करते हुए इंटर लोकेटरी याचिका फाइल की है. दरअसल झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पेसा नियमावली फाइनल नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई.अवमानना याचिका दायर करने वाली संस्था आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के राष्ट्रीय संयोजक विक्टर कुमार मालतो ने ईटीवी भारत को बताया कि पेसा नियमावली बनाने के लिए हाईकोर्ट की ओर से 29 जुलाई 2024 को आदेश जारी हुआ था. हाईकोर्ट ने आदेश की कॉपी मिलने के दो माह के भीतर नियमावली फाइनल करने को कहा था. लेकिन सरकार किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है. लिहाजा आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने अवमानना याचिका दायर की.उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने 29 जुलाई 2024 के आदेश के पैरा 12 में लिखा था कि झारखंड के स्थापना के पहले ही संसदीय अधिनियम पेसा, 1996 अस्तित्व में था. लेकिन 15 नवंबर 2000 को झारखंड बनने के बाद पंचायती राज अधिनियम, 2001 को अस्तित्व में लाया गया, जिसे संसदीय अधिनियम 1996 के प्रावधानों के सुसंगत नहीं कहा जा सकता है. यही कारण है कि याचिकाकर्ता ने प्रो-बोनो-पब्लिको के माध्यम से याचिका दाखिल की थी.राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि विधानसभा चुनाव कैबिनेट से स्वीकृति, महाधिवक्ता से विधिक सलाह और विभागीय प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से तय समय के भीतर नियमावली के बाबत आदेश का अनुपालन नहीं हो पाया है.

आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया :

News Pratyaksh | Updated : Wed 19th Mar 2025, 01:19 pm
बिहार विधानसभा चुनाव के 7 माह पहले कांग्रेस आलाकमान ने कुटुम्बा के विधायक राजेश कुमार को बिहार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने अखिलेश सिंह की छुट्टी करते हुए संभवतः पहली बार किसी दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। राजनीतिक हलको में माना जा रहा है कि कांग्रेस ने दलित चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर लंबा गेम प्लान किया है।राजेश कुमार के पिता स्व. दिलकेश्वर राम कांग्रेस में जगजीवन राम के बाद दलित समाज के सर्वमान्य नेता रहे है। उनके सरल और मृदुल व्यवहार का हर कोई कायल रहा है। वे पार्टी में हर वर्ग के नेताओं खासकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सत्येंद्र नारायण सिन्हा के सर्वाधिक प्रिय रहे हैं। राजेश और उनके पिता का चेहरा और कार्यशैली भी एक समान है। इस वजह से पार्टी में भी राजेश की छवि को दिलकेश्वर राम जैसा ही देखा जा रहा है। वैसे भी कांग्रेस आलाकमान बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पुराने नेताओं के जगह पर नई पीढ़ी के उर्जावान नेताओं को प्रोमोट कर रही है। इसकी पहली झलक युवा तुर्क कन्हैया कुमार को प्रोमोट करने के लिए शुरु की गई रोजगार दो यात्रा में दिखी और यात्रा के शुरू होने के चंद दिन बाद ही पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान राजेश कुमार के हाथों में सौंप दी। जानकार बताते है कि राजेश कुमार और कन्हैया कुमार के बीच अच्छी ट्यूनिंग है। दोनों की अपनी जातीय समाज में भी अच्छी पकड़ है और दोनों की यह ट्यूनिंग दो बड़े वर्ग के वोटो को पार्टी से जोड़ने में सहायक हो सकती है। माना तो यह भी जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी को और अधिक़ मजबूती देने के लिए जमीनी पकड़ वाले सभी जाति-वर्ग के नेताओं खासकर युवाओं को प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी जा सकती है। इस स्थिति में कांग्रेस यदि मजबूत होती है, तो निःसंदेह इसका चुनावी लाभ भी मिलेगा।कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग भी बिहार में गठबंधन से अलग रहकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का पक्षधर रहा है। इस वर्ग का यह मानना रहा है कि गठबंधन में रहने से पार्टी को सीटों के मामले में लगातार समझौता करना पड़ा है। इससे पार्टी को नुकसान भी हुआ है। इनका मानना है कि पार्टी यदि स्वतंत्र होकर चुनाव लड़ते है तो नये लोगों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगी। पार्टी का संगठन मजबूत होगा और गठबंधन की मजबूरी खत्म होगी। इस स्थिति में पार्टी बिहार में सत्ता में आने लायक स्थिति में भी आ सकती है।

पूर्व भाजपा विधायक का विवादित बयान :

