Jharkhand


धनबाद में खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज :

News Pratyaksh | Updated : Mon 31st Mar 2025, 09:44 am
धनबाद में खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने रविवार को धनबाद में बड़ी घोषणा की है. एक निजी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत करने कोयला नगरी पहुंचे इरफान अंसारी ने धनबाद को मेडिकल हब बनाने की बात कही है. साथ ही पीपीपी मोड एक और मेडिकल कॉलेज खोलने का एलान किया.स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने रविवार को धनबाद के सरायढेला में एक निजी अस्पताल का उद्घाटन किया. इस दौरान मंत्री के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा केक काटा गया और और मंत्री इरफान अंसारी को बधाई दी गई.कार्यक्रम के समापन के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि धनबाद को मेडिकल हब बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि धनबाद में 500 बेड का एक अतिरिक्त अस्पताल जल्द ही तैयार किया जाएगा. यह कदम स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने और लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए उठाया जा रहा है.मंत्री इरफान अंसारी ने बताया कि राज्य सरकार प्रथम चरण में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण करने जा रही है. इसके लिए पीपीपी मोड पर सरकार मेडिकल कॉलेज खोलने का अवसर प्रदान कर रही है. इच्छुक लोगों से अपील की गई है कि वे आगे आएं, क्योंकि सरकार उन्हें पूरा सेटअप तैयार करके देगी.वहीं मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था को कारगर बनाने के लिए राज्य में 300 नई एम्बुलेंस उतारी जाएगी. इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों के लिए 300 बाइक एम्बुलेंस उतारने की भी योजना बनाई गई है. यह कदम दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरा साबित होगा.

पुरुष प्रधान क्षेत्र में इस महिला का है दबदबा:

News Pratyaksh | Updated : Mon 31st Mar 2025, 09:43 am
पुरुष प्रधान क्षेत्र में इस महिला का है दबदबा: हमसे ना पूछो मंजिल मेरी, अभी तो सफर शुरू हुआ है, पूरी कायनात अभी बाकी है...किसी शायर की लिखी ये चंद पंक्तियां कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड की सोनी देवी पर पूरी तरह से फीट बैठती है. जो पुरुषों के दबदबे वाले क्षेत्र में कदम रखकर लखपति दीदी की श्रेणी में आ खड़ी हुई हैं.जिला के मरकच्चो की रहने वाली महिला सखी मंडल से जुड़कर मोटर पार्ट्स की दुकान चलाकर न सिर्फ पैसे कमा रही है बल्कि बच्चों को बेहतर शिक्षा भी दे रही है. लाखों की आमदनी कर आज कोडरमा की सोनी देवी लखपति दीदी के नाम से जानी जाती हैं. उन्होंने प्रदेश की दूसरी महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की एक मिशाल कायम की है. सोनी देवी ने सखी मंडल से जुड़कर न सिर्फ लोन लिया, बल्कि रोजगार की बारिकी भी सीखी. आज मरकच्चों में मोटर पार्टस की दुकान संचालित कर सोनी लाखों की आमदनी कर रही हैं.जेएसएलपीएस के सहयोग से सोनी 'राधा आजीविका सखी मंडल से जुड़ी और वहीं से उसे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा मिली. मोटर पार्टस की दुकान में आम तौर पर भारी-भारी पार्टस होते हैं, जिसे उठाने और रखने में कठिनाई होती है. इसके अलावा पार्टस के अलग-अलग ब्रांड के अलग-अलग हिस्से को अलग-अलग रखना और ग्राहकों की डिमांड के अनुसार उसे देने के लिए व्हीकल इंजीनियरिंग से जुड़ी जानकारी जरूरी है. ऐसे में सोनी बखूबी अपने काम को लगन से कर रही हैं.सोनी देवी के पति प्रकाश कुमार गुप्ता मोटर साइकिल सर्विसिंग की दुकान चलाते थे, लेकिन उनकी आर्थिक तंगी दूर नहीं हो रही थी. बहरहाल सोनी देवी ने मोटर पार्ट्स की दुकान इसलिए खोली ताकि पति के सर्विसिंग गैरेज को सहयोग मिल सके और परिवार की आर्थिक आमदनी में इजाफा हो. सोनी के पति प्रकाश ने बताया कि पत्नी के द्वारा मोटर पार्टस की दुकान खोलने के बाद उनके यहां सर्विसिंग के लिए गाड़ियों की तादाद भी बढ़ गई है और एक अलग दुकान खुलने से आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे बच्चोें की पढ़ाई लिखाई भी अच्छे स्कूल में हो पा रही है.आमतौर पर महिलाएं रोजगार के लिए कोई आसान सा साधन खोजती है, लेकिन सोनी मोटर पार्ट्स की दुकान खोलकर लाखों की आमदनी कर रही है और लखपति दीदी बनने का गौरव हासिल किया है. जिससे आस पड़ोस के लोग भी सोनी की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं. सोनी के पड़ोसी और वार्ड सदस्य भीष्म साहू ने बताया कि संघर्ष और मेहनत से सोनी देवी ने आज ये मुकाम हासिल की है, जो दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत है.मोटर पार्ट्स की दुकान में सोनी देवी पंखा, मोटर समेत कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी बिक्री करती है. सखी मंडल से जुड़कर न सिर्फ मदद मिली बल्कि रोजगार के गुर भी सीखने को मिले.

