Bihar


मुजपफरपुर में फिर एक डेंगू मरीज की मौत हो गई. पिछले कुछ दिनों में मृतकों की संख्या दो हो गई!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:17 pm
मुजपफरपुर में फिर एक डेंगू मरीज की मौत हो गई. पिछले कुछ दिनों में मृतकों की संख्या दो हो गई: जिले में पांच-छह नए मरीज प्रतिदिन मिल रहे हैं. जबकि अब तो मौत भी होने लगी है.मुजफ्फरपुर में रविवार को डेंगू से पीड़ित एक और मरीज की मौत हो गई. मृतक डेंगू मरीज बैरिया शांति विहार कालोनी निवासी 43 वर्षीय एसएन चौधरी है,जो नागालैंड के दीमापुर में रहते थे और नागालैंड में ही बीमार पड़ गए थे. जहां से आने के बाद 15 सितंबर को उन्हें शहर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी तो पटना रेफर कर दिया गया और पटना में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.ब्रह्मपुरा के निजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को डेंगू मरीज की मौत होने की रिपोर्ट भेज है. सिविल सर्जन डॉ उमेशचंद्र शर्मा ने इसकी पुष्टि की है. बताया कि डेंगू से यह दूसरी मौत हुई है. इससे पहले सरैया के रहने वाले महताब आलम की मौत हुई थी. वह भी नागालैंड के दीमापुर से ही बीमार होकर लौटा था. इधर जांच के दौरान पांच और नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं एक मरीज में डेंगू और चिकनगुनिया दोनों के लक्षण पाये गये. अबतक जिले में 91 मरीज है और इन सभी का इलाज चल रहा है. प्रशासन के अनुसार बता दें कि 91 को मरीजों में से मात्र 27 मरीज ऐसा है जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. इसके अलावा कई ऐसे मरीज हैं,जो अपने काम से पटना गये थे. वहां से आने के बाद बुखार लगा और उसमें डेंगू की पुष्टि हुई. उन्होंने ने कहा कि मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री से पता चल रहा है कि वे जहां काम कर रहे थे,वहीं उन्हें डेंगू हुआ है और वैसे मरीज है जिनको घर पर ही रख कर ईलाज कराने की नौबत है वैसे मरीज को चिकित्सक के निगरानी में घर पर रख कर ईलाज कराया जा रहा है. इसके बावजूद उनके घर के आसपास जल जमाव वाले इलाके में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है,जिससे अगल बगल में बीमारी फैले नहीं #newspratyaksh #Bihar #Muzaffarpur #dengue  

बिहार के विभिन्न जिलों में बीते दो दिनों यानी रविवार और सोमवार को वज्रपात से 10 लोगों की मौत हो चुकी !

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:15 pm
बिहार के विभिन्न जिलों में बीते दो दिनों यानी रविवार और सोमवार को वज्रपात से 10 लोगों की मौत हो चुकी : इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं.आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बीते दो दिनों में वज्रपात की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत हो गई है. इसमें गया में 2, जमुई, औरंगाबाद, बक्सर, कटिहार, नालंदा, लखीसराय, भागलपुर और बांका में एक-एक व्यक्ति शामिल है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने अविलंब मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें. खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें. खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें.बता दें कि राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में बीते शुक्रवार से मानसून पूरी तरह से सक्रिय है. बिहार में पिछले 21 सितंबर से बारिश हो रही है. जहां एक ओर इस बारिश से कई किसानों को फायदा भी हुआ है. वहीं दूसरी ओर इस वज्रपात में 10 लोगों की मौत भी हुई है. हालांकि बारिश के वजह से मौसम का मिजाज ठंडा बना हुआ है. #newspratyaksh #Bihar #thundering  

बिहार में हुए दलित महिला के साथ दुर्व्यवहार कांड की क्या है सच्चाई ?

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:13 pm
बिहार: पूछताछ में दलित महिला के मुंह पर पेशाब किए जाने की पुष्टि नहीं नहीं हो सकी, पुलिस ने कहा पटना जिले में खुसरूपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में एक साहूकार और उसके सहयोगियों द्वारा एक दलित महिला को निर्वस्त्र कर पीटने और उसके मुंह पर पेशाब करने का मामला सामने आने के बाद सोमवार को पुलिस ने कहा कि जांच में पीड़ित महिला के मुंह पर पेशाब किए जाने के आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सैयद इमरान मसूद ने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘महिला द्वारा आरोप लगाया गया है कि उन्हें निर्वस्त्र पीटा गया और उनके मुंह पर पेशाब किया गया। इस मामले की जांच फतुहा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) से कराई गई।’’ मसूद ने कहा, ‘‘जांच में पाया गया है कि 23 सितंबर की रात्रि 11:39 बजे पीड़िता द्वारा 112 नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज कराई गई थी। 112 की टीम घटनास्थल पहुंची थी और पीड़ित महिला और आसपास के लोगों से बातचीत की थी। महिला को टीम इलाज के लिए अस्पताल ले गई।’’ #newspratyaksh #Bihar  

ऐसे तो बिहार में शराबबंदी है नहीं। इसके नाम पर गरीबों की हत्या हो रही है - जीतन राम मांझी