News Pratyaksh | Updated : Wed 19th Mar 2025, 01:17 pm
पूर्व भाजपा विधायक का विवादित बयान : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक रणधीर सिंह ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को बांग्लादेशी रोहिंग्या करार दिया है. विधानसभा परिसर में पूर्व विधायक ने कहा कि एनआरसी लागू होते ही डॉ. इरफान अंसारी को वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा.उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बांग्लादेश में अकूत संपत्ति अर्जित की है, जिसका खुलासा समय आने पर होगा. डॉ. इरफान अंसारी के पिता खुद कहते हैं कि उनके पूर्वज यादव थे, यानी ये लोग धर्मांतरित मुसलमान हैं और मेरा आरोप है कि ये बांग्लादेशी हैं.रणधीर सिंह ने आरोप लगाया कि इस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बांग्लादेशी हैं. उन्होंने कहा कि जब भी कोई हिंदू त्योहार आता है, तो एक खास समुदाय के लोग कानून व्यवस्था क्यों बिगाड़ते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी हिंदू दूसरों के त्योहारों में कोई व्यवधान नहीं डालता. फिर हमारे साथ ऐसा क्यों होता है.पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अपना चेहरा चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा के नाम पर पैसे वसूले जाएंगे, लेकिन बीमा कंपनियों की सूची से बड़े और प्रतिष्ठित अस्पतालों के नाम गायब हैं. यह सब बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है.पूर्व विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है, इसलिए आरबीआई से कर्ज ले रही है. उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना की 57 लाख महिला लाभार्थियों का वोट लेकर सरकार बनाने के बाद 20 लाख महिलाओं के नाम काट दिए गए, यह धोखाधड़ी है.

हजारीबाग को क्यों हासिल है मिनी अयोध्या का दर्जा :

News Pratyaksh | Updated : Wed 19th Mar 2025, 12:42 pm
हजारीबाग को क्यों हासिल है मिनी अयोध्या का दर्जा : वैसे तो रामनवमी देश में एक साथ मनाई जाती है लेकिन हजारीबाग की रामनवमी का आगाज एक महीने पहले से शुरू हो जाता है. इसकी समृद्धता और भव्यता के कारण इस रामनवमी को इंटरनेशनल रामनवमी के भी नाम से जाना जाता है. होली के बाद से ही रामनवमी रंग में रंगने लगा है. हजारीबाग रामनवमी का इतिहास 100 सालों से अधिक पुराना है. होली के बाद आने वाले पहले मंगलवार को मंगला जुलूस निकालने की परंपरा रही है.मंगल को जन्मे, मंगल ही करते, मंगलमय हनुमान इसी मंगल कामना के साथ हजारीबाग शहर समेत जिलेभर में मंगलवार की देर शाम रामनवमी का पहला मंगला जुलूस गाजेबाजे के साथ निकाला गया. मंगला जुलूस के साथ ही हजारीबाग में रामनवमी महापर्व का आगाज भी हो गया. लगभग 1 दर्जन से अधिक विभिन्न अखाड़ों का जुलूस सड़कों पर निकला, जो अलग अलग मार्गो से होते हुए महावीर स्थान पर पहुंचा. जिसके बाद मंदिरों में पूजा अर्चना की गई. इस दौरान राम भक्तों का जन सैलाब सड़कों पर देखने को मिला. शक्ति प्रदर्शन करते हुए राम भक्त नाचते गाते सड़कों पर दिखे, इस दौरान जुलूस के दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे.स्थानीय युवा रुद्र राज बताते हैं कि होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार से ही मंगला जुलूस निकालने की परंपरा रही है. साल 1955 से मंगला जुलूस हजारीबाग में निकाला जाता रहा है. रामनवमी तक प्रत्येक मंगलवार को विभिन्न अखाड़े पूरे उत्साह के साथ मंगला जुलूस निकालते हैं. सिर्फ शहरी नहीं हजारीबाग जिले के ग्रामीण इलाकों में भी मंगलवार को मंगला जुलूस निकालने कि परंपरा रही है.मंगला जुलूस की भव्यता देखने लायक होती है. शहर के दर्जनों अखाड़े और हजारों राम भक्त सड़कों पर राम उत्सव की तैयारी मनाने के लिए निकलते हैं. अखाड़े के विशाल वाल्मीकि भी कहते हैं कि हजारीबाग की एक पहचान इसके रामनवमी से है. नई पीढ़ी के लोग भी इसे जुड़ रहे हैं. उन्होंने लोगों से भी अपील की थी रामनवमी में राम भक्तों को नशा मुक्ति रामनवमी मानना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है रामनवमी जुलूस को राजकीय महोत्सव का भी दर्जा दिया जाए, रामनवमी के दिन राम भक्तों पर पुष्प वर्षा भी की जाती है.हजारीबाग की रामनवमी आस्था, परंपरा और भव्यता का प्रतीक है. मंगला जुलूस के साथ इसकी शुरुआत होती है, जो भक्तों के उत्साह को बढ़ाता है. यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है, बल्कि सामाजिक एकता का भी संदेश देता है. जैसे-जैसे रामनवमी निकट आता है, भक्ति और उल्लास चरम पर पहुंच जाता है.