सिरमटोली सरना स्थल से रैंप हटाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन :

News Pratyaksh | Updated : Mon 31st Mar 2025, 09:41 am
सिरमटोली सरना स्थल से रैंप हटाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन : सरहुल की शोभायात्रा को लेकर सिरम टोली स्थित सरना स्थल के पास फ्लाई ओवर के रैंप को हटाने से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अलग-अलग आदिवासी संगठनों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. 30 मार्च को सिरम टोली के पास विधि व्यवस्था बाधित करने की कोशिश हुई है.सिरमटोली बचाओ मोर्चा के बैनर तले सरना धर्मावलंबियों का जत्था पुलिस से उलझ गया. वहां पर पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी गई. रैंप को भी क्षति पहुंचने की कोशिश की गई. आंदोलन का नेतृत्व पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव कर रही थी. इस मार्च में प्रेम शाही मुंडा समेत कई आदिवासी नेता शामिल थे. गीताश्री उरांव ने कहा कि सरकार इस समस्या का समाधान नहीं करना चाह रही है.इसमें खास बात यह है कि इस दौरान पुलिस ने संयम का परिचय दिया. रांची के एसडीएम उत्कर्ष कुमार ने आंदोलनकारी को समझने की पूरी कोशिश की. लेकिन आंदोलनकारी इस मांग पर अड़े हैं कि सरना स्थल के पास से पूरे रैंप को हटाया जाए. फिलहाल सिरम टोली सरना स्थल के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.दरअसल, 1 अप्रैल को आदिवासियों के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक सरहुल की शोभायात्रा निकलेगी. इसमें अलग-अलग अखाड़ा से आदिवासी समाज के लोग शोभायात्रा निकालते हैं, जो सिरम टोली स्थित सरना स्थल स्थल पर जाकर संपन्न होती है. लेकिन फ्लाई ओवर का रैंप बनने की वजह से सिरम टोली सरना स्थल के में गेट के पास का एरिया थोड़ा संकुचित हो गया है. हालांकि प्रशासन के प्रयासों से रैंप के गेट को थोड़ा छोटा भी किया है ताकि सरहुल की शोभा यात्रा पर किसी तरह का असर न पड़े.फिलहाल पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि 1 अप्रैल को शोभा यात्रा की प्रक्रिया को शांतिपूर्वक संपन्न कराया जाए. आपको बता दें कि रैंप हटाने की मांग को लेकर पिछले दिनों रांची बंद का भी आह्वान किया गया था, जिसका व्यापक असर दिखा गया था. हालांकि एक पक्ष का यह भी कहना है कि जानबूझकर मामले को तूल दिया जा रहा है.

