Crime


बिहार में व्यक्ति अपनी ‘‘हत्या’’ के 17 साल बाद जिंदा घर लौटा

News Pratyaksh | Updated : Thu 09th Jan 2025, 09:22 am
बिहार में रोहतास जिले के देवरिया गांव में उस व्यक्ति के बुधवार को घर लौट आने से हड़कंप मच गया जिसकी 17 साल पहले कथित ‘‘हत्या’’ के मामले में उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया था।पुलिस ने बताया कि उसके चार रिश्तेदारों को 2008 में अकोढ़ीगोला पुलिस थाने में दर्ज हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे दो साल जेल में रहे थे जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।अकोढ़ीगोला थानाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि 12 सितंबर 2008 की रात देवरिया गांव निवासी नथुनी पाल की हत्या कर शव को गायब करने का मामला थाने में दर्ज कराया गया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में देवरिया गांव के चार लोगों-रति पाल, विमलेश पाल, भगवान पाल और सत्येन्द्र पाल को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें दो साल बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था।उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई अभी जारी है।दरअसल, नथुनी 2008 में घर छोड़कर चला गया था और उसे उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थानीय लोगों द्वारा एक ‘‘संदिग्ध व्यक्ति’’ के बारे में पुलिस को सूचित किए जाने के बाद हिरासत में लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान झांसी पुलिस को पता चला कि उसका नाम बिहार पुलिस के रिकॉर्ड में है।हत्या मामले के एक आरोपी भगवान पाल ने कहा, ‘‘हमारे जीवन के वे बहुमूल्य वर्ष कौन लौटाएगा, जो हमने जेल में और अदालत के चक्कर लगाते हुए बिताए?’’उन्होंने बताया कि उचित सत्यापन के बाद उसे उसके पैतृक गांव वापस लाया गया।

ओमान में बिहार का युवक हुआ टॉर्चर

News Pratyaksh | Updated : Wed 08th Jan 2025, 05:41 am
नौकरी और मोटा पगार का सपना हर किसी का होता है, लेकिन होटल मैनेजमेंट किये लड़के को यह अरमान तब अभिशाप बन गया जब वह ओमान बड़े सपने के साथ गया. लेकिन एजेंट के चक्कर मे फंस गया. विदेश में फंसने का जब एहसास हुआ तो सपना चकनाचूर हो गया. वीजा भी उसका जब्त कर लिया. स्थानीय लोगों की मदद से अब वह वापस लौट आया है. एकलौते बेटे के घर वापसी से घर में खुशी लौटी है. भगवानपुर प्रखंड के दहिया के कारपेंटर बलवंत शर्मा के इकलौते पुत्र रौशन के घर वापस लौटने स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है. ऐसा बताया जा रह है कि संसद गिरिराज सिंह की पहल पर युवक स्वदेश लौट पाया है.रौशन ने बताया कि वह देहरादून प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में आया. कंपनी ने 80 हजार प्रतिमाह मिलने की बात कहकर ओमान भेजने की बात कही. पासपोर्ट बनवाया और उत्साह के साथ एक साल पहले 3 दिसम्बर 2023 को मुम्बई एयरपोर्ट से ओमान के मस्कट जाने के लिए पहुंचा. वहां फ्लाइट में जाने वक्त कंपनी ने कागज दिया, जिसमें 80 हजार की जगह 26 हजार का महीना ही लिखा था, लेकिन एयरपोर्ट से लौट नहीं सकता था. वह ओमान के मस्कट पहुंचा, जहां उसे पता चला कि कंपनी ने उसे भीएसफोर नामक कंपनी के हवाले किया है.उसकी ड्यूटी वहां फाइव स्टार मैरक्योर होटल में लगी. रौशन ने बताया कि 5 महीने के बाद उससे पासपोर्ट बैंक में एकाउंट खोलवाने के नाम पर कंपनी लिया और उसके बाद देने से इनकार कर दिया. समय के साथ उसे लगा कि यहां फंस चुके हैं. पासपोर्ट मांगने पर धमकी ही मिलती थी. अगस्त 2024 में वह उस कंपनी के चंगुल से भाग कर वहां कि भारतीय एम्बेसी से संपर्क किया. एम्बेसी कंपनी से बात कर फिर उसे उस कंपनी के पास भेजा लेकिन वहां उसे टॉर्चर किया गया तब वह उसी दिन छुपते छुपाते भाग निकला. रात कहीं कटी. अगले दिन एम्बेसी गया तो उसे गुरुद्वारा में रहने की व्यवस्था दिया गया. जहां भोजन फ्री में मिल जाता था

बेउर जेल अधीक्षक ने अवैध संपत्ति कैसे खपाई, माता-पिता को भी नहीं छोड़ा :

