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झारखंड स्टेट आरोग्य समिति के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा, आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 78 हॉस्पिटल सूची से हटाए गए, 250 को शो-कॉज, 89 ने भरा जुर्माना!

News Pratyaksh | Updated : Thu 05th Oct 2023, 05:05 pm
झारखंड स्टेट आरोग्य समिति के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा, आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 78 हॉस्पिटल सूची से हटाए गए, 250 को शो-कॉज, 89 ने भरा जुर्माना! झारखंड में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 400 से भी ज्यादा हॉस्पिटलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है. 78 हॉस्पिटलों को गड़बड़ी करने के आरोप में डि-इम्पैनल्ड किया गया है. 89 हॉस्पिटलों से करीब एक करोड़ रुपए जुर्माना वसूला गया है, जबकि 250 से भी ज्यादा हॉस्पिटलों को शो-कॉज किया गया है. एक हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.झारखंड स्टेट आरोग्य समिति के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा है कि गड़बड़ियों की जांच लगातार जारी है. जिन हॉस्पिटल्स को चिन्हित किया गया है, अगर उनके प्रबंधन की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं आया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. खास बात यह है कि दो महीने पहले लोकसभा में पेश सीएजी की रिपोर्ट में भी झारखंड के हॉस्पिटलों द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया था. रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि झारखंड के प्राइवेट हॉस्पिटलों ने 250 ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर पैसा उठाया, जिनकी पहले ही मौत हो चुकी थी.राज्य के 47 हॉस्पिटल्स ने एक-एक दिन में अपनी कुल बेड क्षमता की तुलना से ज्यादा मरीजों के इलाज के नाम पर योजना का लाभ लिया. सावित्री देवी मेमोरियल ट्रस्ट हॉस्पिटल की कुल बेड क्षमता 30 है. इसने एक दिन में योजना के तहत 103 मरीजों के इलाज का दावा किया. इसी तरह किडनी केयर सेंटर में मात्र 12 बेड हैं, लेकिन इसने 55 मरीजों के इलाज का दावा किया. रांची के इरबा स्थित क्यूरी अब्दुर्रज्जाक अंसारी कैंसर इंस्टीट्यूट ने 100 बेड की क्षमता रखते हुए 112 मरीजों का इलाज दिखाया. #newspratyaksh #Jharkhand #AyushmanBharat  

केंद्र सरकार की ओर से देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए नारी शक्ति वंदन कानून!

News Pratyaksh | Updated : Thu 05th Oct 2023, 05:03 pm
केंद्र सरकार की ओर से देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए नारी शक्ति वंदन कानून ला चुकी है. वहीं अब झारखंड के सरायकेला जिला पुलिस की ओर से महिला सुरक्षा के प्रति सजगता को लेकर नई पहल की शुरुआत की गई है. पुलिस अधीक्षक डॉ. विमल कुमार के निर्देश पर अब महिलाओं को सुरक्षित रखने और रोडसाइड रोमियो और मनचलों पर नकेल कसने के उद्देश्य से महिला शक्ति पेट्रोलिंग की शुरुआत की गई है.सड़कों पर महिलाओं को सुरक्षित करने के उद्देश्य से राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सरायकेला एसपी डॉ. विमल कुमार ने सरायकेला जिले के शहरी थाना क्षेत्र में 'महिला शक्ति पेट्रोलियम' की शुरुआत की है. बुधवार को आदित्यपुर थाना परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एसपी ने महिला शक्ति पेट्रोलिंग पार्टी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.इस मौके पर एसपी डॉ. विमल कुमार ने बताया कि शुरुआती दौर में जिले के महत्वपूर्ण थाना क्षेत्र जैसे आदित्यपुर, गम्हरिया, कांड्रा और आरआईटी थाना क्षेत्र में महिला शक्ति पेट्रोलिंग काम करेग. इस पेट्रोलिंग पार्टी में आठ महिला पुलिसकर्मी समेत महिला पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद रहेंगी. प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक यह पेट्रोलिंग पार्टी कार्यरत रहेगी. महिला शक्ति पेट्रोलिंग पार्टी से संपर्क को लेकर जिला पुलिस की ओर से हेल्पलाइन नंबर- 9798302490 भी जारी किया गया है.महिला से छेड़खानी जैसे अपराध को रोकने के उद्देश्य से शुरू किए गए महिला शक्ति पेट्रोलिंग प्रमुख रूप से सड़कों समेत स्कूल और कॉलेज के आस-पास विशेष तौर पर निगरानी रखेगी. इसके अलावा महिला संस्थानों के आसपास महिलाओं के आने और जाने के वक्त टीम सक्रिय रहकर काम करेगी. एसपी ने बताया कि फिलहाल रात्रि 8 बजे तक महिला पेट्रोलिंग पार्टी कार्यरत रहेगी. आगे महिला पुलिस बल प्राप्त होने के बाद इसे रात्रि में भी विस्तार किया जाएगा. #newspratyaksh #NariShaktiVandan

IAS-IPS अधिकारियों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इस लिए 3 माह का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसमें अधिकारी इन भाषाओं को सीखेंगे. फिर परीक्षा भी देनी होगी !

News Pratyaksh | Updated : Tue 03rd Oct 2023, 06:57 pm
IAS-IPS अधिकारियों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इस लिए 3 माह का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसमें अधिकारी इन भाषाओं को सीखेंगे. फिर परीक्षा भी देनी होगी : इसी साल 21 अप्रैल को रांची में जब सिविल सर्विस डे मनाया जा रहा था, तब एक कार्यक्रम के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने हॉल में मौजूद अफसरों से पूछ लिया कि यहां मौजूद सभी आईएएस व आईपीएस है में से कितनों को कुरुख, संथाली हो आदि स्थानीय भाषा आती है. सीएम के इस सवाल पर हॉल में सन्नाटा पसर गया. क्योंकि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ऐसी कोई भाषा नहीं जानता था, जिसको देख हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को स्थानीय भाषा न जानने के लिए फटकार भी लगाई.इसी को देखते हुए अब झारखंड सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में कार्यरत सभी आईएएस व आईपीएस अफसरों को जनजातीय भाषा सीखना अनिवार्य होगा. इसके लिए 3 महीने का ऑनलाइन कोर्स होगा, जिसके माध्यम से अधिकारी कुरुख, मुंडारी, खड़िया, हो, संथाली और भूमिज भाषा के साथ जनजातीय समाज की संस्कृति और इतिहास को भी जान सकेंगे, ताकि गांव के आदिवासी या आम जनों के साथ अधिकारी उन्हीं की भाषा में बात कर पाएं.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग ने यह योजना बनाई है. जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) को पाठ्यक्रम बनाने को भी कहा गया है. कल्याण विभाग के अधिकारी मुकेश कुमार के मुताबिक 3 महीने का पाठ्यक्रम सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य होगा और इसके बाद एक ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी. परीक्षा में पास होने के बाद अधिकारी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा. वहीं फेल होने पर दोबारा परीक्षा देने का प्रावधान होगा.आगे बताया कि रांची विश्वविद्यालय के जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में इस विषय पर जल्द ही कार्यशाला आयोजित की जाएगी. इसमें पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा. वहीं, राज्य स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को यह पाठ्यक्रम आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा. #newspratyaksh #Jharkhand #cmhemantsoren