रांची जूता दुकानदार की हत्या के विरोध में आक्रोशितों ने टायर जलाकर सड़क जाम की, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को कराया बंद

News Pratyaksh | Updated : Fri 28th Mar 2025, 12:00 pm
रवि स्टील के पास जूता दुकानदार की निर्मम हत्या स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। हत्या के विरोध में गुस्साये लोग शुक्रवार को सड़क पर बांस-बली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और बीच सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।इतना ही नहीं लोगों ने पंडरा से लेकर रातू तक सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करा दिया है। आक्रोशित लोग घटना में शामिल अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची है और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश कर रही है। फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

माननीयों की नजर में कैसा रहा बजट सत्र :

News Pratyaksh | Updated : Fri 28th Mar 2025, 11:35 am
माननीयों की नजर में कैसा रहा बजट सत्र : षष्ठम झारखंड विधानसभा के प्रथम बजट सत्र के समापन पर सत्ता और विपक्षी दलों के विधायकों और मंत्रियों ने अपनी अपनी बात मीडिया के सामने रखी. सत्ताधारी और उसकी सहयोगी दलों के विधायकों ने 20 कार्य दिवस वाले बजट सत्र को बेहद उपयोगी और जनहित के लिए महत्वपूर्ण करार दिया. वहीं विपक्षी दलों के विधायकों ने बजट सत्र को पूरी तरह फेल करार देते हुए कहा कि बजट सत्र के दौरान गांव, किसान और आम जन के हितों की बात नहीं हुई.बजट सत्र के समापन पर गढ़वा से बीजेपी विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि सरकार जवाब देने से पूरे सत्र में बचती दिखी. हम बात 2014 में गढ़वा में हेमन्त सोरेन द्वारा शिलान्यास किये गए पावर प्लांट के शिलान्यास का किया तो उल्टे हमसे पूछा जाने लगा कि स्मार्ट सिटी का क्या हुआ? क्या यही करने के लिए सदन में आये हैं. उन्होंने कहा कि बजट सत्र 100% फेल रहा. गांव, किसान और जनहित की बात नहीं हुई है, सदस्यों के सवाल पर मंत्री हंसते हुए नजर आए. बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि जब सदन की कार्यवाही चलती है तो बेलगाम अफसर पर नकेल कसता है, मंत्रियों के वक्तव्य का पालन होना चाहिए.विधानसभा में सरकार की सहयोगी पार्टी सीपीआई माले के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि बजट सत्र बेहद उपयोगी रहा है. जनता और जनहित के मुद्दे पर सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब मिला है. आश्वासन समिति के अध्यक्ष होने के नाते अब उनका भी फर्ज बनता है कि सदन में दिए गए आश्वासन पर काम होना चाहिए.बजट सत्र के समापन पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने कहा कि मंईयां सम्मान के अलावा कोई बात नहीं हुई है. हर सवाल और मुद्दे पर केंद्र की सरकार पर ठीकरा फोड़ते सरकार नजर आई. सरकार की कथनी और करनी में फर्क उजागर हुआ और उसकी कार्यशैली फीकी रही.बजट सत्र को बेहद उपयोगी बताते हुए मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि विपक्ष की ओर से भी पहले की तरह बार बार वॉकआउट नहीं करने से प्रायः सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चली और जनहित के बहुत से कामों पर चर्चा हुई.मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि सत्र जनता के लिए बेहद उपयोगी रहा और इस दौरान विपक्ष पूरी तरह से हतोत्साहित रहा. मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि विपक्ष का आत्मबल टूटा हुआ है. इसलिए मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान भी वह सदन से नदारद दिखे. मंत्री ने कहा कि विपक्ष समझ चुका है कि 2039 तक वह सत्ता में नहीं आने वाले है. उन्होंने कहा कि परिसीमन पर नीतिगत फैसला होगा.