News Pratyaksh | Updated : Wed 08th Jan 2025, 05:30 am
राजधानी के आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर के अधीक्षक विधु कुमार ने अवैध कमाई से पटना, मोतिहारी, शिवहर, पूर्णिया और कटिहार में एक दर्जन से अधिक जमीनें खरीदीं हैं। इसमें एक दर्जन अचल संपत्ति मां शैलजा देवी और पिता गोपाल शरण सिंह के नाम पर खरीदी गई है।सिर्फ शिवहर की एक संपत्ति विधु कुमार ने अपने नाम पर खरीदी है। सबसे अधिक नौ अचल संपत्ति मां के नाम पर खरीदी गई है। आर्थिक अपराध इकाई ने जेल अधीक्षक पर की गई प्राथमिकी में पूरी संपत्ति का ब्योरा दिया है।पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, दानापुर के सगुना मोड़ के पास जमीन खरीदकर भव्य तीन मंजिला मकान भी बनाया गया है, जिसके निर्माण में करीब 60 लाख की लागत आने का अनुमान है। इस संपत्ति पर अप्रैल, 2021 से प्रोपर्टी टैक्स दिया जा रहा है।मोतिहारी में सबसे अधिक छह जगहें जमीन खरीदी गई हैं। इसके अलावा कटिहार में चार और शिवहर व पूर्णिया सदर में एक-एक अचल संपत्ति की खरीद की गई है।विधु कुमार ने अपनी काली कमाई को छिपाने में अपने स्वजनों का भी पूरा इस्तेमाल किया। मां-पिता के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी तो पत्नी को कंपनी का निदेशक बनाकर काले धन को सफेद किया। इतना ही नहीं, अपनी मां के नाम पर भी शेल कंपनी बनाई और इसके जरिए काले धन को सफेद करते रहे।जांच रिपोर्ट के अनुसार, आरची कुमारी विधु कुमार की दूसरी पत्नी हैं, जिसे उसने नीरज सिंह के साथ कलश आवास डेवलपर्स में पार्टनर निदेशक बनाया है। इसके अलावा रक्सौल के सीए कमल मसकारा के फर्म में नीतू सिंह को निदेशक बनाया है।नीतू और विधु के बैंक खाते में लेन-देन किए जाने की भी सूचना है। इसके अलावा विधु कुमार के माता-पिता, पत्नी के बैंक खातों की भी जांच की गई है, जिसमें नकद राशि पाई गई है। कई खाते ऐसे भी हैं, जिससे पैसे की निकासी न के बराबर हुई है।जेल में बंद कैदियों का शोषण कर पैसों की उगाही करते थे-विधु कुमार पर आरोप है कि ये जेल में बंद कैदियों का शोषण कर उनसे पैसों की उगाही करते थे।-विधु कुमार के सरकारी आवास से 54 लाख रुपये के सोना-चांदी के जेवर, बर्तन खरीद से संबंधित रसीद बरामद हुए -बेउर जेल के कैदियों से वसूली राशि के हिसाब-किताब वाला रजिस्टर, एक स्कॉर्पियो, एक पेन ड्राइव व एक मोबाइल बरामद किया गया।

रांची : बुंडू अंचल कार्यालय के बाहर कचरे में फेंके मिले वोटर आई कार्ड

News Pratyaksh | Updated : Tue 19th Nov 2024, 09:32 am
#newspratyaksh #JharkhandElection2024   प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' का सैकड़ों स्वीकृत आवेदन फॉर्म भी बोरे में भरकर फेंका गया* बुंडू अंचल कार्यालय के बाहर सैकड़ों मतदाताओं के पहचान पत्र (वोटर आई कार्ड) कचरे में फेंके मिले हैं। घटना सोमवार की है. जानकारी के मुताबिक ये मतदाता पहचान पत्र अनगड़ा प्रखंड के लोगों का है। ये प्रखंड सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वोटर आई कार्ड के अलावा 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' का सैकड़ों स्वीकृत आवेदन फॉर्म भी बोरे में भरकर कार्यालय से बाहर फेंक दिये गये हैं। इस संबंध में जब अंचल कार्यालय के कर्मियों जानकारी ली गयी, तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। हालांकि, बुंडू अंचल के एसडीएम किस्टो कुमार बेसरा ने कहा है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

आरपीएफ रांची ने शराब की बोतले टातीसिलवे स्टेशन से जब्त किया :

News Pratyaksh | Updated : Tue 19th Nov 2024, 09:29 am
#newspratyaksh #ranchi   रांची रेल मण्डल मे मण्डल सुरक्षा आयुक्त, पवन कुमार के निर्देश पर “ऑपरेशन सतर्क” के तहत लगातार अभियान चलाया जा रहा उसी क्रम मे दिनांक 17.11.2024 को रांची आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त अशोक कुमार सिंह के पर्यवेक्षण मे टातीसिलवे स्टेशन पर आरपीएफ पोस्ट रांची के अफसर स्टाफ ने गाड़ी संख्या 18624 मे एक व्यक्ति को भारी संदेहास्पद अवस्था मे उठते पाया। संदेह होने पर आरपीएफ ने उसे रोकर पूछताछ कि जिसपर उसने अपना नाम सौरव कुमार उम्र 25 वर्ष पता पिरापुर, जंदाहा, वैशाली(बिहार) बताया और बताया कि उसके पास रॉयल स्टेग कंपनी के 26 बोतले है जिसे उसने टातीसिलवे से खरीदा था और उसे ट्रेन के माध्यम से बिहार लेकर जा रहा था ताकि उसे उचे कीमतों मे बेच सके। बाद मे एएसआई रवि शेखर ने उन शराब कि बोतलों को जब्त कर दिनांक 18.11.2024 को आबकारी विभाग रांची को सौप दिया। जब्त शराब कि अनुमानित कीमत 9600 रुपए थी।