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:11 pm
बिहार के मुजफ्फरपुर में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत और दो लोगों के आंख की रोशनी जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है।गया में पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुजफ्फरपुर की घटना के विषय में पूछे गए सवाल पर मांझी ने कहा कि ऐसे तो बिहार में शराबबंदी है नहीं। इसके नाम पर गरीबों की हत्या हो रही है, गरीबों को जेल भेजा जा रहा है।उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार अपने अहंकार में हैं। इन्हें समझ ही नहीं आता है कि क्या करें। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने कहा कि जब हमलोग इनके साथ थे तब भी मैंने खुद इन्हें कहा था कि आपकी शराब नीति गलत है।उन्होंने कहा कि मैंने गुजरात की तरह शराब नीति बनाने की वकालत की थी। इससे राज्य को आर्थिक लाभ भी होता और गरीब जो जहरीली शराब पीने से मर जा रहे हैं, वे भी नहीं मरेंगे।उन्होंने आगे कहा कि लोग चोरी छिपे जल्दबाजी में शराब बनाते हैं और नशा के लिए कई तरह की चीजें अधिक मात्रा में डाल देते है, जिससे शराब जहरीली हो जाती है और यही गरीब पीकर मरते हैं। बड़े लोग तो महंगी शराब पीते हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी लागू है और लोगों की शराब पीने से मौत भी होती रहती है। #newspratyaksh #Bihar #sarabbandi #JitanRamManjhi  

एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:07 pm
एसकेएमसीएच के एनआईसीयू में एक बच्चे को डॉक्टर ने दो बार दिया डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट : एसकेएमसीएच में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। एनआईसीयू में भर्ती एक नवजात की मौत के बाद दो अलग-अलग डॉक्टरों ने उसे दो बार अलग-अलग समय पर मृत घोषित किया है। मामला संज्ञान में आने के बाद एसकेएमसीएच में हड़कंप मचा हुआ है। मधुबनी जिला के सहारघाट गांव निवासी श्रीनारायण राउत ने चार दिन के नवजात को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया था। गंभीर हालत होने की वजह से चिकित्सकों ने उस नवजात शिशु को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज शुरू कर दिया। रविवार की शाम 6:45 बजे एनआईसीयू के डॉ. विनय सागर ने इलाजरत उस बच्चे को मृत घोषित कर डेथ सर्टिफाइड करते हुए परिजनों को डेथ सर्टिफाइड रिपोर्ट दे दी। परिजन डेड बॉडी ले जाने के लिए शव वाहन की सुविधा लेने कंट्रोल रूम चले गये। परिजनों का कहना है कि वेलोग जैसे ही डेड बॉडी लाने वार्ड में पहुंचे तो बच्चे की सांस चलती हुई प्रतीत हो रही थी। परिजनों ने तुरंत इस बात की जानकारी नर्सिंग स्टाफ को दी। इसके बाद डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ में हड़कंप मच गया। बच्चे को एनआईसीयू में दोबारा भर्ती किया गया। चार घंटे तक इलाज चला और फिर 10:50 में डॉक्टर ने फिर बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉ. विनिता ने डेथ सर्टिफाइड की।मृतक बच्चे के पिता श्रीनारायण राउत का कहना है कि जब चिकित्सकों ने पहली बार उसके बेटा को मृत घोषित किया तो वह वेंटिलेटर पर था। डॉक्टर मृत घोषित करते वक्त वेंटिलेटर से हटाकर परिजन को बच्चा सौंप दिया था। वह शव वाहन लाने कंट्रोल रूम चले गये थे। 50 मिनट बाद वह शव वाहन लेकर पहुंचे। डेड बॉडी के लिए एनआईसीयू लाने गये तो बच्चे की सांस चल रही थी। हल्ला करने पर चिकित्सकों ने फिर बच्चे को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। इस बीच 50 मिनट से अधिक समय तक उसका इलाज ठप रहा। अगर सही तरीके से जांच पड़ताल कर डॉक्टर बच्चे को डेथ सर्टिफाइड करते तो बच्चे की जान बच सकती थी।शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष सह अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि दो बार डेथ सर्टिफाइड बनाना गलत है। डॉक्टर से पूछताछ की जाएगी। डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वेंटिलेटर से हटने पर किसी -किसी केस में ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है। यह वैज्ञानिक तौर पर प्रूव्ड भी है। #newspratyaksh #SKMCH #DeathCertificate  

बिहार में बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी!

News Pratyaksh | Updated : Tue 26th Sep 2023, 05:05 pm
बिहार के अधिकांश इलाकों में पिछले एक सप्ताह में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी है। बारिश से पानी की कमी के कारण मर रही धान की फसलों में हरियाली छा गई है, जिससे किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट देखी जा रही है। धान किसानों का कहना है कि पिछले नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी धान की फसल पीले पड़ने लगे थे। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ एसके सिंह भी कहते हैं कि इस बारिश से धान की फसल को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे खेत में नमी भी लंबे समय तक बनी रहेगी, जिसका रबी के फसल में भी लाभ मिलने की संभावना है। आंकड़ों की बात करें तो राज्यभर में 938.6 एमएम बारिश की आवश्यकता थी, इसमें शनिवार शाम तक 671.4 एमएम ही वर्षा हुई है। पूर्णिया छोड़कर शेष अन्य प्रमंडल में राज्य औसत से कम बारिश हुई है। पटना प्रमंडल के सभी छह जिले पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास तथा कैमूर को मिलाकर 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है, इसमें भोजपुर में 46 तथा पटना में 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मगध प्रमंडल में 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है। #newspratyaksh #Bihar #kisan #weather