थैलेसीमिया क्या है, कैसे प्रभावित होते हैं छोटे बच्चे और क्या है इसका इलाज :

News Pratyaksh | Updated : Fri 28th Mar 2025, 11:33 am
थैलेसीमिया क्या है, कैसे प्रभावित होते हैं छोटे बच्चे और क्या है इसका इलाज : थैलेसीमिया एक बेहद घातक बीमारी है. इस बीमारी के कारण कई ऐसे बच्चे हैं जिनका बचपन कहीं गुम हो जाता है. खून की कमी के कारण बच्चों की जान तक चली जाती है. बच्चे और उनके माता-पिता के लिए एक मात्र उपाय है कि हर 15 दिन में रक्त चढ़ाया जाए. बल्ड मिलना भी बहुत बड़ी चुनौती होती है. हजारीबाग जिले को थैलेसीमिया मुक्त करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें 1000 से अधिक बच्चे और उनके माता-पिता ने हिस्सा लिया.शिविर में थैलेसीमिया संक्रमित बच्चे और उनके भाई-बहन का HLA सैंपल लिया गया. सैंपल मैच कराया जाएगा. जब शत प्रतिशत बोन मैरो मैच कर जाएगा तो थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे का बोन मैरो ट्रांसफर किया जाएगा. इस प्रक्रिया में 40 लाख रुपए से अधिक का खर्च होता है. बोन मैरो मैच करने के लिए सैंपल जर्मनी भेजा जाता है. 3 महीने के बाद इसकी रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट में शत प्रतिशत मैच कर गया तभी यह प्रक्रिया आगे बढ़ती है.गरीब परिवार के लिए पैसा खर्च करना चुनौती भरा होता है. देश में कुछ संस्था हैं जो पीड़ित बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है. जिसमें नारायणा हेल्थ, मां सेवा समिति, डिकेएमएस प्रमुख है. हजारीबाग वालंटियर ब्लड डोनर संगठन भी महत्वपूर्ण मदद कर रहा है.हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आयोजित शिविर में सैकड़ों की संख्या में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे पहुंचे. उनमें से कई ऐसे परिवार भी हैं जिन्होंने इस योजना का लाभ लेकर अपने बच्चों को नई जिंदगी दी है. अभिभावक प्रभु प्रसाद कुशवाह कहना है कि अपने बच्चों को सैकड़ों बार रक्त चढ़ाया. बच्चा हमेशा उदास रहता था. घर में मायूसी थी. बोन मैरो ट्रांसफर होने के बाद बच्चा शत प्रतिशत स्वस्थ है. उन्होंने लोगों से अपील भी किया कि जहां भी इस तरह का शिविर का आयोजन होता है तो अवश्य थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को ले जाकर सैंपल दे और सेवा का लाभ उठाएं.मां सेवा समिति ट्रस्ट के सदस्य भागवत भावेश जो पटना से हजारीबाग पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया मुक्त समाज को बनाने के लिए एक बहुत बड़ी पहल चल रही है. इस शिविर में HLA टेस्ट किया जा रहा है. बच्चों का सैंपल लेकर जर्मनी भेजा जाएगा. शत प्रतिशत अगर सैंपल मैच कर गया तो बच्चा की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि मां-पिता से बोन मैरो मैच होना की संभावना बेहद कम होती है. थैलेसीमिया पीड़ित का उनके भाई-बहन में मैच करने कि संभावना अधिक होती है. अगर परिवार में किसी का मैच नहीं करता है तो एक करोड़ से अधिक लोगों में किसी एक व्यक्ति का बोन मैरो मैच करने की संभावना होती है जो काफी दुर्लभ है. उन्होंने कहा कि एक बेहतर प्रयास हो रहा है, वैसे बच्चे जो 12 साल के उम्र से कम है उनके लिए है.हजारीबाग वालंटियर ब्लड डोनर के निर्मल जैन ने कहा कि इस कैंप में सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि आसपास के जिले के भी कई थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे पहुंचे हैं. काफी प्रयास के बाद जिले में पहली बार ऐसा शिविर का आयोजन किया गया है. इनमें कई ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने 1000 से अधिक बार खून चढ़ावाया है. थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को उनकी बीमारी से हमेशा के लिए मुक्त कराने कि कोशिश है.