PM सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना महोत्सव में 80 से ज्यादा सजाए गए स्टॉल :

News Pratyaksh | Updated : Wed 19th Mar 2025, 11:07 am
 जिले में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना महोत्सव की शुरूआत हुई. 2 दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन उद्योग श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री संजय प्रसाद यादव ने की. इस महोत्सव में 12 जिलों के लगभग 80 स्टॉल लगाए गए हैं. ये वैसे स्टॉल है, जिन्होंने योजना का लाभ लिया और खुद का व्यवसाय शुरू करके स्वावलंबी की एक नई कहानी लिखी है. कई स्टॉल ऐसे भी है जिसमें महिलाएं समूह लोन लेकर उत्पाद बना रही हैं.झारखंड सरकार में मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि यह योजना आम लोगों के लिए बेहद लाभदायक है. जिसके जरिए लाभार्थी अपना उत्पाद बाजार में बेच रहे हैं और आत्मनिर्भर हो रहे हैं. इसमें समूह में लोन लेने के लिए 1 करोड़ रुपए से लेकर 3 करोड़ रुपए तक का प्रावधान है. वहीं निजी स्तर पर 10 लाख रुपए का लोन ले सकते हैं. जिसमें सब्सिडी का भी प्रावधान है. अपने उत्पाद को बेहतर पैकेजिंग करके मार्केट में लाभार्थी बेच रहे हैं. कई ऐसे स्टॉल हैं, जो आज के समय में लाखों रुपए का व्यवसाय कर रहे हैं. जिससे वह आर्थिक रूप से संपन्न हो रहे हैं.श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने इस दौरान सभी स्टॉल का निरीक्षण किया और उद्यमियों से चर्चा भी की. उन्हें बताया कि इस योजना का लाभ कैसे उठाएं? केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी वैसे लोग जो फूड प्रोसेसिंग में काम करना चाहते हैं उन्हें बेहतर मौका दे रही है. इस दौरान इन्होंने एक दुकान से रागी और ज्वार का आटा भी लिया. उद्यमी ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना मिल का पत्थर साबित हो रही है.हजारीबाग उपयुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि उद्यमियों को एक अच्छा मौका मिला है. इस महोत्सव में वह अन्य लोगों से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. अपना उत्पाद बनाना और बेहतर पैकेजिंग करके बाजार में उतारना यह तमाम बिंदुओं की जानकारी एक परिसर में लोगों को दी जाती है.दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना की है. उनकी इस सोच को झारखंड के कई उद्यमी जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है वह धरातल पर उतर रही है. जिससे सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि उनके साथ जुड़े हुए कई लोग रोजगार से जुड़ रहे हैं.

स्कूलों में सुविधा के नाम पर मजाक, 6 माह भी नहीं टिक पाई बेंच डेस्क

News Pratyaksh | Updated : Wed 19th Mar 2025, 10:55 am
स्कूलों में सुविधा के नाम पर मजाक, 6 माह भी नहीं टिक पाई बेंच डेस्क :जिले के स्कूलों में सुविधा बहाल करने के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. परंतु इसका लाभ स्कूल के बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. बच्चों को बैठने के लिए स्कूलों में कुछ दिन पूर्व डीएमएफटी मद से बेंच डेस्क की आपूर्ति कराई गई थी. आरोप है कि 6 माह के अंदर ही अधिकांश बेंच डेस्क टूट कर कबाड़ बन गई हैं. लातेहार जिला परिषद सदस्यों ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.दरअसल लातेहार जिले के सरकारी स्कूलों को सुविधा संपन्न बनाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाकर स्कूलों में सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिले के विभिन्न स्कूलों में उपलब्ध कराई गईं बेंच डेस्क की गुणवत्ता भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए उदाहरण मात्र है.इधर स्कूलों में खराब गुणवत्ता वाली बेंच डेस्क की आपूर्ति किए जाने से स्कूल के शिक्षक भी परेशान हैं. शिक्षकों का कहना है कि इसकी आपूर्ति सीधे जिला से हुई है, इस कारण वे लोग इस पर कुछ बोल भी नहीं सकते थे. शिक्षकों ने बताया कि जिस दिन बेंच स्कूल में आई थीं उस दिन भी कई डेस्क हिल रहे थे. पूछने पर आपूर्तिकर्ता के द्वारा साफ कहा गया कि जाकर जिला में पता कीजिए. इसी कारण शिक्षक कुछ बोल नहीं पाए.इधर इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा है कि यदि ऐसी बात है तो मामले की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी.